इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली न्यूज़


भूगोल

शीत लहर

  • 05 Nov 2020
  • 4 min read

प्रिलिम्स के लिये:

शीत लहर, भारतीय मौसम विभाग, ला नीना

मेन्स के लिये:

भारत के कुछ क्षेत्रों में शीतलहर का प्रभाव

चर्चा में क्यों?

भारतीय मौसम विभाग (India Meteorological Department-IMD) के अनुसार, दिल्ली में शीत लहर की स्थिति है।

प्रमुख बिंदु:

  • शीत लहर (Cold Wave):
    • 24 घंटे के भीतर तापमान में तेज़ी से गिरावट अर्थात् कृषि, उद्योग, वाणिज्य एवं सामाजिक गतिविधियों के लिये सुरक्षा की आवश्यकता वाले स्तर को दर्शाती है।
  • शीत लहर की स्थिति:
    • मैदानी इलाकों के लिये शीत लहर की घोषणा तब की जाती है जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे नीचे हो और लगातार दो दिनों तक सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस कम तापमान हो।
    • तटीय क्षेत्रों में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के न्यूनतम तापमान की सीमा तक शायद ही कभी पहुँच पाता है। हालाँकि स्थानीय लोगों को ‘विंड चिल फैक्टर’ (Wind Chill Factor) या वायु शीतलन प्रभाव के कारण असुविधा महसूस होती है जो हवा की गति के आधार पर न्यूनतम तापमान को कुछ डिग्री कम कर देता है।
    • ‘विंड चिल फैक्टर’ (Wind Chill Factor) के आधार पर किसी भी बॉडी या वस्तु द्वारा ऊष्मा उत्सर्जित करने की दर की माप की जाती है।
  • भारत का मुख्य शीत लहर क्षेत्र:
    • 'मुख्य शीतलहर' क्षेत्र में पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना आदि आते हैं।
    • वर्ष 2019 में दिल्ली एवं इसके आस-पास के क्षेत्रों ने सदी की सबसे सर्द शीत ऋतु का अनुभव किया था।

दिल्ली में शीत लहर की स्थिति:

  • 3 नवंबर, 2020 को दिल्ली में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 5 डिग्री सेल्सियस कम था।
  • यदि तापमान एक दिन और इसी तरह रहता है तो IMD ‘शीत लहर’ की घोषणा करने पर विचार कर सकता है।

न्यूनतम तापमान में गिरावट का कारण:

  • इस क्षेत्र में बादलों के आवरण की अनुपस्थिति: बादलों की उपस्थिति से पृथ्वी द्वारा उत्सर्जित अवरक्त विकिरण में से कुछ विकिरणों को रोक दिया जाता है, ये विकिरण वापस पृथ्वी की तरफ आकर पृथ्वी को गर्म करते हैं किंतु बादलों की अनुपस्थिति से इस क्षेत्र का गर्म न हो पाना।
  • ऊपरी हिमालय में बर्फबारी से क्षेत्र की ओर ठंडी हवाओं का चलना।
  • इस क्षेत्र में ठंडी हवा का अधोगमन (Subsidence)।
    • ठंडी एवं शुष्क हवा का पृथ्वी की सतह के पास नीचे की ओर गति हवाओं का अधोगमन (Subsidence of Air) कहलाता है।
  • प्रशांत महासागर में कमज़ोर ला नीना (La Nina) की स्थिति।
    • ला नीना प्रशांत महासागर के ऊपर होने वाली एक जटिल मौसमी घटना है जिसका दुनिया भर के मौसम पर व्यापक असर होता है।
    • ला नीना वर्षों के दौरान ठंड की स्थिति अत्यंत तीव्र हो जाती है और शीत लहर की आवृत्ति एवं क्षेत्र बढ़ जाता है।
  • शीत ऋतु 2020: नवंबर 2020 में औसत न्यूनतम तापमान 17.2 डिग्री सेल्सियस [वर्ष 1962 के बाद सबसे कम] होने के बाद मौसम वैज्ञानिकों ने नवंबर महीना सामान्य से अधिक ठंडा होने की उम्मीद जताई है।

स्रोत: द हिंदू

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2