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डेली न्यूज़

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत-बाल्टिक देश

  • 22 Aug 2019
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

भारत के उपराष्ट्रपति 17-21 अगस्त तक लिथुआनिया (Lithuania), लातविया (Latvia) और एस्टोनिया (Estonia) की यात्रा पर रहे जो भारत की ओर से इन तीन बाल्टिक देशों की पहली उच्च स्तरीय यात्रा है।

प्रमुख बिंदु

  • उपराष्ट्रपति की इन तीन बाल्टिक राष्ट्रों की यात्रा से भारत के संबंध इस क्षेत्र के महत्त्वपूर्ण देशों के साथ मज़बूत होंगे।
  • उपराष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nationas Security Council-UNSC) की सदस्यता के विस्तार एवं सुधारों के साथ ही भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करने के लिये लातविया और लिथुआनिया का आभार व्यक्त किया।
  • उपराष्ट्रपति ने भारत-लातविया बिजनेस फोरम (India-Latvia Business Forum) को संबोधित किया और द्विपक्षीय व्यापार तथा आर्थिक सहयोग को बढ़ाये जाने का आह्वान किया।
  • उपराष्ट्रपति ने लातविया के राष्ट्रीय पुस्तकालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण भी किया।
  • उपराष्ट्रपति की एस्टोनिया यात्रा में द्विपक्षीय संबंधों (Bilateral Relations) के विकास के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र (UN) और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों (International Organisations) में संभावित सहयोग पर बातचीत शामिल रही।

बाल्टिक देश

  • बाल्टिक देशों में यूरोप का उत्तर-पूर्वी क्षेत्र और बाल्टिक सागर के पूर्वी किनारे पर स्थित देश एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया शामिल हैं।

Baltik country

  • बाल्टिक देश पश्चिम और उत्तर में बाल्टिक सागर से घिरे हुए हैं जिसके नाम पर क्षेत्र का नाम रखा गया है।
  • वर्ष 1991 में इन देशों की चुनी हुई तत्कालीन सरकारों ने जनता के भारी समर्थन के साथ सोवियत संघ सोशलिस्ट रिपब्लिक (Union of Soviet Socialist Republics-USSR) से स्वतंत्रता की घोषणा की।
  • बाल्टिक क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध नहीं है। हालाँकि एस्टोनिया खनिज तेल उत्पादक है लेकिन इस क्षेत्र में खनिज और ऊर्जा संसाधनों का एक बड़ा हिस्सा आयात किया जाता है।
  • बाल्टिक अर्थव्यवस्था के लिये कृषि बहुत महत्त्वपूर्ण व्यवसाय है। आलू, अनाज और चारे की फसलों का उत्पादन, डेयरी और पशुपालन आदि यहाँ की प्रमुख आर्थिक गतिविधियाँ हैं।
  • भारत और बाल्टिक देशों के बीच ऐतिहासिक संपर्क और भाषायी मूल की समानता (Common linguistic Roots) विद्यमान हैं।
  • बाल्टिक देशों की अत्याधुनिक तकनीक और नवाचार परिवेश भारत के विशाल बाज़ार और इन तकनीकी आवश्यकता के पूरक हैं।

स्रोत: PIB

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