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भारतीय चिकित्‍सा प्रणालियों के लिये राष्‍ट्रीय आयोग (NCIM) विधेयक, 2018

  • 29 Dec 2018
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?


प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय चिकित्‍सा प्रणालियों के लिये राष्‍ट्रीय आयोग विधेयक, 2018 [National Commission for Indian Medical Systems (NCIM) Bill, 2018] के मसौदे को मंज़ूरी दे दी है।

उद्देश्य

  • मौजूदा नियामक भारतीय चिकित्‍सा केंद्रीय परिषद (Central Council for Indian Medicine-CCIM) के स्‍थान पर एक नए निकाय का गठन करना, ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
  • एलोपैथी चिकित्‍सा प्रणाली के लिये प्रस्‍तावित राष्‍ट्रीय चिकित्‍सा आयोग (National Medical Commission) की तर्ज पर भारतीय चिकित्‍सा क्षेत्र की चिकित्‍सा शिक्षा में व्‍यापक सुधार लाना।

विशेषताएँ

  • विधेयक के मसौदे में चार स्‍वायत्‍त बोर्डों के साथ एक राष्‍ट्रीय आयोग के गठन का प्रावधान किया गया है। चारों स्वायत्त बोर्ड इस प्रकार होंगे-
  1. आयुर्वेद बोर्ड (Board of Ayurveda) : आयुर्वेद से जुड़ी समग्र शिक्षा के संचालन की जिम्‍मेदारी इस बोर्ड के पास होगी।
  2.  यूनानी, सिद्ध एवं सोवा-रिग्‍पा बोर्ड (Board of Unaini, Siddha and Sowarigpa) : इस बोर्ड के पास यूनानी, सिद्ध एवं सोवा रिग्‍पा से जुड़ी समग्र शिक्षा के संचालन की ज़िम्‍मेदारी होगी।
    ‘सोवा-रिग्पा’ जिसे आमतौर पर दवा की तिब्बती प्रणाली के रूप में जाना जाता है, दुनिया की सबसे प्राचीन, समकालीन और अच्छी तरह लिखित रूप में मौज़ूद चिकित्सा परंपराओं में से एक है।
  3. आकलन एवं रेटिंग बोर्ड (Board of assessment and rating): यह भारतीय चिकित्‍सा प्रणालियों के शैक्षणिक संस्थानों का आकलन करने के साथ-साथ उन्हें मंज़ूरी प्रदान करेगा।
  4. भारतीय चिकित्‍सा प्रणालियों के चिकित्‍सकों का पंजीकरण बोर्ड (Board of ethics and registration of practitioners of Indian systems of medicine) : यह भारतीय राष्ट्रीय चिकित्‍सा आयोग (National Commission for Indian Medicine) के अधीन प्रैक्टिस से जुड़े आचार नी‍ति मुद्दों के साथ-साथ राष्‍ट्रीय रजिस्‍टर (National Register) के रख-रखाव की ज़िम्‍मेदारी संभालेगा।
  • विधेयक के मसौदे में सामान्य प्रवेश परीक्षा और एक ‘एक्ज़िट एक्‍जाम’ (exit exam)का प्रस्‍ताव भी किया गया है जिसमें सभी स्‍नातकों को पास करना अनिवार्य होगा तभी उन्‍हें प्रैक्टिस करने का लाइसेंस मिलेगा।
  • विधेयक में शिक्षक अर्हता परीक्षा (teacher's eligibility test) आयोजित करने का भी प्रस्‍ताव किया गया है, ताकि नियुक्ति एवं पदोन्‍नति से पहले शिक्षकों के ज्ञान के स्‍तर (standard) का आकलन किया जा सके।

लाभ

  • प्रस्तावित नियामक ढाँचे या व्‍यवस्‍था से पारदर्शिता के साथ-साथ आम जनता के हितों के संरक्षण के लिये जवाबदेहिता सुनिश्चित होगी।
  • NCIM देश के सभी हिस्‍सों में किफायती स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं की उपलब्‍धता को बढ़ावा देगा।

भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (Central Council for Indian Medicine-CCIM)


यह भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद अधिनियम, 1970 के तहत गठित तथा आयुष मंत्रालय भारत सरकार के अधीन एक सांविधिक निकाय (Statutory body) है।

कार्य

  • भारतीय चिकित्सा पद्धति यथा आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी तिब्ब तथा सोवा रिग्पा में शिक्षा के लिये न्यूनतम मानक तैयार करना और उन्हें लागू करना।
  • भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परीक्षा अधिनियम 1970 के द्वितीय अनुसूची में/से चिकित्सीय अर्हताओं की मान्यता के समावेश/से मान्यता को वापस लिये जाने से संबंधित मामलो पर केंद्रीय सरकार को अनुशंसा भेजना।
  • भारतीय चिकित्सा की केंद्रीय पंजिका का रख-रखाव करना और समय-समय पर उसे परिशोधित करना।
  • भारतीय चिकित्सा के चिकित्साभ्यासियों द्वारा अनुपालन करने के लिये आचरण एवं शिष्टाचार तथा आचार संहिता के मानक तैयार कर उन्हें लागू करना।
  • भारतीय चिकित्सा पद्धति के नए महाविद्यालय स्थापित करने, स्नातकीय एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में प्रवेश क्षमता बढ़ाने एवं नए अथवा स्नातकोतर अतिरिक्त विषयों को प्रारंभ करने हेतु विभिन संस्थानों से प्राप्त प्रस्तावों पर विचार करना व भारत सरकर को अनुशंसाएँ भेजना।

स्रोत: पी.आई.बी

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