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जैव विविधता और पर्यावरण

विश्व वन्यजीव दिवस पर WWF संरक्षण अभियान

  • 05 Mar 2021
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर ( Worldwide Fund for Nature- WWF) द्वारा विश्व वन्यजीव दिवस (3 मार्च) के अवसर पर यूरोप के अंतिम पुराने विकसित वनों को बचाने हेतु यूरोपीय संघ (European Union- EU) सहित कई हितधारकों से अपील की गई।

  • WWF की स्थापना वर्ष 1961 में की गई थी, इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के ग्लैंड में स्थित है। इसका मिशन प्रकृति का संरक्षण करना है, साथ ही पृथ्वी पर जीवन की विविधता के संरक्षण में आने वाली बाधाओं को दूर करना है

प्रमुख बिंदु:

  • यूरोप के अंतिम पुराने विकसित वन (Old-Growth Forests- OGF) आदिम जंगल हैं जिनका प्राकृतिक प्रक्रियाओं (Natural Processes) में वर्चस्व है। इनमें अक्षत वन (Virgin Forest), निकटवर्ती अक्षत वन (Near-Virgin Forest) तथा मनुष्यों द्वारा लंबे समय से अछूते वन (Long-Untouched Forests) शामिल हैं, जैसे- पोलैंड में बियालोवेआ वन।
  • अब तक मध्य और दक्षिण-पूर्वी यूरोप में 3,50,000 हेक्टेयर क्षेत्र में पुराने-विकसित और वर्जिन वनों की पहचान की गई थी। इनमें से केवल 2,80,000 हेक्टेयर को ही कानूनी संरक्षण प्राप्त है। 

अवस्थिति: 

  •  OGF और वनीय आवास का सबसे बड़ा क्षेत्र मुख्य रूप से यूरोप (रूस के बाहर) के रोमानिया, यूक्रेन, स्लोवाकिया और बुल्गारिया में पाया जाता है।

पारिस्थितिक महत्त्व: 

  • ये यूरोप की सबसे बड़ी जीवित मांसाहारी (Large Carnivore Populations) आबादी के साथ-साथ वनस्पतियों और जीवों की हज़ारों अन्य प्रजातियों के आवास स्थल रहे है।
  • इन वनों द्वारा जलवायु को नियंत्रित करने के लिये पानी को छानने और स्वच्छ जल के भंडारण जैसी महत्त्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं का प्रतिपादन किया गया, इस प्रकार ये जंगल लोगों और अर्थव्यवस्था हेतु महत्त्वपूर्ण रहे है।

खतरा: 

  • कानूनी एवं अवैध रूप से अनिश्चित तौर पर वनों की कटाई तथा जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के कारण जंगलों पर दबाव बढ़ा है।
  • वनीय निवासों के विखंडन और विनाश के कारण जानवर और रोग वाहक दोनों की अनजाने में मनुष्यों के साथ लगातार संपर्क एवं संघर्ष की स्थिति बनी हुई है।

उठाए जाने वाले कदम: 

  • धारणीय/स्थायी क्षतिपूर्ति तंत्र (Sustainable Compensation Mechanisms) को विकसित करने और बढ़ावा देने की आवश्यकता है। 
  • इस प्रकार के वनों के सतत् विकास का समर्थन करने हेतु वन-आधारित स्थानीय हरित व्यवसाय और निवेश योजनाओं का विकास किये जाने की आवश्यकता है। 

विश्व वन्यजीव दिवस: 

  • वर्ष 2013 से  हर वर्ष 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस का आयोजन किया जाता  है। इस दिन अर्थात् 3 मार्च, 1973 को ही वन्यजीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) को अंगीकृत किया गया था।।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) के प्रस्ताव द्वारा  संयुक्त राष्ट्र के कैलेंडर में वन्यजीवों हेतु इस विशेष दिन के वैश्विक पालन सुनिश्चित करने हेतु  CITES सचिवालय द्वारा निर्देशित  किया जाता है।
  • थीम: 
    • वर्ष 2021 के लिये  विश्व वन्यजीव दिवस की थीम 'वन और आजीविका: लोगों और ग्रह को बनाए रखना' (Forests and Livelihoods: Sustaining People and Planet) है। इसे संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals) के साथ जोड़ा गया  है।
    • विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने घोषणा की है कि भारत में यह चीता प्रजनन हेतु समर्पित है, जो वर्ष 1952 में विलुप्त हो गया था।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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