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भारतीय अर्थव्यवस्था

चीनी आयात पर अंकुश लगाने के लिये एक नई ई-कॉमर्स नीति

  • 19 Jun 2020
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये:

आत्मनिर्भर भारत अभियान, DPIIT

मेन्स के लिये:

राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति का महत्व, देश में ई-कॉमर्स उद्योग के समक्ष चुनौतियाँ और आवश्यक उपाय।

चर्चा में क्यों?

चीन से आयातित वस्तुओं पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से, भारत जल्द ही ई-कॉमर्स कंपनियों के लिये यह स्पष्ट करना अनिवार्य कर सकता है कि उनके मंच पर बेची जा रही वस्तुओं को भारत में उत्पादित किया गया है या नहीं।

प्रमुख बिंदु

  • यह क्लॉज़ राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति मसौदे का भी एक हिस्सा हो सकता है।
  • 31 मार्च, 2020 को समाप्त वित्तीय वर्ष के पहले 11 महीनों में चीन का भारत के साथ लगभग 47 बिलियन डॉलर का व्यापार अधिशेष था।
  • यह एक प्रकार का चेकमार्क (CheckMark) होगा, जिसमें उपभोक्ता भारत में उत्पादित सामान खरीदने का फैसला कर सकते हैं।
  • राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति मसौदे में भी ई-कॉमर्स कंपनियों को सभी उत्पादों के लिये मार्केटप्लेस पर विक्रेता का विवरण उपलब्ध कराने के लिये अनिवार्य कर दिया गया है।
    • नीति में प्रस्ताव था कि इकाई का पूरा नाम, उसका पता और संपर्क विवरण प्रदान किया जाएगा।

राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति:

  • ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (Department for Promotion of Industry and Internal Trade- DPIIT) द्वारा इस नीति को तैयार किया है।
    • ई-कॉमर्स के क्षेत्र में उपभोक्ता संरक्षण, डेटा गोपनीयता और हितधारकों हेतु समान अवसर उपलब्ध कराने जैसी समस्याएँ पटल पर आती रही हैं। इन्हीं समस्याओं हेतु उचित समाधान प्रस्तुत करने के लक्ष्य के साथ राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति एक रणनीति तैयार करती है।
  • COVID-19 महामारी के चलते इस नीति को जारी करने में देरी हो रही है।
    • राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति का मसौदा वर्ष 2019 में जारी किया गया था।

Home-made

इस कदम की महत्ता:

  • इससे उपभोक्ताओं को स्थानीय स्तर पर निर्मित उत्पादों को खरीदने के विकल्प प्राप्त होने के अतिरिक्त हाल ही में भारत सरकार द्वारा प्रारंभ किये गए आत्मनिर्भर भारत मिशन को भी समर्थन मिलेगा।
  • यह क्लॉज़ देश की आत्मनिर्भरता के एजेंडे के साथ अच्छी तरह से सुमेलित होगा और लोगों को इस बात के लिये सचेत करेगा कि वे क्या खरीद रहे हैं।
  • ई-कॉमर्स मसौदा नीति, नियामकों को उन लोगों को दंडित करने की शक्ति देती है जो गलत सूचना फैलाते हैं।
    • नीति का उद्देश्य ई-कॉमर्स, नौकरियों, ग्रामीण उत्पादकता और निर्यात को बढ़ावा देना है।

स्रोत: इकोनोमिक्स टाइम्स

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