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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 18 Dec, 2020
  • 8 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट: 18 दिसंबर, 2020

भारत-इंडोनेशिया संयुक्त गश्त

India-Indonesia Coordinated Patrol

हाल ही में भारतीय और इंडोनेशियाई नौसेना के मध्य भारत-इंडोनेशिया संयुक्त गश्त (इंड-इंडो कॉरपैट) के 35वें संस्करण का आयोजन किया गया है।

Indonesia

प्रमुख बिंदु

पृष्ठभूमि: 

इंड-इंडो कॉरपैट: 

  • समुद्री संधियों (Links) को सुदृढ़ता प्रदान करने के लिये दोनों देशों की नौसेनाएँ वर्ष 2002 के बाद से अपनी अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा के साथ कॉरपैट का आयोजन कर रही हैं।
  • उद्देश्य:
    • इसका उद्देश्य क्षेत्र में शिपिंग और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
    • कॉरपैट नौसेनाओं के मध्य समझ और अंतर-संहिता का निर्माण करते हैं और अवैध  गैर-कानूनी अनियमित (Illegal Unreported Unregulated- IUU) रूप से मछली पकड़ने, मादक पदार्थों की तस्करी, समुद्री आतंकवाद, सशस्त्र डकैती तथा समुद्री डकैती को रोकने या इनमें कमी लाने हेतु सुविधा प्रदान करते हैं।
  • 35वें संस्करण में प्रतिभागी:
    • भारतीय नौसैनिक जहाज़ (INS) कुलिश- यह एक स्वदेशी मिसाइल कोरवेट और P8I मैरीटाइम पैट्रोल एयरक्राफ्ट (MPA) है जिसने इंडोनेशियाई जहाज़ों के साथ समन्वित गश्ती दल का संचालन किया। 
  • लाभ: 35वाँ इंड-इंडो कॉरपैट, भारतीय नौसेना की अंतर-प्रयोज्यता को मज़बूती प्रदान  करने के साथ ही इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के बीच संबंधों को मज़बूत बनाने के प्रयासों में योगदान देगा।

इंडोनेशिया के साथ अन्य सैन्य अभ्यास:

  • समुद्र शक्ति: एक द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास।
  • गरुड़ शक्ति: एक संयुक्त सैन्य अभ्यास।

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 18 दिसंबर, 2020

योगासन को प्रतिस्पर्द्धी खेल की मान्यता

युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय ने योगासन को प्रतिस्पर्द्धी खेल के रूप में औपचारिक तौर पर मान्यता दे दी है, जिससे इसे सरकारी सहायता मिल सकेगी। योगासन के एक खेल बनने से इसमें नई तकनीकें और नई रणनीतियाँ शामिल की जा सकेंगी, जिससे खिलाड़ियों और अधिकारियों को इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने का बेहतर अवसर मिलेगा। साथ ही योगासन को खेल के रूप में मान्यता मिलने से इसमें प्रतिस्पर्द्धा पैदा होगी, जिससे दुनिया भर के लोगों में योग के प्रति रुचि बढ़ेगी। अगस्त 2019 में योग विशेषज्ञ डॉ ईश्वर बसवराड्डी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय योगासन खेल महासंघ (NYSF) का भी गठन किया गया और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय ने योगासन को खेल के रूप में बढ़ावा देने तथा इसका विकास सुनिश्चित करने के लिये राष्ट्रीय योगासन खेल महासंघ (NYSF) को एक राष्ट्रीय खेल महासंघ के रूप में मान्यता प्रदान की थी। अब प्रतिस्पर्द्धी खेल के रूप में योगासन को बढ़ावा देने के लिये सरकार द्वारा कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे, जिसमें वर्ष 2021 की शुरुआत में ‘नेशनल इंडिविज़ुअल योगासन स्पोर्ट चैंपियनशिप’ नाम से वर्चुअल मोड में एक पायलट योगासन प्रतियोगिता आयोजित करना शामिल है।

‘CMS-01’ उपग्रह

हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने भारत के 42वें संचार उपग्रह ‘CMS-01’ को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत के बाद इसरो द्वारा प्रक्षेपित यह दूसरा उपग्रह है। योजना के मुताबिक, यह उपग्रह विस्‍तारित सी-बैण्‍ड के लिये अपनी सेवाएँ प्रदान करेगा तथा इसके कवरेज क्षेत्र में अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप समेत संपूर्ण भारत शामिल होगा। यह उपग्रह जीसैट (GSAT) तथा इनसैट (INSAT) शृंखला के बाद भारत के संचार उपग्रहों की एक नई शृंखला ‘CMS’ का पहला उपग्रह होगा। यह नया उपग्रह अंतरिक्ष में GSAT-12 का स्थान लेगा, जिसे वर्ष 2011 में लॉन्च किया गया था। 

सुभाष चंद्र बोस संग्रहालय

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं वर्षगाँठ को चिह्नित करने के लिये केंद्र सरकार कोलकाता में एक संग्रहालय स्थापित करने की योजना बना रही है, साथ ही नई दिल्ली स्थित लाल किले के मौजूदा संग्रहालय के विस्तार पर भी विचार किया जा रहा है। इसके अलावा सरकार ने सुभाष चंद्र बोस द्वारा लिखी गई कुछ पुस्तकों को पुनः प्रकाशित करने और उनके नाम पर छात्रों के लिये फेलोशिप शुरू करने की भी बात कही है। नई दिल्ली के लाल किले में स्थित तीन मंज़िला संग्रहालय को वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किया गया था। ध्यातव्य है कि यह संग्रहालय उसी स्थान पर बनाया गया है, जहाँ अंग्रेज़ों द्वारा सुभाष चंद्र बोस की भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA) के जवानों का कोर्ट-मार्शल किया गया था। इस ट्रायल की शुरुआत 5 नवंबर, 1945 को हुई थी और यह 3 जनवरी,1946 तक जारी रहा था। 

बायो-बबल

खेल जगत ने ‘बायो-बबल’ की अवधारणा की मदद से कोरोना वायरस प्रभावों को कम करने और खेल प्रतिस्पर्द्धाओं को पुनः शुरू करने में बड़ी कामयाबी हासिल की है। ‘बायो-बबल’ का अभिप्राय ऐसे क्षेत्र से होता है, जिसका उपयोग केवल कुछ निश्चित लोगों (जो वायरस से संक्रमित नहीं हैं) द्वारा ही किया जा सकता है। इस रणनीति का प्रयोग करते हुए महामारी के बीच कई महत्त्वपूर्ण टूर्नामेंट्स जैसे- इंडियन प्रीमियर लीग, यूएस ओपन और एनबीए आदि का सफल आयोजन किया गया। ‘बायो-बबल’ के उपयोग की अनुमति केवल उन्हीं लोगों को दी जाती है, जो वायरस से संक्रमित नहीं हैं और जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। ‘बायो-बबल’ में शामिल कोई भी व्यक्ति इसके अंदर या इससे बाहर नहीं जा सकता है। इस तरह यह रणनीति खिलाड़ियों के लिये एक सुरक्षित वातावरण निर्मित करती है।


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