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मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 23 Jul 2025
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आदि कर्मयोगी की दूसरी क्षेत्रीय प्रक्रिया प्रयोगशाला (RPL) का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

जनजातीय कार्य मंत्रालय ने मध्य प्रदेश के भोपाल में आदि कर्मयोगी- राष्ट्रीय उत्तरदायी शासन मिशन की दूसरी क्षेत्रीय प्रक्रिया प्रयोगशाला (RPL) का शुभारंभ किया। 

मुख्य बिंदु

  • क्षेत्रीय प्रक्रिया प्रयोगशाला (RPL) के बारे में:
    • RPL, आदि कर्मयोगी पहल की निरंतरता का प्रतीक है, जो जनजातीय कल्याण में क्षमता निर्माण और अभिसरण के लिये एक रणनीतिक मंच के रूप में कार्य करता है।
    • मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के राज्य मास्टर प्रशिक्षकों (SMT) को भोपाल स्थित RPL में प्रशिक्षित किया जा रहा है।
    • जुलाई और अगस्त 2025 के बीच सात ऐसे RPL आयोजित किये जाएंगे, जिससे मिशन के लक्ष्य एवं पहुँच और भी सुदृढ़ होगी।
  • RPL संरचना: यह एक क्रमिक क्षमता निर्माण मॉडल का पालन करता है:
    • सबसे पहले राज्य मास्टर प्रशिक्षकों (SMT) को RPL में प्रशिक्षित किया जाता है।
    • इसके पश्चात् SMT, राज्य प्रक्रिया प्रयोगशालाओं (SPL) का नेतृत्व करते हैं, जहाँ वे ज़िला मास्टर प्रशिक्षकों (DMT) को प्रशिक्षित करते हैं।
    • नागरिक समाज संगठनों (CSOs) को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया जाता है, जिससे सहभागी शिक्षण और स्थानीय परिप्रेक्ष्य को सुनिश्चित किया जा सके।
  • आदि कर्मयोगी: 
    • यह उत्तरदायी शासन के लिये एक राष्ट्रीय मिशन है, जिसे 20 लाख आदिवासी ज़मीनी कार्यकर्त्ताओं और ग्राम-स्तरीय परिवर्तन नेताओं का एक कैडर तैयार करने के लिये विकसित किया गया है, जो समावेशी विकास को आगे बढ़ाएंगे और आदिवासी क्षेत्रों में अंतिम-मील सेवा वितरण को मज़बूत करेंगे।
    • यह मिशन प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA) के साथ संरेखित है, जो अभिसरण, सामुदायिक भागीदारी तथा क्षमता वृद्धि पर ज़ोर देता है।
    • यह मिशन नीचे से ऊपर के दृष्टिकोण, रीयल-टाइम शिकायत निवारण और सहयोगात्मक क्रियान्वयन के माध्यम से उत्तरदायी शासन को बढ़ावा देता है।
    • इसमें जनजातीय कार्य, ग्रामीण विकास, महिला एवं बाल विकास, जलशक्ति, शिक्षा और वन मंत्रालयों सहित अनेक प्रमुख मंत्रालयों तथा विभागों के बीच अभिसरण को प्रोत्साहित किया जाता है।


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मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल द्वारा विकास परियोजनाओं को मंजूरी

चर्चा में क्यों?

मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने राज्य में विद्युत बुनियादी ढाँचे के आधुनिकीकरण तथा डाटा पारदर्शिता बढ़ाने हेतु कई महत्त्वपूर्ण पहलों को मंजूरी दी है।

मुख्य बिंदु

  • जलविद्युत संयंत्रों का नवीनीकरण और आधुनिकीकरण:
    • मंत्रिमंडल ने मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के तहत गांधी सागर संयंत्र (115 मेगावाट) और राणा प्रताप सागर संयंत्र (175 मेगावाट) (राजस्थान में) के नवीनीकरण तथा आधुनिकीकरण को मंजूरी दी।
      • दोनों परियोजनाओं को मध्य प्रदेश और राजस्थान द्वारा 50:50 के अनुपात में वित्त पोषित किया जाएगा, जिसमें मध्य प्रदेश का हिस्सा 127.06 करोड़ रुपए होगा।
  • 'डाटा सुदृढ़ीकरण योजना' का परिचय:
    • शासन और नीति-निर्माण में सुधार के लिये, मंत्रिमंडल ने योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के अंतर्गत एक नई 'डाटा सुदृढ़ीकरण योजना' को मंजूरी दी। 
    • इस योजना का उद्देश्य है:
      • सांख्यिकीय आँकड़ों का समय पर संग्रह और विश्लेषण
      • विभागों में पारदर्शिता और दक्षता में वृद्धि
      • स्वतंत्र शोधकर्त्ताओं और नीति निर्माताओं के लिये आसान पहुँच, जिससे वे नई योजनाएँ तथा सुधार तैयार कर सकें
      • विश्वसनीय आँकड़ों की उपलब्धता के कारण निवेशकों का विश्वास बढ़ाना
  • विक्रमोत्सव व्यापार मेला 2025 में मोटर वाहन कर पर छूट:
    • मंत्रिमंडल ने उज्जैन में आयोजित होने वाले विक्रमोत्सव व्यापार मेला 2025 के लिये परिवहन विभाग की अधिसूचनाओं को मंजूरी दी।
    • मेले में बेचे जाने वाले गैर-परिवहन वाहनों (मोटर साइकिल, कार, निजी उपयोग के लिये ओमनी बसें) और हल्के परिवहन वाहनों के लिये आजीवन मोटर वाहन कर पर 50% की छूट
    • मंत्रिमंडल ने परिवहन विभाग की 14 जनवरी 2025 की अधिसूचना के अनुसार, ग्वालियर व्यापार मेला 2024-25 के दौरान मोटर वाहन बिक्री पर भी 50% कर छूट का समर्थन किया।


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