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विश्व क्षय रोग दिवस 2022

  • 24 Mar 2022
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

क्षय रोग, तपेदिक से निपटने के प्रयास।

मेन्स के लिये:

विश्व क्षय रोग दिवस, स्वास्थ्य, सरकारी नीतियों और हस्तक्षेपों के पालन का महत्त्व।

चर्चा में क्यों?

प्रतिवर्ष 24 मार्च को विश्व क्षय रोग (टीबी) दिवस इसके विनाशकारी सामाजिक आर्थिक और स्वास्थ्य परिणामों के बारे में जागरूकता फैलाने तथा विश्व स्तर पर टीबी महामारी को समाप्त करने के प्रयास करने के लिये मनाया जाता है।

विश्व टीबी दिवस और इसका महत्त्व:

  • इस दिन 1882 में डॉ. रॉबर्ट कोच ने एक माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस की खोज की घोषणा की जो टीबी का कारण बनता है और उनकी खोज ने इस बीमारी के निदान और इलाज का रास्ता खोल दिया।
  • आज भी टीबी दुनिया के सबसे घातक संक्रामक रोगों में से एक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हर दिन 4100 से अधिक लोग टीबी से अपनी जान गँवाते हैं और लगभग 28,000 लोग इस बीमारी से ग्रसित होते हैं। एक दशक से अधिक समय में पहली बार 2020 में टीबी से होने वाली मौतों में वृद्धि हुई है।
    • डब्ल्यूएचओ के अनुसार, वर्ष 2020 में लगभग 9,900,000 लोग टीबी के कारण बीमार पड़ गए और लगभग 1,500,000 लोगों की मृत्यु हो गई। वर्ष 2000 से टीबी को समाप्त करने के लिये विश्व स्तर पर किये गए प्रयासों से 66,000,000 लोगों की जान बचाई गई है।
    • दुनिया भर में कुल टीबी मामलों में भारत का हिस्सा लगभग 26% है। 
  • इसलिये विश्व टीबी दिवस दुनिया भर के लोगों को टीबी रोग और उसके प्रभाव के बारे में शिक्षित करने के लिये मनाया जाता है।

विश्व टीबी दिवस 2022 की थीम

  • इस वर्ष की थीम है- "इन्वेस्ट टू एंड टीबी. सेव लाइव्स।"
  • यह विषय तपेदिक (टीबी) के खिलाफ लड़ाई में तेज़ी लाने और तपेदिक को समाप्त करने हेतु दुनिया भर के नेताओं द्वारा की गई प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिये संसाधनों के निवेश की आवश्यकता पर ज़ोर देता है।

टीबी से निपटने हेतु पहल

‘क्षय रोग’ (TB)

  • परिचय:
    • टीबी या क्षय रोग ‘माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस’ नामक जीवाणु के कारण होता है, जो कि लगभग 200 सदस्यों वाले ‘माइकोबैक्टीरियासी परिवार’ से संबंधित है।
      • कुछ माइकोबैक्टीरिया मनुष्यों में टीबी और कुष्ठ रोग का कारण बनते हैं तथा अन्य काफी व्यापक स्तर पर जानवरों को संक्रमित करते हैं।
    • टीबी, मनुष्यों में सबसे अधिक फेफड़ों (पल्मोनरी टीबी) को प्रभावित करता है, लेकिन यह अन्य अंगों (एक्स्ट्रा-पल्मोनरी टीबी) को भी प्रभावित कर सकता है।
    • टीबी एक बहुत ही प्राचीन रोग है और मिस्र में तकरीबन 3000 ईसा पूर्व में इसके अस्तित्व में होने का दस्तावेज़ीकरण किया गया था। टीबी एक इलाज योग्य रोग है।
  • ट्रांसमिशन
    • टीबी रोग हवा के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। जब ‘पल्मोनरी टीबी’ से पीड़ित कोई व्यक्ति खाँसता, छींकता या थूकता है, तो वह टीबी के कीटाणुओं को हवा में फैला देता है।
  • लक्षण
    • ‘पल्मोनरी टीबी’ के सामान्य लक्षणों में बलगम के साथ खाँसी और कई बार खून आना, सीने में दर्द, कमज़ोरी, वज़न कम होना, बुखार और रात को पसीना आना शामिल है।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा,विगत वर्षों के प्रश्न (PYQ)

'डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (मेडिसिन सैंस फ्रंटियर्स)' जो प्रायः समाचारों में आया है: 2016

(a) विश्व स्वास्थ्य संगठन का एक प्रभाग
(b) एक गैर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन
(c) यूरोपीय संघ द्वारा प्रायोजित एक अंतःसरकारी एजेंसी
(d) संयुक्त राष्ट्र की एक विशिष्ट एजेंसी

उत्तर: (b)

स्रोत: पी.आई.बी.

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