राजस्थान Switch to English
पोखरण में रुद्रास्त्र UAV का सफल परीक्षण
चर्चा में क्यों?
भारतीय सेना ने राजस्थान के पोखरण में रुद्रस्त्र हाइब्रिड वर्टिकल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग (VTOL) UAV का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
- सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड द्वारा विकसित यह UAV भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने हेतु किये जा रहे लगातार प्रयासों का हिस्सा ह
मुख्य बिंदु
- रुद्रस्त्र UAV की मुख्य विशेषताएँ और क्षमताएँ:
- स्वदेशी VTOL UAV का नाम रुद्रस्त्र रखा गया है, जो आत्मनिर्भरता की शक्ति का प्रतीक है।
- परीक्षणों के दौरान प्रदर्शित प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार थीं:
- ऊर्ध्वाधर टेक-ऑफ और लैंडिंग (VTOL)
- दीर्घ-धीरज मिशन
- वास्तविक समय वीडियो प्रसारण
- सटीक संलग्नता
- ऊबड़-खाबड़ क्षेत्रों में परिचालन लचीलापन
- परीक्षण प्रदर्शन:
- रुद्रस्त्र ने पूरे मिशन के दौरान स्थिर वास्तविक समय वीडियो लिंक बनाए रखा।
- इसने 50 किमी. से अधिक के मिशन दायरे में सफलतापूर्वक कार्य किया और प्रक्षेपण स्थल पर बिना किसी समस्या के लौट आया।
- लक्ष्य पर निगरानी सहित UAV ने लगभग 1.5 घंटे की क्षमता के साथ 170 किमी. से अधिक की दूरी तय की।
- अनुप्रयोग और रणनीतिक उपयोगिता:
- रुद्रस्त्र का उपयोग निगरानी, गुप्त सूचनाएँ एकत्र करने और लक्ष्य भेदन के लिये किया जा सकता है, जिससे यह पहाड़ी या दुर्गम क्षेत्रों के लिये आदर्श है।
- VTOL UAV को उड़ान भरने अथवा उतरने के लिये रनवे की आवश्यकता नहीं होती, जिससे इन्हें विविध परिचालन परिवेशों में शीघ्र तैनाती हेतु अपेक्षित लचीलापन प्राप्त होता है।
- ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का उन्नत UAV पर ज़ोर:
- ऑपरेशन सिंदूर भारत का पहला बड़े पैमाने पर गैर-संपर्क सैन्य अभियान था, जिसमें ड्रोन, मिसाइलों और सटीक हथियारों का प्रयोग किया गया।
- इस अनुभव ने आधुनिक युद्ध परिदृश्यों में उन्नत UAV क्षमताओं की अत्यधिक आवश्यकता को उजागर किया।
- इसके जवाब में भारतीय सेना ने भविष्य के ऐसे ही गैर-संपर्क खतरों के विरुद्ध भारत की तैयारी को सशक्त करने हेतु अधिक UAV को शामिल करने के प्रयास तेज़ कर दिये हैं।

