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छत्तीसगढ़ स्टेट पी.सी.एस.

  • 08 Dec 2025
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छत्तीसगढ़ Switch to English

रायपुर-विशाखापत्तनम आर्थिक गलियारा

चर्चा में क्यों?

छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश से होकर गुजरने वाला रायपुर–विशाखापत्तनम आर्थिक कॉरिडोर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 16,482 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया जा रहा है।

मुख्य बिंदु

  • परिचय: यह कॉरिडोर तीन राज्यों में 15 पैकेजों के माध्यम से बनाया जा रहा है और यह मंत्रालय की दीर्घकालीन दृष्टि को दर्शाता है, जिसका उद्देश्य गतिशीलता, संपर्क और लाखों लोगों के लिये अवसरों को बढ़ाना है।
  • अवसंरचना में सुधार: नया 6-लेन, प्रवेश-नियंत्रित गलियारा मौजूदा 2-लेन NH-26 पर भीड़भाड़ कम करेगा तथा 100 किमी/घंटा की गति पर अधिक सुरक्षित और पूर्वानुमानित यात्रा प्रदान करेगा।
  • यात्रा दक्षता: यह गलियारा मौजूदा 597 किमी मार्ग को घटाकर 465 किमी कर देगा, जिससे 132 किमी की दूरी और लगभग सात घंटे की यात्रा समय की बचत होगी। यात्रा समय लगभग 12 घंटे से घटकर केवल पाँच घंटे रह जाएगा।
  • ईंधन एवं परिवहन लागत में कमी: तीव्र यात्रा से सार्वजनिक और मालवाहक ऑपरेटरों दोनों के लिये ईंधन की खपत, परिवहन लागत और परिचालन व्यय में उल्लेखनीय कमी आएगी।
  • औद्योगिक विकास: छत्तीसगढ़ और ओडिशा के उद्योग विशाखापत्तनम बंदरगाह और चेन्नई–कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग से सीधे संपर्क से लाभान्वित होंगे, जिससे निर्यात में वृद्धि और आपूर्ति शृंखलाओं का सुचारू संचालन सुनिश्चित होगा।
  • क्षेत्रीय विकास: इस परियोजना से पर्यटन, रोज़गार सृजन, रियल एस्टेट विकास और जुड़े हुए क्षेत्रों में समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की संभावना है।
  • सामुदायिक लाभ: किसानों, ट्रांसपोर्टरों और स्थानीय निवासियों को कम लॉजिस्टिक्स लागत, तेज़ी से उपज की डिलीवरी और गलियारे के पास भूमि के मूल्य में वृद्धि के रूप में प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा।
  • जनजातीय संपर्क: धमतरी, केशकाल, कांकेर, नबरंगपुर, कोरापुट और अराकू जैसे दूरस्थ और जनजातीय ज़िलों को बाज़ारों, सेवाओं और मुख्यधारा के आर्थिक अवसरों तक बेहतर पहुँच प्राप्त होगी।

राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स Switch to English

डॉ. अंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की।

मुख्य बिंदु

दिवस के बारे में: 

  • महापरिनिर्वाण दिवस हर वर्ष 6 दिसंबर को भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। 
  • यह दिवस उनके सामाजिक सुधार, न्याय और समानता पर पड़े परिवर्तनकारी प्रभाव को सम्मानित करता है।
  • महापरिनिर्वाण” शब्द बौद्ध दर्शन से लिया गया है, जिसका अर्थ है जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति और यह बौद्ध कैलेंडर में सबसे पवित्र दिवस माना जाता है।

प्रमुख योगदान:

  • सशक्तीकरण: शिक्षा को बढ़ावा देने, सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार लाने और बहिष्कृत समुदायों को सशक्त बनाने के लिये बहिष्कृत हितकारिणी सभा (1923) की स्थापना की।
  • वकालत: उत्पीड़ितों को मंच प्रदान करने और सामाजिक असमानताओं को चुनौती देने के लिये मूकनायक (मौन लोगों का नेता) समाचार-पत्र की स्थापना की।
  • समानता: सार्वजनिक जल संसाधनों तक समान पहुँच की वकालत करते हुए महाड़ सत्याग्रह (1927) सहित ऐतिहासिक आंदोलनों का नेतृत्व किया।
  • मुक्ति: वर्ष 1930 में पूजा स्थलों में जाति-आधारित प्रतिबंधों को तोड़ने के लिये कालाराम मंदिर प्रवेश आंदोलन (नासिक सत्याग्रह) का नेतृत्व किया, जो अस्पृश्यता के खिलाफ एक व्यापक लड़ाई का प्रतीक था।
  • प्रतिनिधित्व: पूना समझौते पर बातचीत में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसने दलितों के लिये पृथक निर्वाचन क्षेत्रों के स्थान पर आरक्षित सीटें स्थापित कीं, जिससे उनके राजनीतिक प्रतिनिधित्व का मार्ग प्रशस्त हुआ।
  • संविधान: वर्ष 1947 में नियुक्त प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में, डॉ. अंबेडकर ने विश्व के सबसे बड़े लिखित संविधान को तैयार करने की सावधानीपूर्वक प्रक्रिया की देखरेख की।
  • अर्थशास्त्र: डॉ. अंबेडकर के डॉक्टोरल शोध ने भारत में वित्त आयोग की स्थापना और वर्ष 1934 के RBI अधिनियम के नीतिगत ढाँचे को प्रभावित किया।

पुरस्कार और सम्मान:

  • भारत रत्न पुरस्कार: डॉ. अंबेडकर को वर्ष 1990 में मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
  • अंबेडकर सर्किट: अंबेडकर के जीवन से जुड़े पाँच स्थानों को तीर्थस्थल के रूप में विकसित किया गया (पंचतीर्थ विकास):
    • महू में जन्मस्थान
    • लंदन में स्मारक (शिक्षा भूमि)
    • नागपुर में दीक्षा भूमि
    • मुंबई में चैत्य भूमि
    • दिल्ली में महापरिनिर्वाण भूमि
  • संविधान दिवस: संविधान वास्तुकार के रूप में भूमिका को सम्मानित करने हेतु वर्ष 2015 से 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Mahaparinirvan Diwas of Dr Ambedkar


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