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डेली न्यूज़

शासन व्यवस्था

चिड़ियाघरों के उन्नयन और विस्तार की योजना

  • 06 Oct 2020
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये

वन्यजीव सप्ताह, केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972

मेन्स के लिये

वन्यजीव संरक्षण संबंधी प्रयास, चिड़ियाघरों का महत्त्व और भारत में इनका प्रबंधन

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने वन्यजीव सप्ताह, 2020 (Wildlife Week 2020) के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के माध्यम से देश भर में 160 चिड़ियाघरों को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रही है।

प्रमुख बिंदु

  • केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश के सभी चिड़ियाघरों को बेहतर बनाने और उनका विकास सुनिश्चित करने के लिये एक नई नीति बनाई जा रही है और आगामी बजट के दौरान इसके लिये धनराशि आवंटित की जाएगी।
  • राज्य सरकारों, निगमों, व्यवसायों और आम लोगों को इस इस योजना के प्रमुख तत्त्व के रूप में शामिल किया जाएगा। यह योजना आगंतुकों विशेष रूप से छात्रों, बच्चों और आगामी पीढ़ी को वन्यजीव, प्रकृति और मनुष्यों के बीच तालमेल स्थापित करने में सहायता करेगी।
  • इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने चिड़ियाघरों के अधिकारियों और कर्मचारियों को पशुओं के प्रबंधन और कल्याण की दिशा में कार्य करने के लिये प्रोत्साहित करते हुए ‘प्राणी मित्र पुरस्कार’ (Prani Mitra Awards) भी प्रदान किया। 
    • यह पुरस्कार कुल चार श्रेणियों में प्रदान किया गया जो एस प्रकार हैं- उत्कृष्ट निदेशक/क्यूरेटर, उत्कृष्ट पशुचिकित्सा, उत्कृष्ट जीवविज्ञानी/शिक्षाविद और उत्कृष्ट पशु रक्षक।
    • 'प्राणी मित्र पुरस्कार' केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण द्वारा स्थापित किया गया है, ताकि चिड़ियाघर के अधिकारियों और कर्मचारियों को पशु प्रबंधन की दिशा में कार्य करने के लिये प्रोत्साहित किया जा सके।

वन्यजीव सप्ताह (Wildlife Week)

  • भारत में प्रत्येक वर्ष अक्तूबर माह के पहले सप्ताह में वन्यजीव सप्ताह (Wildlife Week) मनाया जाता है। इस तरह के आयोजन का उद्देश्य पशु-पक्षियों के संरक्षण को बढ़ावा देना है।
  • वन्यजीव सप्ताह की शुरुआत सर्वप्रथम वर्ष 1952 में वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से की गई थी।

चिड़ियाघर या ज़ूलॉजिकल पार्क

  • वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 2 (39) के अनुसार, चिड़ियाघर या ज़ूलॉजिकल पार्क का अर्थ ऐसे किसी प्रतिष्ठान से होता है, जहाँ जानवरों को आम जनता के लिये प्रदर्शनी हेतु रखा जाता है। साथ ही इन प्रतिष्ठानों का उपयोग लुप्तप्राय जानवरों के संरक्षण हेतु भी होता है।
  • यद्यपि विश्व भर में चिड़ियाघरों की शुरुआत एक मनोरंजन केंद्र के रूप में की गई थी, किंतु बीते कुछ दशकों में ये प्रतिष्ठान वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण संबंधी शिक्षा के लिये महत्त्वपूर्ण केंद्रों के रूप में तब्दील हो गए हैं।
  • महत्त्व
    • जानवरों के संरक्षण के अलावा, चिड़ियाघर जानवरों की  दुर्लभ प्रजातियों के संरक्षण में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। देश के कई चिड़ियाघरों में बीमार, घायल और जंगली जानवरों की देखभाल की जाती है। 
    • चिड़ियाघर में जानवरों विशेष तौर पर घायल जानवरों के लिये विशेष सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं और इन जानवरों की देखभाल की जाती है।
    • लुप्तप्राय प्रजातियों को संरक्षित कर देश और विदेश के चिड़ियाघर या ज़ूलॉजिकल पार्क भविष्य की पीड़ी के लिये काफी महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
    • जानवरों के व्यवहार, पोषण आवश्यकताओं और प्रजनन चक्र आदि को समझने के लिये चिड़ियाघर एक अनुसंधान प्रयोगशाला के रूप में कार्य करते हैं।

भारत में चिड़ियाघर या ज़ूलॉजिकल पार्क

  • केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण द्वारा प्रस्तुत आँकड़ों के अनुसार, देश भर में कुल 145 मान्यता प्राप्त चिड़ियाघर मौजूद हैं। 
    • पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर में वर्ष 1854 में स्थापित संगमरमर पैलेस चिड़ियाघर वर्तमान में देश का सबसे पुराना चिड़ियाघर है।
  • भारत में चिड़ियाघरों को वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के अनुरूप प्रबंधित और राष्ट्रीय चिड़ियाघर नीति, 1998 के तहत निर्देशित किया जाता है।
  • भारत सरकार ने देश में चिड़ियाघरों के कामकाज की देखरेख करने और बिना मान्यता वाले चिड़ियाघरों की स्थापना को रोकने के लिये वर्ष 1992 में केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA) की स्थापना की थी।

केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA)

  • केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण एक सांविधिक निकाय (Statutory Body) है जिसका मुख्य उद्देश्य भारत में जानवरों के रख-रखाव और स्वास्थ्य देखभाल के लिये न्यूनतम मानकों तथा मानदंडों को लागू करना है।
  • केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की अध्यक्षता केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री द्वारा की जाती है और इसमें कुल 10 सदस्य और एक सदस्य सचिव शामिल होता है।
  • इस प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य समृद्ध जैव विविधता के संरक्षण में राष्ट्रीय प्रयास को और अधिक मज़बूती प्रदान करना है।

स्रोत: पी.आई.बी

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