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स्टेट पी.सी.एस.

  • 23 May 2025
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छत्तीसगढ़ Switch to English

ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट

चर्चा में क्यों?

ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट के तहत छत्तीसगढ़ की नारायणपुर और बीजापुर ज़िलों की सीमा पर स्थित अबूझमाड़ क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों ने शीर्ष माओवादी नेता नंबाला केशव राव सहित 27 नक्सलियों को मार गिराकर नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता प्राप्त की।

मुख्य बिंदु

ब्लैक फॉरेस्ट ऑपरेशन

  • परिचय:
    • ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट सबसे लंबा नक्सल विरोधी अभियान था, जिसे केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) और छत्तीसगढ़ पुलिस ने संयुक्त रूप से 21 दिनों तक चलाया था।
    • यह ऑपरेशन कर्रेगुट्टालु पहाड़ी (KGH) के आसपास शुरू किया गया, जो छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर स्थित एक नक्सली गढ़ है, जो इसे रणनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र बनाता है।
    • वर्ष 2022 में स्थापित घाल्गाम फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस ने मिशन के लिये केंद्रीय कमांड हब के रूप में कार्य किया, जिससे चुनौतीपूर्ण इलाके में प्रभावी समन्वय और निरंतर परिचालन गति को सक्षम किया जा सका।
    • इस अभियान के तहत छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र में 54 गिरफ्तारियाँ हुईं और 84 लोगों ने आत्मसमर्पण किया।
  • महत्त्व:
    • तीन दशकों में पहली बार CPI-माओवादी के महासचिव स्तर के नेता को मार गिराया गया है, जो नक्सल विरोधी अभियानों में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।
    • ऑपरेशन की सफलता केंद्रीय और राज्य बलों के बीच बढ़े हुए सहयोग को दर्शाती है, जिसे राज्य की सीमाओं के पार कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी और सैन्य समन्वय का समर्थन प्राप्त है।

नक्सलवाद से निपटने के लिये सरकारी उपाय

  • सुरक्षा एवं आतंकवाद विरोधी अभियान:
    • प्रमुख ऑपरेशन: ऑपरेशन स्टीपलचेज़ (1971) और ऑपरेशन ग्रीन हंट (2009) जैसे प्रमुख अभियानों में नक्सली नेटवर्क को समाप्त करने के लिये कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रिज़ोल्यूट एक्शन) कमांडो सहित केंद्रीय और राज्य बलों द्वारा संयुक्त कार्रवाई की गई थी।
    • विशेष बल: आंध्र प्रदेश में ग्रेहाउंड्स और छत्तीसगढ़ में बस्तरिया बटालियन जैसी इकाइयों का गठन आदिवासी युवाओं की सक्रिय भागीदारी से किया गया, ताकि क्षेत्र-विशिष्ट आतंकवाद-रोधी प्रभावशीलता सुनिश्चित की जा सके।
    • एकीकृत कमान तंत्र (2010): इसकी स्थापना अंतर-राज्यीय समन्वय को बढ़ावा देने तथा वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों के बीच एकीकृत प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिये की गई थी।
  • समाधान (SAMADHAN) पहल 
    • ऑपरेशन ‘समाधान’ भारत में नक्सली समस्या को हल करने के लिये गृह मंत्रालय द्वारा शुरू की गई  एक पहल है। समाधान से तात्पर्य है-
      • S-Smart leadership (कुशल नेतृत्व)
      • A-Aggressive strategy (आक्रामक रणनीति)
      • M-Motivation and training (अभिप्रेरणा एवं प्रशिक्षण)
      • A-Actionable intelligence (अभियोज्य गुप्तचर व्यवस्था)
      • D-Dashbord based key performance indicators and key result area (कार्ययोजना आधारित प्रदर्शन सूचकांक एवं परिणामोन्मुखी क्षेत्र) 
      • H-Harnessing technology (कारगर प्रौद्यौगिकी)
      • A-Action plan for each threat (प्रत्येक रणनीति की कार्ययोजना)
    • N-No access to financing (नक्सलियों के वित्त-पोषण को विफल करने की रणनीति)
  • बुनियादी ढाँचा विकास:
    • वर्ष 2016 में शुरू की गई वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के लिये सड़क आवश्यकता योजना-I (RRP-I) का उद्देश्य वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में सड़क संपर्क में सुधार करना है। 
    • स्थानीय कानून प्रवर्तन को मज़बूत करने के एक हिस्से के रूप में, विशेष अवसंरचना योजना (SIS) के तहत राज्य के संवेदनशील ज़िलों में कई किलेबंद पुलिस स्टेशनों का निर्माण किया गया है।
  • कौशल विकास और रोज़गार सृजन:
    • रोशनी योजना: वामपंथी उग्रवाद प्रभावित ज़िलों में युवाओं के लिये कौशल विकास और रोज़गार से जुड़े प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करती है।
    • ITI की स्थापना: व्यावसायिक कौशल बढ़ाने और स्थानीय रोज़गार को बढ़ावा देने के लिये औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किये गए हैं।
  • सामाजिक-आर्थिक और विकासात्मक पहल:
    • वन अधिकार अधिनियम (2006): यह अधिनियम जनजातीय समुदायों के भूमि और वन अधिकारों को मान्यता देता है, दीर्घकालिक शिकायतों का समाधान करता है तथा स्थानीय शासन को सशक्त बनाता है।
    • नागरिक कार्रवाई कार्यक्रम (CAP): इसका उद्देश्य कल्याणकारी गतिविधियों और जन जागरूकता के माध्यम से सुरक्षा बलों और स्थानीय आबादी के बीच विश्वास का निर्माण करना है।
    • आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम (ADP): वर्ष 2018 में शुरू किया गया, इसका उद्देश्य स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढाँचे और शासन मानकों में वामपंथी उग्रवाद प्रभावित ज़िलों को बदलना है।
  • GIS मैपिंग के माध्यम से डेटा-संचालित शासन:
    • GIS-आधारित योजना: सरकार वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं- स्कूल, बैंक, डाकघर, स्वास्थ्य केंद्र, सड़क और पुलिस स्टेशन का मानचित्रण करने के लिये GIS प्रौद्योगिकी का लाभ उठा रही है, जिससे लक्षित विकास तथा सुरक्षा हस्तक्षेप संभव हो सके।

माओवादी नेता- नंबाला केशव राव

  • उन्होंने CPI-माओवादी के महासचिव के रूप में कार्य किया और विद्रोही नेतृत्व में सर्वोच्च पद पर रहे।
  • वे गुरिल्ला युद्ध में अपनी विशेषज्ञता के लिये जाने जाते थे, जिसमें जंगल युद्ध रणनीति और इंप्रोवाइज़्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) बनाना शामिल था।
  • वे 2010 के दंतेवाड़ा नरसंहार का मास्टरमाइंड थे, जिसके परिणामस्वरूप 76 CRPF के जवानों की मृत्यु हुई थी।

लाल गलियारा

  • यह भारत के मध्य, पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों का वह क्षेत्र है, जो नक्सलवाद–माओवादी उग्रवाद से गंभीर रूप से प्रभावित है।
  • इसमें छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और केरल राज्य शामिल हैं।


उत्तर प्रदेश Switch to English

शादी अनुदान योजना

चर्चा में क्यों?

उत्तर प्रदेश सरकार ने शादी अनुदान योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1 लाख अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) परिवारों को विवाह अनुदान प्रदान किया है

  • इस उपलब्धि के बावजूद, सामाजिक अंकेक्षण की रिपोर्टों और क्षेत्रीय सर्वेक्षणों से पता चलता है कि भले ही पहुँच में सुधार हुआ है, लेकिन प्रणालीगत कमियाँ अब भी बनी हुई हैं।

मुख्य बिंदु

शादी अनुदान योजना (विवाह अनुदान योजना)

  • परिचय: 
    • यह योजना गरीब, निर्बल तथा गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवनयापन करने वाले अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) वर्ग के परिवारों की बेटियों की शादी हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
  • पात्रता मापदंड:
    • आवेदक राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त OBC वर्ग से होना चाहिये।
      • अल्पसंख्यक समुदायों के व्यक्ति जो OBC श्रेणी में आते हैं, वे इस योजना के अंतर्गत पात्र नहीं हैं।
    • लड़की और लड़के की आयु क्रमशः 18 वर्ष और 21 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिये।
    • निराश्रित विधवाओं, विकलांगों, भूमिहीनों और प्राकृतिक आपदा से पीड़ित व्यक्तियों के विवाह के लिये सब्सिडी देने में प्राथमिकता दी जाती है।
  • अनुदान राशि: प्रति विवाह 20,000 रुपए
    • एक परिवार से अधिकतम 2 बेटियों को अनुदान दिया जाएगा।
  • लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि का कारण: यह उल्लेखनीय वृद्धि मुख्य रूप से आय पात्रता मानदंड में संशोधन के कारण हुई है। पहले यह सीमा शहरी और ग्रामीण BPL परिवारों तक ही सीमित थी, लेकिन अब आय सीमा बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दी गई है, जिससे अधिक से अधिक परिवार इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। 
  • इसके अलावा, शहरी और ग्रामीण दोनों लाभार्थियों के लिये आय पात्रता को मानकीकृत किया गया है।

योजना से संबंधित चुनौतियाँ 

  • धन वितरण में विलंब: ग्रामीण ज़िलों में लाभार्थियों को धन वितरण के लिये 4-6 महीने तक इंतजार करना पड़ता है, जिससे कई परिवारों को शादी के खर्चों को पूरा करने के लिये धन उधार लेने के लिये मज़बूर होना पड़ता है।
  • अंतिम छोर तक वितरण अंतराल: वर्ष 2024 के सामाजिक अंकेक्षण के अनुसार, केवल 68% प्राप्तकर्त्ताओं को शादी से पहले उनकी धनराशि प्राप्त हुई, जिससे वित्तीय सहायता की समयबद्धता प्रभावित हुई।
  • उच्च आवेदन अस्वीकृति दर: लगभग 23% आवेदनों को दस्तावेज़ी कमियों के कारण अस्वीकृत कर दिया गया, जिससे और अधिक देरी व जटिलताएँ उत्पन्न हुईं।
  • सत्यापन में बाधाएँ: सत्यापन में मैनुअल प्रक्रियाएँ और नौकरशाही संबंधी देरी लाभार्थियों को समय पर सहायता प्रदान करने में बाधा डालती है।

सुधार के उपाय

  • विभाग अंतिम छोर तक वितरण में सुधार के लिये जागरूकता अभियान की योजना बना रहा है तथा अपने समावेशी विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये सुव्यवस्थित प्रक्रियाओं की आवश्यकता को स्वीकार कर रहा है।
  • जरूरतों और चुनौतियों की पहचान करने के लिये नियमित रूप से लाभार्थियों की प्रतिक्रिया एकत्रकरें तथा कार्यक्रम को बेहतर बनाने और अधिक प्रभाव के लिये उसे अनुकूलित करने के लिये अंतर्दृष्टि का उपयोग करें।
  • प्रभावशीलता और सुधार के क्षेत्रों का आकलन करने के लिये नियमित निगरानी और मूल्यांकन स्थापित करें।

OBC के सशक्तीकरण से संबंधित योजनाएँ

  • श्रेयस (युवा उपलब्धिकर्त्ताओं के लिये उच्च शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति) योजना: श्रेयस योजना एक व्यापक कार्यक्रम है, जिसमें चार उप-योजनाएँ शामिल हैं, जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से वंचित अनुसूचित जाति (SC) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के छात्रों को शैक्षिक अवसर और वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
  • पीएम-यशस्वी (OBC एवं अन्य के लिये जीवंत भारत हेतु पीएम युवा उपलब्धि छात्रवृत्ति पुरस्कार योजना): पीएम-यशस्वी योजना OBC, EBC और विमुक्त, खानाबदोश जनजातियों (DNT) के छात्रों को कक्षा 12वीं से आगे उच्च शिक्षा के लिये पूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
  • सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 100% वित्त पोषित, यह वर्ष 2021-22 से मंत्रालय द्वारा अधिसूचित संस्थानों के छात्रों को कवर करती है। 
  • OBC प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति- उत्तर प्रदेश: OBC प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति उन छात्रों को सहायता देने के लिये बनाई गई है जो आर्थिक रूप से वंचित हैं और कक्षा 9 या 10 में माध्यमिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।


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