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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

163348(2002 NN4) क्षुद्रग्रह

  • 06 Jun 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

संभावित खतरनाक क्षुद्रग्रह, नियर अर्थ ऑब्जेक्ट

मेन्स के लिये:

क्षुद्रग्रह  तथा उनसे संबंधित विभिन्न तथ्य

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (National Aeronautics and Space Administration-NASA) ने घोषणा की है कि एक विशाल क्षुद्रग्रह के पृथ्वी (सुरक्षित दूरी पर) से गुजरने की उम्मीद है। इस विशाल क्षुद्रग्रह को ‘163348(2002 NN4)’ नाम दिया गया है। 

प्रमुख बिंदु:

  • गौरतलब है कि ‘163348(2002 NN4)’ क्षुद्रग्रह की खोज जुलाई 2002 में की गई थी।
  • इस क्षुद्रग्रह को ‘संभावित खतरनाक क्षुद्रग्रह’ (Potentially Hazardous Asteroid- PHA) और ‘नीयर अर्थ ऑब्जेक्ट (Near Earth Object)’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है। 
  • नासा की ‘जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी’ (Jet Propulsion Laboratory- JPL) के अनुसार, ‘163348(2002 NN4)’ क्षुद्रग्रह का व्यास 250-570 मीटर के बीच हो सकता है।
  • वैज्ञानिकों द्वारा ‘163348(2002 NN4)’ क्षुद्रग्रह के घूर्णन का अवलोकन किया गया है। यह प्रत्येक 14.50 दिनों में अपनी धुरी पर एक चक्कर पूरा करता है। 
  • वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह क्षुद्रग्रह 5.2 किमी प्रति सेकंड या 11,200 मील प्रति घंटे की गति से पृथ्वी की कक्षा के पास से गुजरेगा। इसके पृथ्वी से 5.1 मिलियन किलोमीटर दूरी से गुजरने का अनुमान है।

संभावित खतरनाक क्षुद्रग्रह

(Potentially Hazardous Asteroid-PHA):

  • संभावित खतरनाक क्षुद्रग्रह ऐसे क्षुद्रग्रह होते हैं जिनके पृथ्वी के करीब से गुजरने से पृथ्वी पर खतरा उत्पन्न होने की संभावना बनी रहती है। 
  • संभावित खतरनाक क्षुद्रग्रह की श्रेणी में उन क्षुद्रग्रह को रखा जाता है जिनकी  ‘मिनिमम ऑर्बिट इंटरसेक्शन डिस्टेंस’ (Minimum Orbit Intersection Distance- MOID) 0.05AU या इससे कम हो। साथ ही ‘एब्सोल्यूट मैग्नीट्यूड’ (Absolute Magnitude-H) 22.0 या इससे कम हो। पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी को AU से इंगित करते हैं।

नियर अर्थ ऑब्जेक्ट (Near Earth Object):

  • ‘नियर अर्थ ऑब्जेक्ट’ ऐसी पिंड/क्षुद्रग्रह या धूमकेतु होते हैं जो पृथ्वी पर खतरा उत्पन्न करते हुए उसकी कक्षा के करीब से गुजरते हैं। ये क्षुद्रग्रह ज्यादातर बर्फ और धूल के कण से मिलकर बने होते हैं।
  • गौरतलब है कि पृथ्वी पर जीवन के विलुप्त होने के उन सभी कारणों में से एक पृथ्वी से क्षुद्रग्रह का टकराना माना जाता है।
  • वैज्ञानिकों ने क्षुद्रग्रह से बचाव हेतु निम्नलिखित तरीके सुझाए हैं-  
    • पृथ्वी पर पहुँचने से पहले ही क्षुद्रग्रह को नष्ट कर देना।
    • एक अंतरिक्ष यान की सहायता से क्षुद्रग्रह को पृथ्वी की कक्षा से अलग कर देना।

क्षुद्रग्रह (Asteroid):

  • क्षुद्रग्रह सूर्य की परिक्रमा करने वाले छोटे चट्टानी पिंड होते हैं। क्षुद्रग्रह द्वारा सूर्य की परिक्रमा ग्रहों के समान ही की जाती है लेकिन इनका आकार ग्रहों की तुलना में बहुत छोटा होता है। 
  • हमारे सौरमंडल में बहुत सारे क्षुद्रग्रह हैं। उनमें से ज़्यादातर क्षुद्रग्रह मुख्य क्षुद्रग्रह बेल्ट (Main Asteroid Belt) में पाए जाते हैं। यह मुख्य क्षुद्रग्रह बेल्ट मंगल और बृहस्पति ग्रहों की कक्षाओं के बीच के क्षेत्र में स्थित है।
  • वैज्ञानिकों के अनुसार, अगले 100 वर्षों तक 140 मीटर से बड़े किसी भी क्षुद्रग्रह के पृथ्वी से टकराने की संभावना नहीं है। 

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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