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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 02 Sep, 2024
  • 8 min read
रैपिड फायर

टैनेजर-1 का प्रक्षेपण

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

हाल ही में राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (National Aeronautics and Space Administration- NASA) ने कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन के प्रमुख उत्सर्जकों का पता लगाने के लिये टैनेजर-1 उपग्रह (Tanager-1 Satellite) लॉन्च किया।

  • टैनेजर-1 पृथ्वी की सतह से परावर्तित प्रकाश की तरंगदैर्घ्य को मापने के लिये इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर प्रौद्योगिकी का उपयोग करेगा।
    • मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड प्रकाश की विभिन्न तरंगदैर्घ्य को अवशोषित करते हैं तथा वर्णक्रमीय “फिंगरप्रिंट” छोड़ते हैं, जिन्हें इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर पहचान सकता है।
  • यह वैश्विक स्तर पर व्यक्तिगत सुविधाओं और उपकरणों के स्तर तक बिंदु-स्रोत उत्सर्जन को मापने में सक्षम होगा।
  • इससे पहले नासा ने मीथेनसैट लॉन्च किया था, जो मीथेन उत्सर्जन पर नज़र रखता है और उसे मापता है।
  • मीथेन: मीथेन एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है और कार्बन डाइऑक्साइड के बाद ग्लोबल वार्मिंग में दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। यह वैश्विक तापन के 30% के लिये जिम्मेदार है।
    • संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के अनुसार 20 वर्षों की अवधि में यह कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में 80 गुना अधिक तापमान वृद्धि करने में सक्षम है।
    • यह ज़मीनी स्तर पर ओज़ोन के निर्माण में भी योगदान देता है, जो एक रंगहीन और अत्यधिक उत्तेजक गैस है, जो पृथ्वी की सतह के ठीक ऊपर बनती है।

और पढ़ें: ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिये मीथेन शमन


रैपिड फायर

रेल वन फोर्स एंड आयरन डिप्लोमेसी

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पोलैंड से ट्रेन द्वारा कीव पहुँचे, इस ट्रेन का नाम "रेल फोर्स वन" था।

  • रेल फोर्स वन यूक्रेन के आयरन डिप्लोमेसी नामक कार्यक्रम का एक हिस्सा है। 
  • आयरन डिप्लोमेसी का तात्पर्य वर्ष 2022 में यूक्रेन-रूस संघर्ष की शुरुआत के बाद से पोलैंड से यूक्रेन तक रेल द्वारा अंतर्राष्ट्रीय नेताओं को स्थानांतरित करने की प्रथा से है।
  • यह ट्रेन सरकारी स्वामित्व वाली यूक्रेनी रेलवे या उक्रज़ालिज़्नित्सिया द्वारा संचालित की जाती है। इसका रंग नीला और पीला है, जो यूक्रेन के झंडे का रंग है।
  • यह ट्रेन पोलैंड के प्रेज़ेमिस्ल से कीव तक लगभग 700 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व की यात्रा करती है और यूक्रेनी ग्रामीण इलाकों से लगभग 10 घंटे का समय लेती है।
  • इस ट्रेन का उपयोग पूर्व ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन, फ्राँस के राष्ट्रपति मैक्रॉन, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के साथ-साथ बिडेन और पीएम मोदी जैसे नेताओं द्वारा किया गया है।

और पढ़ें: भारत के प्रधानमंत्री की यूक्रेन यात्रा, यूक्रेन “पाथ टू पीस” शिखर सम्मेलन


रैपिड फायर

समुद्र प्रताप का प्रक्षेपण

स्रोत: पी.आई.बी

हाल ही में गोवा में पहला स्वदेश निर्मित प्रदूषण नियंत्रण पोत समुद्र प्रताप लॉन्च किया गया।

  • इस पोत का निर्माण गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) द्वारा भारतीय तटरक्षक बल (ICG) के लिये किया गया है।
  • यह पहली बार है कि इन पोतों को स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित किया जा रहा है। यह पोत देश के समुद्री तट पर तेल रिसाव की घटनाओं का पता लगाने और उन्हें रोकने में सहायता करेगा।
  • तेल रिसाव:
    • तेल रिसाव मानवीय गतिविधियों के कारण पर्यावरण, विशेषकर समुद्री क्षेत्रों में तरल पेट्रोलियम हाइड्रोकार्बन का रिसाव है।
    • तेल रिसाव का कारण टैंकरों, अपतटीय प्लेटफार्मों, ड्रिलिंग रिगों या कुओं से कच्चे तेल का रिसाव हो सकता है।
    • समुद्र की सतह पर तेल सूर्य के प्रकाश को अवरुद्ध करके और घुलित ऑक्सीजन के स्तर को कम करके जलीय जीवन को नुकसान पहुँचाता है।
    • मेक्सिको की खाड़ी में डीपवाटर होराइज़न तेल रिसाव (2010) को इतिहास का सबसे बड़ा और सबसे प्रसिद्ध तेल रिसाव माना जाता है।
    • ऑयलज़ैपिंग तेल रिसाव से छुटकारा पाने के लिये बैक्टीरिया का उपयोग करने की नई तकनीक है।

और पढ़ें: तेल रिसाव


रैपिड फायर

पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो स्थापना दिवस

स्रोत : पी.आई.बी

हाल ही में पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPR&D) ने नई दिल्ली में अपना 54वाँ स्थापना दिवस मनाया, जिसमें आपराधिक कानून और पुलिस आधुनिकीकरण में महत्त्वपूर्ण विकास पर प्रकाश डाला गया। 

  • इस कार्यक्रम में नए आपराधिक कानूनों पर प्रकाश डाला गया। ये कानून पीड़ित-केंद्रित हैं और इनका उद्देश्य सज़ा देने के बजाय न्याय प्रदान करना है।
  • इस कार्यक्रम में वर्ष 2023 और वर्ष 2024 के लिये विशिष्ट सेवा हेतु राष्ट्रपति पदक (PSM) तथा सराहनीय सेवा के लिये राष्ट्रपति पदक (MSM) के प्राप्तकर्ताओं को सम्मानित किया गया। 
  • BPR&D की स्थापना 28 अगस्त, 1970 को गृह मंत्रालय के तहत की गई थी, जिसका उद्देश्य वर्ष 1966 में स्थापित तत्कालीन मौजूदा पुलिस अनुसंधान और सलाहकार परिषद को एक नई दिशा प्रदान करना था।
    • इसका उद्देश्य पुलिस संबंधी मुद्दों को हल करना, व्यवस्थित अध्ययनों को बढ़ावा देना और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को पुलिसिंग विधियों में एकीकृत करना है।
    • शुरू में इसमें दो प्रभाग शामिल थे: अनुसंधान, सांख्यिकी और प्रकाशन तथा विकास। 1973 में पुलिस दक्षताओं को बढ़ाने के लिये प्रशिक्षण प्रभाग को जोड़ा गया, इसके बाद 1983 में फोरेंसिक विज्ञान निदेशालय की स्थापना की गई तथा 1995 में सुधारात्मक प्रशासन को शामिल किया गया।
    • इस ब्यूरो का नेतृत्व महानिदेशक स्तर के भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी करते हैं, जिनकी सहायता अतिरिक्त महानिदेशक करते हैं।.
  • BPR&D का विशेष परियोजना प्रभाग मानव तस्करी विरोधी, लैंगिक चिंताओं और अल्पसंख्यक तथा एससी/एसटी समुदायों से संबंधित मामलों जैसे उभरते मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों को संबोधित करता है।
  • BPR&D प्रकाशन: भारतीय पुलिस जर्नल, पुलिस संगठनों पर डेटा और सजग भारत एवं सतर्क भारत पत्रिका।

और पढ़ें: राष्ट्रीय सुरक्षा: पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो


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