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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 20 Feb, 2023
  • 6 min read
विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 20 फरवरी, 2023

त्सेत्से मक्खियाँ 

एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि त्सेत्से मक्खियाँ वाष्पशील फेरोमोन उत्पन्न करती हैं जो उनकी यौन क्रिया और उनके द्वारा होने वाली खतरनाक बीमारियों को नियंत्रित करती हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण  त्सेत्से मक्खियों की सीमा के विस्तार के साथ आने वाले वर्षों में और अधिक मनुष्यों एवं जानवरों के इन बीमारियों से प्रभावित होने की आशंका हैत्सेत्से मक्खियों को अफ्रीकी ट्रिपैनोसोम नामक परजीवी ले जाने वाले वाहक के रूप में भी जाना जाता है। जब कीड़े मनुष्यों या जानवरों को काटते हैं, तो वे इन परजीवियों को प्रसारित करते हैं, यह अफ्रीकी स्लीपिंग सिकनेस जैसी बीमारियों का कारण बनते हैं, जो मनुष्यों हेतु घातक हो सकती हैं, साथ ही इन परजीवियों के कारण फैलने वाली नागाना, एक ऐसी बीमारी है जो पशुधन तथा अन्य जानवरों को प्रभावित करती है।

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सामाजिक विकास आयोग 

भारत को वर्ष 2023 में सामाजिक विकास आयोग के 62वें सत्र के अध्यक्ष के रूप में चुना गया है। यह घोषणा सामाजिक विकास आयोग की 13वीं पूर्ण बैठक-61वें सत्र में की गई

62वें सत्र के लिये सत्र का प्राथमिकता विषय "सतत् विकास के लिये 2030 एजेंडा के कार्यान्वयन पर प्रगति में तेज़ी लाने और गरीबी उन्मूलन के व्यापक लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु सामाजिक नीतियों के माध्यम से सामाजिक विकास एवं सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना" तय किया गया है। सामाजिक विकास आयोग उन प्रमुख आयोगों में से एक है, जिन्हें कोपेनहेगन घोषणा और कार्रवाई, कार्यक्रम की निगरानी एवं संचालन का काम सौंपा गया है। यह संयुक्त राष्ट्र के छह मुख्य अंगों में से एक आर्थिक तथा सामाजिक परिषद (ECOSOC) द्वारा स्थापित किया गया था। आयोग का लक्ष्य ECOSOC को सलाह देना है, विशेष रूप से उन सामाजिक मुद्दों पर जो संयुक्त राष्ट्र के विशेष अंतर-सरकारी संगठनों द्वारा नहीं निपटाए जाते हैं। कोपेनहेगन घोषणा और कार्रवाई कार्यक्रम को वर्ष 1995 में सामाजिक विकास के लिये विश्व शिखर सम्मेलन के दौरान अपनाया गया था, जो विकास के केंद्र में लोगों को रखने की आवश्यकता पर एक नई आम सहमति का प्रतिनिधित्त्व करता है। 

और पढ़ें...आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC), संयुक्त राष्ट्र के अंग

अरुणाचल प्रदेश का स्थापना दिवस

भारत के प्रधानमंत्री ने अरुणाचल प्रदेश के 37वें स्थापना दिवस पर वहाँ के लोगों को अपनी शुभकामनाएँ दीं। वर्ष 1986 में भारतीय संविधान में 55वें संशोधन के माध्यम से अरुणाचल प्रदेश 20 फरवरी, 1987 को भारतीय संघ का 24वाँ राज्य बना। ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान वर्ष 1972 तक राज्य को उत्तर-पूर्व सीमांत एजेंसी (NEFA) के रूप में नामित किया गया था। 20 जनवरी, 1972 को यह एक केंद्रशासित प्रदेश बन गया और इसका नाम अरुणाचल प्रदेश रखा गया। इसे अरुणाचल प्रदेश राज्य अधिनियम, 1986 द्वारा राज्य का दर्जा दिया गया था। राज्य का गठन वर्ष 1987 में असम से अलग कर किया गया था। 

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और पढ़ें…अरुणाचल प्रदेश के संरक्षित क्षेत्र

लाल मिर्च की तेजा किस्म 

निर्यात बाज़ार में पाक, औषधीय और अन्य व्यापक उपयोगों हेतु प्रसिद्ध लाल मिर्च की लोकप्रिय तेजा किस्म की बढ़ती मांग खम्मम कृषि बाज़ार, तेलंगाना के लिये वरदान साबित हो रही है। लाल मिर्च की तेजा किस्म का सबसे बड़ा उत्पादक खम्मम ज़िला तीखे फलों का प्रमुख निर्यातक है। एक प्राकृतिक मिर्च से निकलने वाले ओलेरोसिन की भारी मांग के कारण मुख्य रूप से खम्मम ज़िले से तेजा किस्म की लाल मिर्च का निर्यात कई एशियाई देशों में विभिन्न मसाला प्रसंस्करण उद्योगों में किया जा रहा है। लाल मिर्च की इस किस्म को चीन, बांग्लादेश और कुछ अन्य दक्षिण एशियाई देशों में निर्यात किया जाता है। जिंस का एक बड़ा हिस्सा चीन को निर्यात किया जाता है। थाईलैंड सहित विभिन्न दक्षिण एशियाई देशों में इसके अनूठे स्वाद और प्राकृतिक रंग एजेंट के रूप में व्यापक अनुप्रयोगों के कारण इस तीखे फल की सबसे अधिक मांग है।

और पढ़े…भारत का कृषि निर्यात


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