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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध

  • 10 Mar 2023
  • 13 min read

प्रिलिम्स के लिये:

आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता, आपूर्ति शृंखला लचीलापन पहल, क्वाड, ऑस्ट्रेलिया की अवस्थिति और पड़ोसी, व्यापक रणनीतिक साझेदारी।

मेन्स के लिये:

भारत और ऑस्ट्रेलिया संबंध, भारत-ऑस्ट्रेलिया क्रिटिकल मिनरल्स इन्वेस्टमेंट पार्टनरशिप, महत्त्व, भारत-ऑस्ट्रेलिया शिखर सम्मेलन।

चर्चा में क्यों?

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री भारत-ऑस्ट्रेलिया शिखर सम्मेलन हेतु मार्च 2023 में भारत के दौरे पर हैं, उनका लक्ष्य दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और रक्षा संबंधों को मज़बूत करना है।

australia

भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध:

  • ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य:
    • ऑस्ट्रेलिया और भारत ने सर्वप्रथम स्वतंत्रता से पूर्व राजनयिक संबंध स्थापित किये, जब भारत के वाणिज्य दूतावास को पहली बार वर्ष 1941 में सिडनी में एक व्यापार कार्यालय के रूप में खोला गया था।
    • भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध उस समय ऐतिहासिक निम्न स्तर पर पहुँच गए जब ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने भारत के वर्ष 1998 के परमाणु परीक्षणों की निंदा की थी।
    • वर्ष 2014 में ऑस्ट्रेलिया ने भारत के साथ एक यूरेनियम आपूर्ति समझौते पर हस्ताक्षर किये, जो भारत के "त्रुटिहीन" (Impeccable) अप्रसार रिकॉर्ड को मान्यता देते हुए परमाणु अप्रसार संधि के गैर-हस्ताक्षरकर्त्ता देश के साथ अपनी तरह का पहला समझौता था।
  • साझा मूल्य:
    • बहुलवादी, वेस्टमिंस्टर-शैली के लोकतंत्रों के साझा मूल्यों, राष्ट्रमंडल परंपराओं, आर्थिक संबंधों के विस्तार और उच्च-स्तरीय संवाद में वृद्धि ने भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत किया है।
    • मज़बूत, जीवंत, धर्मनिरपेक्ष और बहुसांस्कृतिक लोकतंत्र, एक स्वतंत्र प्रेस, एक स्वतंत्र न्यायिक प्रणाली तथा अंग्रेज़ी भाषा सहित सामान्य लक्षण, घनिष्ठ सहयोग की नींव के रूप में काम करते हैं।
  • लोगों के बीच संबंध:
    • भारत उन शीर्ष देशों में से एक है जहाँ से प्रतिभाशाली अप्रवासी ऑस्ट्रेलिया आते हैं। वर्ष 2021 की जनगणना के अनुसार, लगभग 9.76 लाख ऑस्ट्रेलियाई लोगों ने भारतीय मूल के होने का दावा किया, जिससे वे विदेशों में पैदा हुए निवासियों का दूसरा सबसे बड़ा समूह बन गए।
  • सामरिक संबंध:
    • वर्ष 2020 में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी से व्यापक रणनीतिक साझेदारी में परिवर्तित किया।
    • वर्ष 2021 में ग्लासगो में COP26 के दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की मुलाकात हुई थी।
    • वर्ष 2022 और 2023 में मंत्रियों द्वारा कई उच्च-स्तरीय बैठकें एवं दौरे किये गए, जिनमें ऑस्ट्रेलिया-भारत वर्चुअल शिखर सम्मेलन और विदेश मंत्रियों की बैठक शामिल है। दूसरे भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान कई महत्त्वपूर्ण घोषणाएँ की गईं जिनमें शामिल हैं:
      • कौशल के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने हेतु प्रवासन और गतिशीलता भागीदारी व्यवस्था पर आशय पत्र।
  • रक्षा सहयोग:
    • सितंबर 2021 में 2+2 मंत्रिस्तरीय संवाद हुआ और ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री एवं रक्षा मंत्री ने जून 2022 में भारत का दौरा किया।
    • रक्षा सहयोग बढ़ाने हेतु जून 2020 में वर्चुअल समिट के दौरान म्यूचुअल लॉजिस्टिक्स सपोर्ट एग्रीमेंट (MLSA) पर हस्ताक्षर किये गए थे।
    • संयुक्त सैन्य अभ्यास:
      • अगस्त 2023 में भारत, जापान और अमेरिका की भागीदारी के साथ ऑस्ट्रेलिया "मालाबार" अभ्यास की मेजबानी करेगा।
      • भारत को 2023 में तालिस्मान सेबर अभ्यास में शामिल होने के लिये आमंत्रित किया गया है।
  • चीन कारक:
    • ऑस्ट्रेलिया-चीन संबंध कई कारणों से तनावपूर्ण हो गए, जिनमें ऑस्ट्रेलिया द्वारा 5G नेटवर्क से हुआवेई पर प्रतिबंध लगाना, कोविड-19 की उत्पत्ति की जाँच की मांग और शिंजियांग तथा हॉन्गकॉन्ग में चीन के मानवाधिकारों के उल्लंघन की निंदा करना शामिल है।
      • चीन ने ऑस्ट्रेलियाई निर्यात पर व्यापार बाधाओं को लागू कर सभी मंत्रिस्तरीय संपर्क समाप्त कर दिये।
    • भारत सीमा पर चीनी आक्रमण का सामना कर रहा है, जिसका उदाहरण गलवान घाटी संघर्ष जैसी घटनाएँ हैं।
    • ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों एक नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था का समर्थन करते हैं और वे भारत-प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय संस्थानों की स्थापना की मांग कर रहे हैं, जो समावेशी और आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देते हों।
      • क्वाड (भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, जापान) में शामिल भागीदार देशों की साझा चिंताओं का आधार उनके हितों के अभिसरण का एक उदाहरण है।
  • बहुपक्षीय सहयोग:
  • आर्थिक सहयोग:
    • आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ECTA):
      • यह एक दशक में विकसित देश के साथ भारत द्वारा हस्ताक्षरित पहला मुक्त व्यापार समझौता है जो दिसंबर 2022 में लागू हुआ।
    • ड्यूटी में कमी:
      • इसके परिणामस्वरूप ऑस्ट्रेलिया को किये जाने वाले भारतीय निर्यात के 96% मूल्य (जो कि टैरिफ लाइनों का 98% है) पर शुल्क में तत्काल कमी आई है और भारत को ऑस्ट्रेलिया के 85% निर्यात (मूल्य में) पर शून्य शुल्क लगा दिया गया है।
    • सप्लाई चैन रेज़ीलियेंस इनीशिएटिव (SCRI):
      • भारत और ऑस्ट्रेलिया जापान के साथ त्रिपक्षीय व्यवस्था में भागीदार हैं जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आपूर्ति शृंखलाओं के लचीलेपन को बढ़ाना चाहता है।
    • द्विपक्षीय व्यापार:
      • ऑस्ट्रेलिया भारत का 17वाँ सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और भारत, ऑस्ट्रेलिया का 9वाँ सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
      • वर्ष 2021 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार 27.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था, पाँच वर्षों में इसके 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर के आसपास पहुँचने की संभावना है।
  • शिक्षा क्षेत्र में सहयोग:
    • मार्च 2023 में शैक्षिक योग्यता की पारस्परिक मान्यता (MREQ) के लिये सहयोग पर हस्ताक्षर किये गए थे। यह भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच छात्रों की गतिशीलता को सुविधाजनक बनाएगा।
      • डीकिन विश्वविद्यालय और वोलोंगोंग विश्वविद्यालय भारत में परिसर खोलने की योजना बना रहे हैं।
      • 1 लाख से अधिक भारतीय छात्र ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा हासिल कर रहे हैं, जिससे ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्र विदेशी छात्रों का दूसरा सबसे बड़ा समूह बनकर उभरा है।
  • स्वच्छ ऊर्जा में सहयोग:
    • फरवरी 2022 में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा के एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर कर देशों ने अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों जैसे- अल्ट्रा लो-कॉस्ट सौर और स्वच्छ हाइड्रोजन की लागत को न्यूनतम करने के लिये साथ काम करने पर सहमति व्यक्त की।
    • भारत ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) के तहत प्रशांत महाद्वीपीय देशों को 10 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (AUD) की सहायता प्रदान करने की घोषणा की।
    • दोनों देशों ने तीन वर्ष की भारत-ऑस्ट्रेलिया दुर्लभ खनिज निवेश साझेदारी के लिये 5.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर प्रदान करने का वचन दिया।

भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को लेकर चुनौतियाँ:

  • अडानी कोयला खदान विवाद:
    • ऑस्ट्रेलिया में अडानी कोयला खदान परियोजना पर विवाद था, हालाँकि कुछ कार्यकर्त्ताओं ने इसका विरोध किया, जिससे दोनों देशों के आपसी संबंधों में तनाव उत्पन्न हो गया।
  • वीज़ा मुद्दे :
    • ऑस्ट्रेलिया में काम करने के इच्छुक भारतीय कामगारों और छात्रों के लिये वीज़ा प्रतिबंधों को लेकर चिंता व्यक्त की गई है।
  • भारतीय प्रवासियों के साथ हिंसा:
    • खालिस्तान समर्थकों द्वारा हाल ही में भारतीय प्रवासियों और मंदिरों पर किये गए हमलों ने तनाव उत्पन्न कर दिया है।

आगे की राह

  • साझा मूल्यों, विभिन्न प्रकार की रुचियों, भौगोलिक उद्देश्यों के कारण हाल के वर्षों में भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध मजबूत हुए हैं।
  • दोनों देश एक ऐसा हिंद-प्रशांत क्षेत्र चाहते हैं जो मुक्त, खुला, समावेशी और नियमपूर्वक शासित हो; किसी भी विवाद को बिना किसी दबाव या एकतरफा कार्रवाई के सुलझाया जाना चाहिये।
  • भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन जैसी पहल, भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच नए सिरे से संबंध, इंडो-पैसिफिक में नियम-आधारित आदेश सुनिश्चित करने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिये दोनों देशों के बीच संबंधों को और मज़बूत करने का अवसर प्रदान करते हैं।

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न 

प्रश्न. निम्नलिखित देशों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. ऑस्ट्रेलिया
  2. कनाडा
  3. चीन
  4. भारत
  5. जापान
  6. अमेरिका

उपर्युक्त में से कौन आसियान के 'मुक्त-व्यापार भागीदारों' में से हैं?

(a) केवल 1, 2, 4 और 5
(b) केवल 3, 4, 5 और 6
(c) केवल 1, 3, 4 और 5
(d) केवल 2, 3, 4 और 6

उत्तर: (c)

  • पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना, कोरिया गणराज्य, जापान, भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड छह ऐसे देश हैं जिनके साथ दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) के मुक्त व्यापार समझौते हैं।

स्रोत : इंडियन एक्सप्रेस

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