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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 28 Apr, 2021
  • 7 min read
विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 28 अप्रैल, 2021

कोविड-19 राहत प्रयासों के तहत गूगल और माइक्रोसॉफ्ट का योगदान

भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच दिग्गज टेक कंपनी गूगल और माइक्रोसॉफ्ट ने महामारी के विरुद्ध भारत की इस जंग में सहायता की घोषणा की है। ‘गूगल’ और उसकी पेरेंट कंपनी ‘अल्फाबेट’ के प्रमुख सुंदर पिचाई ने भारत में बढ़ते मामलों और संक्रमण की दूसरी लहर पर चिंता ज़ाहिर करते हुए तकरीबन 18 मिलियन डॉलर (135 करोड़ रुपए) के वित्तपोषण की घोषणा की है। गूगल द्वारा प्रदान की जा रही अनुदान राशि दो गैर-लाभकारी संगठनों यथा- ‘गिव इंडिया’ और ‘यूनिसेफ’ को दी जाएगी, और दोनों ही संगठन चिकित्सीय आपूर्ति की खरीद करने और महामारी से प्रभावित देशों की सहायता के लिये इस राशि का प्रयोग करेंगे। ‘गिव इंडिया’ संकटग्रस्त परिवारों को नकद सहायता प्रदान करेगा, जो उन्हें उनके रोज़मर्रा के खर्चों में मदद करेगा, जबकि ‘यूनिसेफ’ इस राशि का प्रयोग ऑक्सीजन तथा परीक्षण उपकरण समेत तत्काल चिकित्सा आपूर्ति की खरीद के लिये करेगा, जो कि वर्तमान समय में भारत की चिकित्सा अवसंरचना के लिये काफी महत्त्वपूर्ण है। वहीं हैदराबाद में जन्मे सत्य नडेला ने माइक्रोसॉफ्ट की ओर से भारत के राहत प्रयासों में मदद करने और ‘ऑक्सीजन कंसंट्रेशन डिवाइस’ की खरीद करने के लिये प्रतिबद्धता ज़ाहिर की है।

जलवायु परिवर्तन के लिये सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर

मौसम और जलवायु-परिवर्तन से संबंधित फोरकास्टिंग और पूर्वानुमान के लिये दिग्गज टेक कंपनी ‘माइक्रोसॉफ्ट’ और ब्रिटेन के ‘मेट ऑफिस’ ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर के निर्माण के लिये सहयोग करने की घोषणा की है। अनुमान के मुताबिक, यह सुपर कंप्यूटर वर्ष 2022 तक अपना परिचालन शुरू कर देगा और इसके माध्यम से चरम और गंभीर मौसम घटनाओं की सटीक फोरकास्टिंग की जा सकेगी और चेतावनी जारी की जा सकेगी, जिससे आम लोगों को ब्रिटेन में लगातार बढ़ रहे तूफान, बाढ़ और बर्फ के प्रभाव से बचाने में मदद मिलेगी। यह सुपर कंप्यूटर जोखिम आधारित योजना के निर्माण के लिये बेहतर पूर्वानुमान प्रदान करने के साथ-साथ वायु और तापमान की सूचना से संबंधित सटीक पूर्वानुमान प्रदान करेगा, जो कि ब्रिटेन के उड्डयन उद्योग के लिये काफी महत्त्वपूर्ण होगा। इसके अतिरिक्त, यह उपकरण स्थानीय तूफानों, भारी बारिश और बाढ़ आदि को लेकर स्थानीय स्तर पर मौसम के बेहतर पूर्वानुमान के माध्यम से आपातकालीन तत्परता और तैयारियों को बढ़ाएगा। सुपर कंप्यूटर, किसी सामान्य उद्देश्य के लिये प्रयोग किये जाने वाले पारंपरिक कंप्यूटर की तुलना में उच्च स्तरीय कम्प्यूटेशनल क्षमता वाला एक कंप्यूटर होता है, जिसका प्रयोग प्रायः ऐसी समस्याओं को हल करने के लिये किया जाता है, जिन्हें पारंपरिक या नियमित कंप्यूटर के माध्यम से हल नहीं किया जा सकता है।

चेरनोबिल परमाणु दुर्घटना

26 अप्रैल, 1986 को यूक्रेन में स्थित चेरनोबिल पावर स्टेशन (Chernobyl power station) पर एक परमाणु रिएक्टर में प्रयोग के दौरान हुए विस्फोट के कारण 31 लोगों की मौत हुई थी, जिसे आधुनिक युग की सबसे भयंकर परमाणु दुर्घटनाओं में से एक माना जाता है और जिसका प्रभाव अभी तक देखने को मिलता है। यह आपदा चेरनोबिल पावर स्टेशन रिएक्टर के यूनिट 4 में किये जा रहे एक वैज्ञानिक प्रयोग के दौरान हुई थी। प्रयोग के दौरान प्रयोगकर्त्ताओं ने विभिन्न आपातकालीन सुरक्षा उपायों के साथ रिएक्टर की शक्ति विनियमन प्रणाली को बंद कर दिया। इसके अलावा, पावर स्टेशन के नियंत्रण रॉड को भी कोर से बाहर निकाल लिया गया और रिएक्टर को 7 प्रतिशत शक्ति पर चालू रखा गया। इन्हीं वजहों से रिएक्टर प्रयोगकर्त्ताओं के नियंत्रण से बाहर हो गया। नतीजतन रिएक्टर में भारी विस्फोट हुआ और जिसके बाद ग्रेफाइट रिएक्टर में आग भी लग गई, परिणामस्वरूप रेडियोएक्टिव तत्त्व हवा में प्रवाहित हुए और आसपास के क्षेत्रों में तेज़ी से फैल गए। घटना के बाद सोवियत यूनियन ने तेज़ी से बचाव कार्य शुरू किया और अनुमान के मुताबिक, इस दौरान 30000 से अधिक लोगों को बचाया गया था। इस पावर प्लांट को वर्ष 2000 में बंद कर दिया गया।

निजी बैंकों में उच्च पदों संबंधी रिज़र्व बैंक के निर्देश

हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने निजी क्षेत्र के बैंक में प्रबंध निदेशक (MD), मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और पूर्णकालिक निदेशक (WTD) का कार्यकाल 15 वर्षों तक सीमित करने और ऐसे अधिकारियों के लिये अधिकतम आयु 70 वर्ष निर्धारित करने का निर्देश जारी किये हैं। ये नियम रिज़र्व बैंक द्वारा हाल ही में जारी बोर्ड बैठक, उसकी संरचना, सदस्यों की आयु, उनका कार्यकाल और निदेशकों के पारिश्रमिक तथा पूर्णकालिक निदेशकों की नियुक्ति के संबंध में जारी निर्देशों का हिस्सा हैं। 15 वर्षीय कार्यकाल के बाद एक व्यक्ति बैंक में तीन वर्ष के अंतराल के बाद पुनः प्रबंध निदेशक (MD), मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और पूर्णकालिक निदेशक (WTD) के रूप में नियुक्ति के लिये पात्र होगा। हालाँकि इस तीन वर्षीय अवधि के दौरान उस व्यक्ति को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी क्षमता में बैंक या उसके समूह संस्थाओं के साथ नियुक्त या संबद्ध नहीं किया जाएगा।


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