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कृषि

ज्वार के दाने के आकार को बढ़ाने के लिये जीन

  • 30 Sep 2021
  • 3 min read

प्रिलिम्स के लिये:

ज्वार, डीएनए अनुक्रम, भारत में ज्वार उत्पादक राज्य

मेन्स के लिये: 

डीएनए अनुक्रम का महत्त्व 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड विश्वविद्यालय (University of Queensland- UQ) की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे जीन की खोज की गई है जो ज्वार/सोरगम के दाने के आकार को बढ़ाने में सक्षम है।

प्रमुख बिंदु 

  • ज्वार जीनोम के बारे में:
    • अब तक ज्वार के जीनोम में 125 क्षेत्रों की पहचान की गई है जहांँ डीएनए अनुक्रम (DNA sequence) में भिन्नता अनाज के आकार और पर्यावरणीय परिस्थितियों की प्रतिक्रिया से जुड़ी थी।
    • जिस नए जीन की पहचान की गई है वह अनाज के वज़न को दोगुना करने में सक्षम है।
  • महत्त्व:
    • अनाज का बड़ा आकार फसल के उपभोग मूल्य में सुधार कर सकता है। अनाज का बड़ा आकार इसे लोगों और जानवरों दोनों के लिये अधिक सुपाच्य बनाता है तथा प्रसंस्करण दक्षता में सुधार करता है।
  • ज्वार:
    • यह एक बहुउपयोगी अनाज की फसल है जिसका उपयोग मानव उपभोग, चारे और जैवऊर्जा उत्पादन के लिये किया जाता है।
    • ज्वार दुनिया भर में लोकप्रिय है क्योंकि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स मान कम होता है यह ग्लूटेन फ्री और पोषक तत्त्वों से भरपूर होता है।
      • एक अनाज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स मान जितना कम होता है, उसके सेवन के दो घंटे बाद रक्त शर्करा (Blood Glucose) के स्तर में अपेक्षाकृत कम वृद्धि होती है।
    • भारत में पाई जाने वाली फसल की किस्म को ज्वार कहा जाता है। कहा जाता है कि इसकी उत्पत्ति देश में ही हुई है और यह इसकी सबसे महत्त्वपूर्ण खाद्य और चारा फसलों में से एक है। 
      • ज्वार के लिये वर्ष 1969 से एक समर्पित अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना लागू है।
    • ज्वार के पौधे बहुत कठोर होते हैं और उच्च तापमान एवं सूखे जैसी स्थितियों का सामना करने में सक्षम होते हैं।
    • 350-400 मिमी की न्यूनतम वार्षिक वर्षा वाले अर्ध-शुष्क क्षेत्र इसकी कृषि हेतु अनुकूल हैं। यह उन क्षेत्रों में उगाया जाता है जहाँ की स्थितियाँ मक्के की खेती के लिये अत्यधिक गर्म और शुष्क मानी जाती हैं। भारत के प्रमुख ज्वार क्षेत्र/बेल्ट 400-1000 मिमी. वार्षिक वर्षा प्राप्त करते हैं
    • इसे विविध प्रकार की मृदाओं पर उगाया जा सकता है। मध्यम से गहरी काली मिट्टी मुख्य रूप से ज्वार की कृषि के लिये उपयुक्त होती है।
  • भारत में ज्वार उत्पादक राज्य:

Jowar-Production

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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