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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 23 Nov 2022
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बांसवाड़ा-नाथद्वारा, राजसमंद, बाड़मेर और उदयपुर बेल्ट में खनिज खोज का व्यापक एक्सप्लोरेशन कार्यक्रम

चर्चा में क्यों?

22 नवंबर, 2022 को राजस्थान के माइंस, पेट्रोलियम एवं जलदाय के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य के बाँसवाड़ा-नाथद्वारा बेल्ट, राजसमंद बेल्ट, बाड़मेर और उदयपुर बेल्ट में राजस्थान राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट (आरएसएमईटी)के वित्तीय सहयोग से खनिज खोज का व्यापक एक्सप्लोरेशन कार्यक्रम चलाया जाएगा।

प्रमुख बिंदु 

  • डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि आरंभिक सर्वेक्षणों के अनुसार राज्य के बाँसवाड़ा-नाथद्वारा बेल्ट में खनिज गोल्ड (सोने) के भंडार संभावित हैं, वहीं राजसमंद बेल्ट में खनिज एमरल्ड, बाड़मेर बेल्ट में खनिज रेयर अर्थ एलिमेंट्स और उदयपुर में खनिज फास्फेट के भंडार चिह्नित किये गए हैं।
  • उन्होंने बताया कि इन क्षेत्रों में आरएसएमईटी के सहयोग से एक्सटेंसिव एक्सप्लोरेशन कार्यक्रम चलाने का निर्णय किया गया है, ताकि इन क्षेत्रों में खनिजों के भंडार की उपलब्धता, गुणवत्ता आदि का आंकलन किया जा सके, ताकि उपलब्ध भंडारों के आधार पर ब्लॉक्स का निर्माण कर ई नीलामी की जा सके।
  • उन्होंने बताया कि राज्य में चरणबद्ध तरीके से खनिज एक्सप्लोरेशन कार्य को गति दी जाएगी और प्राप्त रिपोर्ट्स के अनुसार खनिज ब्लॉक्स तैयार कर नीलाम किये जाएंगे, ताकि राज्य में उपलब्ध खनिज संपदा के खोज और खनन कार्य को गति दी जा सके। इससे प्रदेश में खनिज क्षेत्र में अधिक निवेश, अधिक रोज़गार के अवसर और अधिक राजस्व प्राप्त होने के साथ ही वैश्विक पहचान बन सकेगी।
  • निदेशक माइंस संदेश नायक ने बताया कि राज्य में खनिज ब्लॉकों के ऑक्शन कार्य में तेज़ी आई है। पिछले दिनों मेजर मिनरल के क्षेत्र में नागौर और जैसलमेर में लाईमस्टोन के दो ब्लॉकों की ई नीलामी की गई है।
  • आरएसएमईटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एनपी सिंह ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा राज्य में आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता में सहयोग दिया जा रहा है। इसके अलावा ड्रिलिंग कार्य में तेज़ी लाने के साथ ही प्राप्त सैंपल का समय पर परीक्षण करवाने के प्रयास किये जा रहे हैं।

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‘कृषि में अध्ययनरत् छात्राओं को प्रोत्साहन योजना’

चर्चा में क्यों?

22 नवंबर, 2022 को राजस्थान सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कृषि क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये राज्य में ‘कृषि में अध्ययनरत् छात्राओं को प्रोत्साहन योजना’ चलाई जा रही है।

प्रमुख बिंदु 

  • इस योजना के तहत अध्ययन के लिये कृषि को विषय के तौर पर चुनने वाली बालिकाओं को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से कृषि संकाय में 11वीं कक्षा से लेकर पीएचडी कर रही छात्राओं को 5 हज़ार से लेकर 15 हज़ार रुपए की राशि प्रतिवर्ष दी जा रही है। 
  • राज्य सरकार का उद्देश्य है कि बालिकाएँ कृषि के क्षेत्र की नवीनतम तकनीकों का अध्ययन करें और औपचारिक शिक्षण-प्रशिक्षण प्राप्त करें, जिससे न केवल उनके परिवार की आय में वृद्धि होगी, बल्कि वे राज्य और देश की समृद्धि में भी योगदान देंगी।
  • उल्लेखनीय है कि राज्य में कृषि के क्षेत्र में बुवाई से लेकर रोपण, जल निकासी, सिंचाई, उर्वरक, पौध संरक्षण,कटाई, खरपतवार हटाने और भंडारण तक के कार्यों में महिलाएँ अग्रणी भूमिका निभाती हैं।      

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