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भारतीय अर्थव्यवस्था

ज़मानती बॉण्ड

  • 20 Jun 2022
  • 12 min read

प्रिलिम्स के लिये:

ज़मानती बॉण्ड, प्रदर्शन बॉण्ड, अग्रिम भुगतान बॉण्ड, बोली बॉण्ड 

मेन्स के लिये:

ज़मानती बॉण्ड और बुनियादी ढाँचे के विकास को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका। 

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) ने भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण   (IRDAI) को सामान्य बीमाकर्ताओं के परामर्श से ज़मानती बॉण्ड पर एक मॉडल उत्पाद विकसित करने के लिये कहा है। 

  • कई चुनौतीपूर्ण मुद्दों ने बीमाकर्त्ताओं के साथ ज़मानती बॉण्ड को पूरी तरह से गैर-स्टार्टर बना दिया है और IRDAI को प्रस्तावित किया गया है कि इसे एक मॉडल उत्पाद तैयार करना चाहिये। 
  • भारतीय अनुबंध अधिनियम के साथ-साथ दिवाला और दिवालियापन संहिता (IBC) में परिवर्तन के मुद्दे पर भी प्रकाश डाला गया ताकि डिफाल्ट  के मामले में उनके लिये उपलब्ध सबूतों के संदर्भ में ज़मानती बॉण्ड बैंक गारंटी के समान स्तर पर हों, इस पर भी विचार किया जा रहा है। 

ज़मानती बॉण्ड: 

  • परिचय: 
    • किसी अधिनियम के अनुपालन, भुगतान या प्रदर्शन की गारंटी के लिये एक लिखित समझौते के रूप में एक ज़मानती बॉण्ड को अपने सरल रूप में परिभाषित किया जा सकता है। 
    • यह एक अद्वितीयक  प्रकार का बीमा है क्योंकि इसमें तीन-पक्षीय समझौता शामिल है। एक ज़मानत समझौते में तीन पक्ष होते हैं: 
      • मुख्य पक्ष- वह पक्ष जो बॉण्ड खरीदता है और वादे के अनुसार कार्य करने का दायित्व लेता है।  
      • ज़मानत पक्ष- दायित्व की गारंटी देने वाली बीमा कंपनी या ज़मानत कंपनी का प्रदर्शन किया जाएगा। यदि मुख्य पक्ष वादे के अनुसार कार्य करने में विफल रहता है, तो ज़मानत   पक्ष  निरंतर नुकसान के लिये संविदात्मक रूप से उत्तरदायी है।
    • ओब्लिगी- जिस पार्टी की आवश्यकता होती है वह प्रायः ज़मानती बॉण्ड से लाभ प्राप्त करता है। अधिकांश ज़मानती बॉण्ड के लिये ‘ओब्लिगी' एक स्थानीय, राज्य या संघीय सरकारी संगठन होता है। 
    • बीमा कंपनी द्वारा ठेकेदार की ओर से उस संस्था को ज़मानती बॉण्ड प्रदान किया जाता है जो परियोजना शुरू कर रही है। 
  • उद्देश्य: 
    • ज़मानती बाॅण्ड मुख्य रूप से बुनियादी ढाँचे के विकास से संबंधित है, यह आपूर्तिकर्त्ताओं और कार्य-ठेकेदारों के लिये अप्रत्यक्ष लागत को कम करने हेतु उनके विकल्पों में विविधता लाने व बैंक गारंटी के विकल्प के रूप में कार्य करता है। 
  • लाभ: 
    • ज़मानती बाॅण्ड लाभार्थी को उन कृत्यों या घटनाओं से बचाता है जो मुख्य पक्ष को अंतर्निहित दायित्वों  से वंचित करते हैं। 
    • वे निर्माण या सेवा अनुबंधों से लेकर लाइसेंसिंग और वाणिज्यिक उपक्रमों तक विभिन्न दायित्वों के प्रदर्शन की गारंटी देते हैं। 

Surety-Bond

ज़मानती बाॅण्ड से संबंधित मुद्दे: 

  • एक नई अवधारणा के रूप में ज़मानती बाॅण्ड काफी जोखिम भरा हो सकता है और भारत में बीमा कंपनियों को अभी तक ऐसे व्यवसाय में जोखिम मूल्यांकन में विशेषज्ञता हासिल नहीं हुई है। 
  • इसके अलावा मूल्य निर्धारण, डिफॉल्टिंग ठेकेदारों के विरुद्ध उपलब्ध सहायता और पुनर्बीमा विकल्पों पर कोई स्पष्टता नहीं है। 
    • ये काफी महत्त्वपूर्ण विषय हैं और ज़मानत से संबंधित विशेषज्ञता एवं क्षमताओं के निर्माण में बाधा डाल सकते हैं तथा अंततः बीमाकर्त्ताओं को इस व्यवसाय में प्रवेश करने से रोक सकते हैं। 

अवसंरचना परियोजनाओं को किस प्रकार बढ़ावा देगा? 

  • ज़मानती अनुबंधों के लिये नियम बनाने के कदम से बुनियादी अवसंरचना क्षेत्र को अधिक तरलता और वित्तपोषण आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी। 
  • यह बड़े, मध्यम एवं छोटे ठेकेदारों के लिये समान अवसर प्रदान करेगा। 
  • ज़मानती बीमा व्यवसाय, निर्माण परियोजनाओं के लिये बैंक गारंटी के विकल्प को विकसित करने में सहायता करेगा। 
    • यह कार्यशील पूंजी के कुशल उपयोग को सक्षम करेगा और निर्माण कंपनियों द्वारा प्रदान की जाने वाली संपार्श्विक की आवश्यकता को कम करेगा। 
  • जोखिम संबंधी जानकारी साझा करने हेतु बीमाकर्त्ता वित्तीय संस्थानों के साथ मिलकर काम करेंगे। 
    • इसलिये यह जोखिम पहलुओं पर समझौता किये बिना बुनियादी अवसंरचना के क्षेत्र में तरलता लाने में सहायता करेगा। 

ज़मानती बाॅण्ड पर IRDAI दिशा-निर्देश 

  • नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, बीमा कंपनियाँ अब बहुप्रतीक्षित ज़मानती बाॅण्ड लॉन्च कर सकती हैं। 
  • IRDAI ने कहा है कि एक वित्तीय वर्ष में सभी निश्चित बीमा पॉलिसियों के लिये लिया गया प्रीमियम, उन नीतियों हेतु बाद के वर्षों में सभी किश्तों सहित उस वर्ष के कुल सकल लिखित प्रीमियम के 10% से अधिक नहीं होना चाहिये, जो कि अधिकतम 500 करोड़ रुपए की सीमा के अधीन है। 
  • भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के अनुसार, बीमाकर्त्ता ज़मानती बाॅण्ड जारी कर सकते हैं, जो सार्वजनिक संस्था, डेवलपर्स, उप-अनुबंधकर्त्ता और आपूर्तिकर्त्ताओं को आश्वासन देते हैं कि ठेकेदार परियोजना शुरू करते समय अपने संविदात्मक दायित्व को पूरा करेगा। 
    • अनुबंध बाॅण्ड में बोली बाॅण्ड, प्रदर्शन बाॅण्ड, अग्रिम भुगतान बाॅण्ड और प्रतिधारण राशि शामिल हो सकती है 
      • बोली बाॅण्ड: यह एक उपकृत को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है यदि बोली लगाने वाले को बोली दस्तावेज़ो के अनुसार एक अनुबंध से सम्मानित किया जाता है, लेकिन अनुबंध पर हस्ताक्षर करने में विफल रहता है। 
      • प्रदर्शन बाॅण्ड: यह आश्वासन प्रदान करता है कि यदि प्रिंसिपल या ठेकेदार अनुबंध को पूरा करने में विफल रहता है तो उपकृत की रक्षा की जाएगी। यदि उपकृतकर्ता प्रिंसिपल या ठेकेदार को डिफॉल्ट घोषित करता है और अनुबंध को समाप्त कर देता है, तो यह ज़मानत प्रदाता को बाॅण्ड के तहत ज़मानत के दायित्वों को पूरा करने के लिये कह सकता है। 
      • अग्रिम भुगतान बाॅण्ड: यदि ठेकेदार विनिर्देशों के अनुसार, अनुबंध को पूरा करने में या अनुबंध के दायरे का पालन करने में विफल रहता है, तो यह ज़मानत प्रदाता द्वारा अग्रिम भुगतान की बकाया राशि का भुगतान करने का वायदा है। 
      • प्रतिधारण राशि: यह ठेकेदार को देय राशि का एक हिस्सा है, जिसे अनुबंध के सफल समापन के बाद अंत में बनाए रखा जाता है और देय होता है। 
  • गारंटी की सीमा अनुबंध मूल्य के 30% से अधिक नहीं होनी चाहिये। 
  • ज़मानत बीमा अनुबंध केवल विशिष्ट परियोजनाओं के लिये जारी किये जाने चाहिये और कई परियोजनाओं के लिये संयोजित नहीं किये जाने चाहिये। 

विगत वर्ष के प्रश्न 

प्र. कभी-कभी समाचारों में देखे जाने वाले 'आईएफसी मसाला बाॅण्ड' के संदर्भ में, नीचे दिये गए कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2016) 

  1. अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम, जो इन बाॅण्डों की पेशकश करता है, विश्व बैंक की एक शाखा है।
  2. वे रुपए में मूल्यवर्ग के बाॅण्ड हैं और सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के लिये ऋण वित्तपोषण का एक स्रोत हैं।

नीचे दिये गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिये: 

(a) केवल 1  
(b) केवल 2  
(c) 1 और 2 दोनों  
(d) न तो 1 और न ही 

उत्तर:(c) 

व्याख्या:  

  • विश्व बैंक समूह जो विकासशील देशों के लिये वित्तीय और तकनीकी सहायता का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है, में पांँच विशिष्ट लेकिन पूरक संगठन शामिल हैं, अर्थात्, 
    • अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक 
    • अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (IDA) 
    • अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC), अतः कथन 1 सही है। 
    • बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी (MIGA) 
    • निवेश विवादों के निपटारे के लिये अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (ICSID) 
  • IFC में सदस्यता केवल विश्व बैंक के सदस्य देशों के लिये खुली है। इसके बोर्ड की स्थापना 1956 में हुई थी। 
  • IFC का स्वामित्त्व 184 सदस्य देशों के पास है, एक समूह जो सामूहिक रूप से नीतियों को निर्धारित करता है। बोर्ड ऑफ गवर्नर्स और निदेशक मंडल के माध्यम से सदस्य देश IFC के कार्यक्रमों और गतिविधियों का मार्गदर्शन करते हैं। 
  • मसाला बांड विदेशी बाज़ारों में भारतीय संस्थाओं द्वारा जारी रुपये-नामित उधार हैं। मसाला का अर्थ है 'मसाले' और इस शब्द का उपयोग अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC) द्वारा विदेशी प्लेटफार्मों पर भारत की संस्कृति और व्यंजनों को लोकप्रिय बनाने के लिये किया गया था। 
  • मसाला बांड का उद्देश्य भारत में बुनियादी ढांँचा परियोजनाओं को वित्तपोषित करना, उधार के माध्यम से आंतरिक विकास को बढ़ावा देना और भारतीय मुद्रा का अंतर्राष्ट्रीयकरण करना है। अत: कथन 2 सही है। 

अतः विकल्प (c) सही है। 

स्रोत : इंडियन एक्सप्रेस 

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