अंतर्राष्ट्रीय संबंध
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दी यौन उत्पीड़न के खिलाफ प्रस्ताव को पहली बार मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) की तीसरी समिति ने यौन उत्पीड़न (sexual harassment) के खिलाफ एक प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है, जो इस वैश्विक संगठन (Global organization) में अपनी तरह का पहला प्रस्ताव है। यह यौन उत्पीड़न के खिलाफ एक आदर्श ढाँचे का प्रस्ताव है, जिसमें सदस्य राष्ट्रों से यौन उत्पीड़न सहित महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा की निंदा करने और ऐसी हिंसा को खत्म करने की नीति अपनाने का आग्रह किया गया है।
क्या है इस प्रस्ताव में?
- इस प्रस्ताव में कहा गया है कि सभी देशों को महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को खत्म करने के संबंध में अपने दायित्वों से बचने के लिये किसी भी प्रथा, परंपरा या धार्मिक विचार को बीच में नहीं लाना चाहिये। यह प्रस्ताव बाध्यकारी (Binding) नहीं है, इसीलिये इसमें सभी सदस्य देशों से महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न रोकने, इसे खत्म करने और इसे लेकर होने वाली सभी प्रकार की हिंसा से पीड़ितों की रक्षा करने की अपील की गई है।
- प्रस्ताव में सभी राष्ट्रों से यह सुनिश्चित करने के लिये कहा गया है कि सभी क्षेत्रों में नियोक्ता यदि यौन उत्पीड़न के मामलों में कानूनों का पालन करने में विफल रहते हैं, तो उनकी जवाबदेही के लिये आवश्यक कदम उठाए जाएँ। इसके अलावा यौन उत्पीड़न को खत्म करने के दृष्टिकोण के साथ सकारात्मक उपायों को अपनाने के लिये इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स (Internet Service Providers) और डिजिटल प्लेटफॉर्मों (Digital platforms) सहित डिजिटल प्रौद्योगिकी कंपनियों को प्रोत्साहित करने को भी कहा गया है। इस प्रस्ताव में सभी महिलाओं और उनके यौन और प्रजनन स्वास्थ्य व प्रजनन अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया गया है।
मृत्युदंड के प्रस्ताव का भारत ने किया था विरोध
- आपको बता दें कि कुछ समय पहले भारत ने मृत्युदंड को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से लाए गए मसौदा प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया था। यह प्रस्ताव महासभा की इसी तीसरी समिति ने पेश किया था। इस मसौदा प्रस्ताव के पक्ष में 123 और विरोध में 46 मत पड़े थे। 30 सदस्य देशों ने इस मतदान में हिस्सा नहीं लिया था।
संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly)संयुक्त राष्ट्र चार्टर UN Charter) के तहत 1945 में इसकी जनरल असेम्बली यानी महासभा स्थापित की गई। यह महासभा संयुक्त राष्ट्र में विचार-विमर्श और नीति निर्माण जैसे मुद्दों पर प्रतिनिधि संस्था के रूप में काम करती है। 192 सदस्यों से बनी यह संयुक्त राष्ट्र महासभा अपने चार्टर के तहत कवर किये गए अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर बहुआयामी और बहुपक्षीय चर्चा के लिये एक बेहतरीन मंच प्रदान करती है। क्या है महासभा की तीसरी समिति?संयुक्त राष्ट्र महासभा ऐसे सामाजिक, मानवीय और सांस्कृतिक मामलों को, जिनसे दुनियाभर के लोग प्रभावित हो सकते हैं, जिस समिति को आवंटित करती है, उसे तीसरी समिति (Third Committee) कहा जाता है। इस तीसरी समिति के कार्य का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा मानवाधिकार से जुड़े मुद्दों पर मानवाधिकार परिषद की रिपोर्ट्स पर फोकस करना है। यह समिति महिलाओं की प्रगति, बच्चों क्वे संरक्षण, घरेलू मामलों और शरणार्थियों से होने वाले व्यवहार के मामलों पर भी नज़र रखती है। इनके अलावा, नस्लवाद और नस्लीय भेदभाव को समाप्त करने और आत्मनिर्भरता के अधिकार का प्रचार कर मौलिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने पर भी समिति में चर्चा होती है। साथ ही यह तीसरी समिति युवाओं, परिवार, बढ़ती आयु, दिव्यांगों, अपराध निवारण, आपराधिक न्याय और मादक पदार्थ नियंत्रण जैसे महत्त्वपूर्ण सामाजिक विकास के मुद्दों पर भी गौर करती है। |
स्रोत: UN की मूल वेबसाइट तथा अन्य
भूगोल
कौन हैं सेंटिनली?
चर्चा में क्यों?
हाल ही में अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के नॉर्थ सेंटिनेल नामक एक द्वीप पर एक अमेरीकी व्यक्ति की हत्या का मामला सामने आया। उल्लेखनीय है कि यह हत्या उस क्षेत्र में हुई है जहाँ सेंटिनली जनजाति निवास करती है।
नार्थ सेंटिनल द्वीप (North Sentinel Island)
- नार्थ सेंटिनल द्वीप बंगाल की खाड़ी में स्थित अंडमान द्वीप समूह का एक द्वीप है।
- यह द्वीप अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के दक्षिण अंडमान प्रशासनिक ज़िले के अंतर्गत आता है।
सेंटिनली जनजाति
- ये लोग अंडमान के नार्थ सेंटिनल द्वीप पर रहनी वाली निग्रिटो (अश्वेत तथा छोटे कद वाले) समुदाय के हैं इन्होंने कभी भी आकस्मिक हमले का सामना नहीं किया है और बाहरी लोगों से ये शत्रुवत व्यवहार करते हैं।
- शोधकर्त्ताओं के अनुसार, ये लोग शारीरिक बनावट तथा भाषाई समानताओं के आधार पर जारवा समुदाय (Jarawas) से जुड़े हुए हैं।
- भारत के मानव विज्ञान सर्वेक्षण ने कार्बन डेटिंग के आधार पर यह पुष्टि की है कि इन द्वीपों पर सेंटिनली जनजाति के लोगों की उपस्थिति 2,000 साल पहले से है।
- जीनोम अध्ययन के अनुसार, संभव है कि यह जनजाति 30,000 साल पहले भी अंडमान द्वीप पर रहती हो।
- आनुवंशिक रूप से इस जनजाति समूह द्वारा बोली जाने वाला भाषा सेंटिनलीज़ है। इस भाषा को समझना भी बहुत मुश्किल है क्योंकि द्वीप के आस-पास के क्षेत्रों में ऐसी भाषा बोले जाने के कोई साक्ष्य नहीं मिलते।
- सेंटिनली जनजाति को अंडमान की 5 सबसे असार्वजनिक जनजातियों में सबसे असार्वजनिक माना जाता है। अन्य चार जनजातियाँ हैं- ग्रेट अंडमानीज (Great Andamenese), ओंज (the Onge), शोम्पेन (the Shompen) और जारवा (the Jarawas)।
- यह उन जनजातियों में से है जो 2004 के सुनामी से बाहरी दुनिया की मदद के बिना सुरक्षित बचने में सफल रही।
- माना जाता है कि सेंटीनली दुनिया की एकमात्र जनजाति है जो नवपाषाण काल से पूर्व की जनजाति है। इसका तात्पर्य यह है कि उनकी संस्कृति ऐसी है जो पाषाण युग की मध्य अवधि में मौजूद थी। इन लोगों द्वारा धातुओं का उपयोग किये जाने के बारे में कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं है लेकिन कई शोधकर्त्ताओं का मानना है कि ये लोग हथियारों के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिये धातुओं का उपयोग नहीं करते हैं।
संरक्षित जनजाति
- भारत सरकार ने जनजातियों के कब्ज़े वाले पारंपरिक क्षेत्रों को संरक्षित घोषित करने के लिये अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (आदिवासी जनजातियों का संरक्षण) विनियमन, 1956 जारी किया और इस क्षेत्र में प्राधिकरण के अलावा अन्य सभी व्यक्तियों के प्रवेश को प्रतिबंधित किया।
- जनजाति सदस्यों की फोटो लेना या फिल्मांकन का कार्य करना भी एक अपराध है।
- लेकिन हाल ही में कुछ द्वीपों के प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश संबंधी नियमों में छूट दी गई थी।
व्यवहार
- सेंटिनली लोगों का बाहरी व्यक्तियों के प्रति व्यवहार अत्यधिक शत्रुतापूर्ण रहा है। लेकिन 1991 में उन्होंने भारतीय मानव विज्ञानविदों और प्रशासकों की एक टीम से कुछ नारियल स्वीकार किये थे।
- कुछ शोधकर्त्ताओं का मानना है कि सेंटिनली लोगों को औपनिवेशिक काल से ही अकेला छोड़ दिया गया था क्योंकि अन्य जनजातियों जैसे कि ओंज, जारवा और ग्रेट अंडमानीज़ (Great Andamanese) के विपरीत इस जनजाति ने जिस भूमि पर कब्ज़ा किया है, उसके प्रति वाणिज्यिक आकर्षण नहीं है।
जनजाति के लोगों की संख्या
- 1901 से 1921 तक उनकी संख्या अनुमानतः 117 थी।
- 1931 में यह संख्या घटकर 50 हो गई और 1961 की जनगणना के लिये भी यही संख्या इस्तेमाल की गई थी।
- 1991 में इनकी संख्या 23 थी और 2001 की जनगणना के अनुसार, इनकी संख्या 39 (21 पुरुष 18 महिलाएँ) थी।
- 2011 की जनगणना के लिये जनगणना अधिकारी केवल 15 सेंटिनली लोगों को ढूंढ सके जिनमें 12 पुरुष और तीन महिलाएँ थीं। हालाँकि, उनकी संख्या 40 से 400 के बीच भी हो सकती है।
स्रोत : द हिंदू एवं इंडिया टुडे
अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत-यूरोपीय संघ (India-EU) संबंधों के लिये नया रणनीति पत्र
हाल ही में यूरोपीय संघ (Europian Union) ने व्यापार, निवेश, रक्षा, सुरक्षा और आतंकवाद से निपटने सहित कई प्रमुख क्षेत्रों में भारत के साथ संबंधों को मज़बूत बनाने के लिये रणनीति पत्र (strategy paper) पेश किया। यूरोपीय संघ द्वारा यह रणनीति पत्र पेश किये जाने के बाद अब यूरोपीय संसद और यूरोपीय परिषद में इस पर चर्चा की जाएगी।
रणनीति पत्र के प्रमुख प्रावधान
- यूरोपीय संघ और भारत के बीच वर्तमान संबंध यूरोपीय संघ-भारत सहयोग समझौता 1994 द्वारा स्थापित हैं। इस संयुक्त समझौते में निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने और वर्तमान वैश्विक चुनौतियों से निपटने में सक्षम होने के लिये, यूरोपीय संघ और भारत को व्यापक रणनीतिक साझेदार समझौता (Strategic Partnership Agreement) स्थापित करने पर विचार करना चाहिये।
- यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि/उपराष्ट्रपति और भारत के विदेश मामलों के मंत्री के बीच होने वाली वार्षिक वार्ता को नियमित सामरिक वार्ता के रूप में अपग्रेड किया जाए।
- उचित समायोजन के माध्यम से अफगानिस्तान (Afganistan) और मध्य एशिया के मुद्दे पर होने वाली बातचीत को तेज़ी से आगे बढ़ाया जाए।
- आतंकवाद से लड़ने, कट्टरपंथ और हिंसक अतिवाद तथा आतंकवादी वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिये भारत के साथ तकनीकी सहयोग को मज़बूती प्रदान करना।
- साइबर सुरक्षा (Cyber Security) और विभिन्न खतरों के बारे में विशेषज्ञता का आदान-प्रदान।
- यूरोपोल (Europol) और भारतीय कानून प्रवर्तन संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिये कार्य व्यवस्था की स्थापना करना।
- समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने के लिये नीति और परिचालन स्तर दोनों पर भारत के साथ सामान्य कार्यवाही करना। हिंद महासागर और पूर्वी अफ्रीका में तटीय राष्ट्रों की क्षमता बढ़ाने में मदद के लिये भारत और अन्य प्रमुख क्षेत्रीय शक्तियों, जैसे- दक्षिण अफ्रीका के साथ मिलकर काम करना।
पृष्ठभूमि
- लंबे समय से भारत-यूरोपीय संघ संबंधों को आर्थिक संबंधों द्वारा निर्देशित किया जाता रहा है लेकिन भारत को लेकर यूरोपीय संघ का यह रणनीति पत्र 14 वर्षों के बाद पेश किया गया है।
- इससे पहले इस प्रकार की रणनीति वर्ष 2004 में जारी की गई थी।
यूरोपीय संघ (EU)
- यूरोपीय संघ 28 देशों की एक आर्थिक और राजनीतिक सहभागिता है। ये 28 देश संधि के द्वारा एक संघ के रूप में जुड़े हुए हैं जिससे कि व्यापार आसानी से हो सके और लोग एक-दूसरे से कोई विवाद न करें क्योंकि इकॉनमी का एक सिद्धांत है, जो देश आपस में जितना ज़्यादा व्यापार करते हैं उनकी लड़ाई होने की संभावना उतनी ही कम हो जाती है।
- यही कारण है कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद यूरोप में यह कोशिश की गई कि सभी देश आर्थिक रूप से एक साथ आएँ और एकजुट होकर एक व्यापार समूह बनें।
- इसी व्यापार समूह की वजह से आगे चलकर 1993 में यूरोपीय संघ का जन्म हुआ। 2004 में जब यूरो करेंसी लॉन्च की गई तब यह पूरी तरह से राजनीतिक और आर्थिक रूप से एकजुट हुआ।
- एकल बाज़ार सिद्धांत (single market principle) अर्थात् किसी भी तरह का सामान और व्यक्ति बिना किसी टैक्स या बिना किसी रुकावट के कहीं भी आ-जा सकते हैं एवं बिना रोक टोक के नौकरी, व्यवसाय तथा स्थायी तौर पर निवास कर सकते हैं। फ्री मूवमेंट ऑफ़ पीपल एंड गुड्स यूरोपीय संघ की खासियत है।
स्रोत : इंडियन एक्सप्रेस
भारत-विश्व
वर्ल्ड टैलेंट रैंकिंग 2018
IMD वर्ल्ड टैलेंट रैंकिंग (World Talent Ranking), 2018 हाल ही में जारी की गई है। कुल 63 देशों को दी गई इस रैंकिंग में भारत को 53वाँ स्थान मिला है। यह लगातार पाँचवीं बार है जब इस रैंकिंग में स्विट्ज़रलैंड (Switzerland) पहले और डेनमार्क (Denmark) दूसरे स्थान पर काबिज़ हैं। इनके बाद टॉप-5 में नॉर्वे, ऑस्ट्रिया और नीदरलैंड्स को जगह मिली है।
- स्लोवाक गणराज्य 59वें, कोलंबिया 60वें, मेक्सिको 61वें, मंगोलिया 62वें और वेनेज़ुएला 63वें स्थान पर रैंकिंग में अंतिम पाँच देशों में शामिल हैं।
- एशिया का कोई भी देश टॉप-10 में जगह नहीं बना पाया। एशियाई देशों में सबसे अच्छा प्रदर्शन सिंगापुर का रहा, जिसे 13वाँ रैंक मिला। टैलेंट विकसित करने, उसे आकर्षित करने और बनाए रखने में बेहतर प्रदर्शन करने की वज़ह से सिंगापुर को यह स्थान मिला है।
- ब्रिक्स देशों की बात करें तो कुशल विदेशी श्रमिकों को आकर्षित करने में आने वाली कठिनाइयों तथा अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं के औसत की तुलना में शिक्षा पर सार्वजनिक खर्च कम रहने की वज़ह से चीन को 39वाँ रैंक दिया गया है। ब्राज़ील 58वें, दक्षिण अफ्रीका 50वें और रूस 46वें स्थान पर है।
भारत में टैलेंट की स्थिति
जहाँ तक भारत की बात है तो 53वाँ स्थान हासिल कर वह 2017 की तुलना में दो पायदान नीचे उतरा है। भारत का प्रदर्शन Readiness की गुणवत्ता के मामले में औसत से बेहतर है और इसमें उसे 30वाँ स्थान मिला है। लेकिन अपनी शैक्षणिक प्रणाली की गुणवत्ता तथा सार्वजनिक शिक्षा के क्षेत्र में निवेश की कमी के चलते ‘निवेश और विकास’ के पैरामीटर पर भारत को 63वें स्थान पर रखा गया है। |
IMD बिज़नेस स्कूल, स्विट्ज़रलैंड द्वारा जारी यह रैंकिंग तीन संकेतकों पर आधारित है। इनमें निवेश (Investment), अपील (Appeal) और तैयारी (Readiness) शामिल हैं। इन संकेतकों में स्थानीय प्रतिभाओं को बढ़ावा देने, प्रतिभाओं को आकर्षित करने के तरीकों और इसे बनाए रखने में किया गया निवेश भी शामिल है। इस वर्ष रैंकिंग को तैयार करने में 63 देशों में 6,000 से अधिक एग्जीक्यूटिव्स से इनपुट लिये गए थे।
स्रोत: IMD वेबसाइट तथा अन्य
जैव विविधता और पर्यावरण
कार्बन पदचिह्न (Carbon Footprint) में कमी करने हेतु आभासी जलवायु शिखर सम्मेलन
चर्चा में क्यों?
शीघ्र ही विश्व के प्रमुख नेता एक नवाचारी जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन (Virtual Climate change summit) में भाग लेंगे जो पूरी तरह से ऑनलाइन होगा, इस प्रकार यह कार्बन तटस्थ होगा।
प्रमुख बिंदु
- यह पर्यावरण अनुकूल आयोजन उन कई अन्य अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक शिखर सम्मेलनों के बिलकुल विपरीत है, जिसमें हज़ारों प्रतिनिधि दुनिया भर से जेट वायुयानों द्वारा यात्रा करके एक स्थान पर पहुँचते हैं और जहाँ वे वातानुकूलित आरामदायक परिवेश में ठहरते हैं।
- आभासी जलवायु शिखर सम्मेलन, मार्शल आइलैंड्स की राष्ट्रपति हिल्डा हेइन के मस्तिष्क की उपज है। मार्शल आइलैंड्स (Marshall islands) प्रशांत महासागर में स्थित एक निम्नस्थ द्वीपीय राष्ट्र है जो वैश्विक तापन (Global Warming) के निरंतर जारी रहने के फलस्वरूप समुद्र तल में वृद्धि के कारण समुद्र में डूब जाएगा।
- यह पहली वैश्विक राजनीतिक बैठक होगी जो ऑनलाइन (online Climate change summit) आयोजित की जाएगी। फ्राँसीसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडेव इसमें भाग लेने वाले प्रमुख प्रतिभागी होंगे।
- सुश्री हेइन ने कहा कि अत्याधुनिक सेटअप यह दिखाने के लिये डिज़ाइन किया गया है कि मार्शल आइलैंड्स जैसे छोटे राष्ट्र भी रचनात्मक, जलवायु-अनुकूल समाधानों का उपयोग करके विश्व स्तर पर बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं।
- यह शिखर सम्मेलन सुश्री हेइन की अध्यक्षता में 48 राष्ट्रों वाले जलवायु सुभेद्य मंच द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
- आभासी शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को वैश्विक तापन को पूर्व-औद्योगिक स्तर (Pre-industrial level) से 1.5 डिग्री सेल्सियस ऊपर तक रखने के लिये प्रोत्साहित करना है।
- संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक रिपोर्ट ने पिछले महीने चेतावनी दी थी कि विश्व 2030 से पहले उत्सर्जन की दहलीज तक पहुँच सकता है जब तक कि उत्सर्जन में कटौती हेतु पुन: अभूतपूर्व वैश्विक कार्रवाई न हो।
- संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता (United Nations Climate Talks) का नवीनतम दौर COP-24, तीन साल पहले हुए पेरिस समझौते (Parish Agreement) को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से 2 दिसंबर को दक्षिणी पोलिश शहर केटोवाइस में शुरू हो जाएगा।
- सुश्री हेइन ने कहा कि यह आभासी शिखर सम्मेलन जलवायु परिवर्तन से सर्वप्रथम प्रभावित होने वालों के लिये एक मौका है जो चाहते हैं कि उनकी आवाज़ सुनी जाए।
- इस आयोजन के विपरीत, 2015 में पेरिस में संयुक्त राष्ट्र की COP-21 वार्ता के आयोजकों ने अनुमान लगाया कि इसने 43,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न किया, हालाँकि इसमें से अधिकतर को कार्बन-क्रेडिट योजनाओं के माध्यम से बाद में प्रतिसंतुलित किया गया था।
स्रोत : द हिंदू
प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स : 22 नवंबर, 2018
उच्च शिक्षण संस्थानों के लिये नवोन्मेष प्रकोष्ठ (Innovation Cell)
हाल ही में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने नवोन्मेष प्रकोष्ठ (Innovation Cell) के अंतर्गत ‘प्रतिष्ठान की नवोन्मेष परिषद’ (Institution’s Innovation Council-IIC) कार्यक्रम की शुरूआत की।
- मंत्रालय ने AICTE में एक ‘नवोन्मेष प्रकोष्ठ’ स्थापित किया है जिसका उद्देश्य देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों में नवाचार की संस्कृति को व्यवस्थित ढंग से प्रोत्साहित करना है।
- यह देश में नवाचार (Innovation) को संस्थागत बनाने और एक वैज्ञानिक प्रकृति विकसित करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम है।
- प्रतिष्ठान की नवोन्मेष परिषद (IIC) का नेटवर्क बनाने का उद्देश्य युवा छात्रों के प्रारंभिक वर्षों में उनकी अद्भुत कल्पनाओं और कार्य विधियों को प्रदर्शित करके उन्हें प्रोत्साहित, प्रेरित और विकसित करना है।
- उल्लेखनीय है कि 1000 से अधिक उच्च शिक्षण संस्थानों ने पहले से ही अपने परिसरों में IIC का गठन कर लिया है और मंत्रालय के नवोन्मेष प्रकोष्ठ द्वारा व्यवस्थित IIC नेटवर्क के लिये इन्हें नामांकित किया है।
बिना मूविंग पार्ट्स के उड़ने वाला विमान (Plane Flying with No Moving Parts)
एक क्रांतिकारी परिवर्तन में, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Massachusetts Institute of Technology- MIT) के इंजीनियरों ने बिना मूविंग पार्ट्स वाले विमान की प्रतिकृति (Prototype) तैयार की है और उसे उड़ाया भी है।
- नोदक (Propeller) या टरबाइन की बजा, विमान इलेक्ट्रो-हाइड्रो-डायनेमिक प्रेरण (thrust) या तथाकथित ‘आयनिक हवा’ (Ionic Air) द्वारा संचालित होता है जिसकी पहचान पहली बार 1960 के दशक में की गई थी।
- जब धारा दो इलेक्ट्रोड के बीच से गुज़रती है, तो दोनों इलेक्ट्रोडों के बीच के स्थान में यह अधोवायु (wind) का निर्माण करती है। यदि पर्याप्त वोल्टेज का उपयोग किया जाए तो परिणामी ‘आयनिक हवा’ मोटर या ईंधन की मदद के बिना विमान को आगे बढ़ाने का काम कर सकती है और इस प्रकार एक छोटे विमान को ऊर्जा प्रदान कर सकती है।
- इससे पहले, BAE सिस्टम और मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी ने मैग्मा (MAGMA), एक छोटा मानव रहित हवाई वाहन (Unmanned Aerial Vehicle- UAV) के साथ उड़ान परीक्षणों का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया था, यह उड़ान के दौरान विमान को नियंत्रित करने के लिये फ्लैप्स को स्थानांतरित करने हेतु उपयोग किये जाने मूविंग पार्ट्स की आवश्यकता को दूर करता है।
- उल्लेखनीय है कि एक सदी पहले राइट ब्रदर्स द्वारा निर्मित दुनिया के पहले विमान के उड़ान भरने के बाद से अब तक एयरक्राफ्ट आमतौर पर प्रोपेलर्स, टरबाइन ब्लेड और पंखों जैसे मूविंग पार्ट्स की मदद से उड़ाए जाते हैं और जीवाश्म ईंधन के दहन या बैटरी पैक द्वारा संचालित होते हैं।
विविध
Rapid Fire करेंट अफेयर्स (22 November)
- द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के लिये राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ऑस्ट्रेलिया यात्रा; भारत के किसी राष्ट्रपति की ऑस्ट्रेलिया की यह पहली राजकीय यात्रा
- आपसी संबंधों को और मजबूत बनाने के लिये विदेश सचिव विजय गोखले ने किया भूटान दौरा; भूटान से मैत्री और समन्वय को सर्वोच्च वरीयता देता है भारत
- अंडमान में नॉर्थ सेंटीनल द्वीप पर रहने वाले आदिवासियों ने की अमेरिकी नागरिक की हत्या; किसी भी बाहरी व्यक्ति के द्वीप में प्रवेश पर है प्रतिबंध; संरक्षित श्रेणी में आते हैं द्वीप और वहाँ रहने वाले आदिवासी
- गुरु नानक जयंती के मौके पर केंद्र सरकार ने दी इंटरनेशनल बॉर्डर पर बनने वाले 3 किलोमीटर लंबे करतारपुर कॉरीडोर को मंजूरी; पाकिस्तान से भी किया जाएगा ऐसा ही करने का अनुरोध
- रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंफाल में की मणिपुर संगाई फेस्टिवल की शुरुआत; हर साल 21 से 30 नवंबर होता है इसका आयोजन; मणिपुर का राजकीय पशु है संगाई हिरण
- भूसेवा (Bhusewa) प्रोजेक्ट के तहत आंध्र प्रदेश सरकार ने लॉन्च किया ‘भूधार’ (Bhudhar); प्रत्येक प्लॉट और कृषि भूमि के लिये जारी की जाएगी 11 अंकों वाली यूनीक ID
- राज्यपाल सत्यपाल मालिक ने भंग की जम्मू-कश्मीर विधानसभा; जून में पीडीपी और बीजेपी सरकार गिरने के बाद भंग नहीं की गई थी विधानसभा
- राज्य विधानसभाओं और संसद में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने वाला प्रस्ताव ओडिशा विधानसभा ने किया सर्वसम्मति से पारित
- नासा ने अपना मानवरहित मार्स 2000 रोवर मिशन उतारने के लिये 3.6 अरब साल पुराने जेज़ीरो क्रेटर (Jezero Crater) को चुना
- 12वीं वर्ल्ड कांग्रेस ऑन माउंटेन मेडिसिन की काठमांडू में शुरुआत; Mountain Medicine in the Heart of Himalayas है 4 दिवसीय कांग्रेस की थीम
- नेपाल में भारतीय दूतावास और भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने किया काठमांडू के निकट भक्तपुर में निर्माण उपकरणों और तकनीक पर आधारित प्रदर्शनी ConMac 2018 का आयोजन
- रूसी उम्मीदवार को हराकर दक्षिण कोरिया के कोम जोंग-यांग बने इंटरपोल के नए अध्यक्ष; भ्रष्टाचार के मामले में चीन में हिरासत में चल रहे चीन के मेंग होंग वेई थे इससे पहले इंटरपोल के अध्यक्ष
- नेटफ्लिक्स की सीरीज़ ‘स्ट्रेंजर थिंग्स’ में काम कर चुकी 14 वर्षीय मिली बॉबी ब्राउन बनेंगी यूनिसेफ की अब तक की सबसे कम आयु की ब्रांड एम्बेसडर; बाल अधिकारों के मुद्दों पर करेंगी काम
- वैज्ञानिकों की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने तलाशा विश्व के सबसे छोटे डायनासोर का फुटप्रिंट; दक्षिण कोरिया में मिला केवल एक सेंटीमीटर लंबा फुटप्रिंट लगभग 110 मिलियन वर्ष पुराना
- अमेरिकी-भारतीय छात्रा श्रुति पलानीअप्पन चुनी गईं अमेरिका में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की अंडर-ग्रेजुएट काउंसिल की अध्यक्ष
- गूगल देशभर में जारी करने जा रहा है Neighbourly App; इस क्राउड-सोर्सिंग एप से यूज़र्स पा सकते हैं अपने आस-पास की जानकारी
- वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय ने कालीनों के शहर भदोही को दिया ‘टाउन्स ऑफ एक्सपोर्ट एक्सीलेंस' टैग; इससे पहले 36 शहरों को मिल चुका है यह टैग
- टीम इंडिया के पूर्व ओपनर वसीम जाफर रणजी ट्रॉफी में 11 हज़ार से ज़्यादा रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी; रणजी ट्राफी में सबसे अधिक 37 शतक और 81 अर्धशतक भी हैं उनके नाम