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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 22 Apr, 2022
  • 14 min read
प्रारंभिक परीक्षा

पनडुब्बी वाग्शीर

हाल ही में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स ने प्रोजेक्ट-75 की छठी स्कॉर्पीन सबमरीन 'वाग्शीर' लॉन्च की।

Submarine-Vagsheer

स्कॉर्पीन श्रेणी सबमरीन क्या है?

  •  प्रोजेक्ट-75 स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियांँ डीजल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम द्वारा संचालित हैं।
  •  स्कॉर्पीन सबसे परिष्कृत पनडुब्बियों में से एक है, जो सतह-विरोधी जहाज़ युद्ध, पनडुब्बी रोधी युद्ध, खुफिया जानकारी एकत्र करने, खदान बिछाने और क्षेत्र की निगरानी सहित कई मिशनों को पूरा करने में सक्षम है। 
  • स्कॉर्पीन वर्ग आईएनएस सिंधुशास्त्र के बाद से लगभग दो दशकों में नौसेना की पहली आधुनिक पारंपरिक पनडुब्बी शृंखला है, जिसे जुलाई 2000 में रूस से खरीदा गया था। 

वाग्शीर: 

  • परिचय: 
    • वाग्शीर  का नामकरण   सैंड फिश  के नाम पर किया  गया है, जो हिंद महासागर के  गहरे समुद्र में रहने वाली एक शिकारी प्रजाति है।
    • रूस से प्राप्त वाग्शीर श्रेणी की पहली पनडुब्बी को दिसंबर 1974 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था और अप्रैल 1997 में इसे सेवामुक्त कर दिया गया था।
    • वाग्शीर P75 परियोजना के तहत बनाई गई स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों में अंतिम है जो  समुद्री परीक्षण के बाद 12-18 महीनों के भीतर नौसेना के बेड़े में शामिल की जा सकती है। 
  • विशेषताएँ: 
    • वाग्शीर एक डीज़ल अटैक  पनडुब्बी (Diesel Attack Submarine) है, जिसे इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है कि यह समुद्र में दुश्मन की निगरानी से बचने में सक्षम है।
    • यह C303 एंटी-टारपीडो काउंटरमेजर सिस्टम से युक्त है | 
    • यह टॉरपीडो के स्थान पर 18 टॉरपीडो या एक्सोसेट एंटी-शिप मिसाइल या 30 माइन तक ले जा सकती है।
    • इसकी बेहतर विशेषताओं में निगरानी से बच निकलने वाली क्षमताएँ,  उन्नत ध्वनि अवशोषक तकनीक, कम विकिरण वाले शोर स्तर, हाइड्रो-डायनामिक रूप से अनुकूलित आकार आदि  शामिल हैं जो  सटीक निर्देशित हथियारों से पानी के नीचे या सतह पर एक अप्रत्याशित हमला कर सकती है।

प्रोजेक्ट-75:

  • यह पी 75 पनडुब्बियों की दो पंक्तियों में से एक है, दूसरा P75I है, यह विदेशी फर्मों से ली गई तकनीक के साथ स्वदेशी पनडुब्बी निर्माण के लिये 1999 में अनुमोदित योजना का हिस्सा है।
  • P75 के तहत छह पनडुब्बियों का अनुबंध अक्तूबर 2005 में मझगांव डॉक को दिया गया था और डिलीवरी 2012 से शुरू होनी थी, लेकिन अब यह प्रोजेक्ट देरी का सामना कर रहा है।
    • इस कार्यक्रम को फ्रांँसीसी कंपनी नेवल ग्रुप (जिसे पहले DCNS के नाम से जाना जाता था) से मझगांव डॉक लिमिटेड (MDL) को प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के साथ शुरू किया गया है। 
  • P75 के तहत INS कलवरी, INS खंडेरी, INS करंज और INS वेला को चालू किया गया है।.
  • वागीर का समुद्री परीक्षण जारी है।  
  • वाग्शीर छठी पनडुब्बी है जिसके निर्माण में महामारी के कारण देरी हुई है।

 स्रोत: द हिंदू


प्रारंभिक परीक्षा

पृथ्वी दिवस

22 अप्रैल, 2022 को पृथ्वी दिवस की 52वीं वर्षगाँठ मनाई गई। पृथ्वी दिवस पर्यावरण संरक्षण के लिये समर्थन का संकल्प लेने हेतु दुनिया भर में मनाया जाने वाला एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम है।

  • पृथ्वी दिवस, 2022 की थीम "हमारे ग्रह में निवेश करें" (Invest In our Planet) है।

प्रमुख बिंदु 

  • पृष्ठभूमि: प्रथम बार पृथ्वी दिवस वर्ष 1970 में मनाया गया था। इसकी शुरुआत अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन (Gaylord Nelson) के उस आह्वान के बाद हुई जिसके फलस्वरूप लगभग 20 मिलियन लोग पर्यावरणीय गिरावट के विरोध में सड़कों पर उतरे थे।
    • इसे वर्ष 1969 की सांता बारबरा(Santa Barbara) में तेल रिसाव की घटना के साथ-साथ स्मॉग और प्रदूषित नदियों जैसे अन्य मुद्दों ने बढ़ावा दिया।
    • संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2009 में 22 अप्रैल को 'अंतर्राष्ट्रीय मातृ पृथ्वी दिवस' (‘International Mother Earth Day) के रूप में मनाने की घोषणा की।

पृथ्वी दिवस के विषय में: 

  • पृथ्वी दिवस को वैश्विक स्तर पर एक गैर-लाभकारी संगठन EARTHDAY.ORG द्वारा समायोजित किया जाता है। इसे पहले अर्थ डे नेटवर्क (Earth Day Network) के रूप में जाना जाता था।
    • इसका उद्देश्य "लोगों और पृथ्वी में परिवर्तनकारी बदलाव लाने हेतु विश्व के सबसे बड़े पर्यावरण आंदोलन का निर्माण करना है।"
    • यह एक सामूहिक ज़िम्मेदारी को स्वीकार करता है, जैसा कि वर्ष 1992 के रियो घोषणापत्र (पृथ्वी शिखर सम्मेलन) में प्रकृति और पृथ्वी के साथ सद्भाव को बढ़ावा देने के लिये कहा गया है ताकि मानवता की वर्तमान तथा भावी पीढ़ियों की आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यावरणीय आवश्यकताओं के बीच संतुलन स्थापित किया जा सके।
    • गौरतलब है कि इसके अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के कारण वर्ष 2016 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा जलवायु परिवर्तन से निपटने हेतु ऐतिहासिक पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर के लिये पृथ्वी दिवस (22 अप्रैल, 2016) के दिन को ही चुना गया था।

अन्य महत्त्वपूर्ण दिवस:

अर्थ आवर:

  • अर्थ आवर’ वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड फॉर नेचर (WWF) की वार्षिक पहल है, जो वर्ष 2007 में शुरू हुई थी। यह प्रतिवर्ष मार्च माह के अंतिम शनिवार को आयोजित किया जाता है।
  • यह 180 से अधिक देशों के लोगों को उनके स्थानीय समय के अनुसार रात 8.30 बजे से रात 9.30 बजे तक लाइट बंद करने के लिये प्रोत्साहित करता है।
  • पर्यावरण संरक्षण के लिये इस प्रतीकात्मक आह्वान में ऊर्जा बचाने हेतु गैर-आवश्यक प्रकाश के उपयोग को कम करना है।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न (पीवाईक्यू):

प्रश्न: 'अर्थ ऑवर' के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2014) 

  1. यह यूएनईपी और यूनेस्को की एक पहल है।
  2. यह एक आंदोलन है जिसमें प्रतिभागी हर साल एक निश्चित दिन पर एक घंटे के लिये लाइट बंद कर देते हैं।
  3. यह जलवायु परिवर्तन और ग्रह को बचाने की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने हेतु एक अभियान है।

ऊपर दिये गए कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 3  
(b) केवल 2 
(c) केवल 2 और 3 
(d) 1, 2 और  3 

उत्तर: (c) 

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 22अप्रैल, 2022

राष्ट्रीय शिक्षुता मेला

21 अप्रैल, 2022 को 700 से अधिक स्थानों पर राष्ट्रीय शिक्षुता मेला (National Apprenticeship Mela) 2022 का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन स्किल इंडिया (Skill India) द्वारा प्रशिक्षण महानिदेशालय (Directorate General of Training) के सहयोग से किया गया। इस पहल का उद्देश्य एक लाख से अधिक प्रशिक्षुओं (Apprentices) को कार्य पर रखने तथा नियोक्ताओं को देश भर से सही प्रतिभाओं के दोहन में सहायता प्रदान करने के साथ ही उचित प्रशिक्षण सहित विभिन्न व्यावहारिक कौशल प्रदान करना है। जिन छात्रों ने कम-से-कम 5वीं व 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी कर ली है, वे इस शिक्षुता मेले में आवेदन करने के पात्र हैं। साथ ही ITI के छात्रों के साथ-साथ कौशल प्रशिक्षण प्रमाण पत्र, स्नातक और डिप्लोमा धारक छात्र इस कार्यक्रम में भाग ले सकेंगे। इस कार्यक्रम के तहत प्रतिभागियों को मौके पर ही शिक्षुता प्रस्ताव प्राप्त करने का अवसर मिलेगा और वे प्रत्यक्ष उद्योग अनुभव प्राप्त कर सकेंगे। प्रतिभागियों को राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (NCVET) द्वारा मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र भी प्रदान किये जाएंगे। 

पृथ्वी दिवस

प्रत्येक वर्ष 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस (Earth Day) मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य पर्यावरण के प्रति सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना और लोगों को इसके संरक्षण के लिये प्रेरित करना है। पृथ्वी दिवस 2022 का विषय "हमारी पृथ्वी में निवेश करें” (Invest In Our Planet) है, यानी कि हर व्यक्ति जो भी पृथ्वी के लिये निवेश कर सकता है, उसे यह कार्य ज़रूर करना चाहिये, क्योंकि पृथ्वी सुरक्षित होगी तो हम सब भी सुरिक्षत होंगे। प्रथम बार पृथ्वी दिवस वर्ष 1970 में मनाया गया था। इसकी शुरुआत अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन (Gaylord Nelson) के उस आह्वान के बाद हुई जिसके फलस्वरूप लगभग 20 मिलियन लोग पर्यावरणीय गिरावट के विरोध में सड़कों पर उतरे थे। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2009 में 22 अप्रैल को 'अंतर्राष्ट्रीय मातृ पृथ्वी दिवस' (International Mother Earth Day) के रूप में मनाने की घोषणा की। पृथ्वी दिवस को वैश्विक स्तर पर एक गैर-लाभकारी संगठन EARTHDAY.ORG द्वारा समायोजित किया जाता है। पहले इसे अर्थ डे नेटवर्क (Earth Day Network) के रूप में जाना जाता था। इसका उद्देश्य "लोगों और पृथ्वी में बदलाव लाने हेतु विश्व के सबसे बड़े पर्यावरण आंदोलन का निर्माण करना है।" यह एक सामूहिक ज़िम्मेदारी को स्वीकार करता है, जैसा कि वर्ष 1992 के रियो घोषणापत्र (पृथ्वी शिखर सम्मेलन) में प्रकृति एवं पृथ्वी के साथ सद्भाव को बढ़ावा देने की बात कही गई ताकि मनुष्य की वर्तमान तथा भावी पीढ़ियों की आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यावरणीय आवश्यकताओं के बीच संतुलन स्थापित किया जा सके।

तेलंगाना स्पेसटेक फ्रेमवर्क

हाल ही में तेलंगाना सरकार द्वारा अपना पहला स्पेसटेक फ्रेमवर्क लॉन्च किया गया। यह ढांँचा राज्य को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी हेतु विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त गंतव्य के रूप में स्थापित करने की दृष्टि से शुरू किया गया है। इस लॉन्च इवेंट को मेटावर्स पर होस्ट किया गया जिससे यह देश का पहला ऐसा आधिकारिक इवेंट बन गया। इस ढांँचे के माध्यम से, तेलंगाना इस क्षेत्र में नवाचारों का समर्थन करेगा। वर्ष 2026 तक अंतरिक्ष उद्योग के 558 बिलियन डाॅलर तक बढ़ने की उम्मीद है। इसरो के अध्यक्ष सोमनाथ एस. नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत और IN-SPACe के अध्यक्ष डॉ. पवन गोयनका ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। इस फ्रेमवर्क का उद्देश्य केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में किये गए सुधारों के अनुरूप अंतरिक्ष उद्योग के क्षेत्र में निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करना है।


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