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बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 22 Sep 2022
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बिहार के सभी एनएच पर लगाया जाएगा ऑटोमेटिक रडार गन

चर्चा में क्यों?

21 सितंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार में राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) पर ओवर स्पीड को कम करने के लिये सभी एनएच पर आठ से 10 किमी. पर ऑटोमेटिक रडार गन लगाया जाएगा, ताकि तय गति सीमा से तेज़ गाड़ी चलाने वाले हर वाहनों पर ऑनलाइन जुर्माना लगाया जा सके।

प्रमुख बिंदु

  • जुर्माना लगाने के बाद गाड़ी मालिकों को इसकी सूचना ऑनलाइन, यानी एसएमएस से भेजी जाएगी। रडार उन सभी एनएच पर लगाया जाएगा, जहाँ दुर्घटनाएँ अधिक हो रही हैं। साथ ही, रडार लगाते समय भी दुर्घटना वाली जगहों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
  • गौरतलब है कि राज्य के पाँच अधिकारियों को इस संबंध में प्रशिक्षण के लिये बंगलूरू भेजा गया था। अब 29-30 सितंबर को दिल्ली में प्रशिक्षण के बाद ये अपनी पूरी रिपोर्ट सरकार को सौंप देंगे, ताकि सड़क दुर्घटना में ओवर स्पीड के मामले को कम किया जा सके।
  • उल्लेखनीय है कि बिहार में राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण ओवर स्पीड को माना जाता है। 2021 में राज्य में एनएच पर हुए हादसों में ज़्यादातर एनएच-31, एनएच-28, एनएच-30 और एनएच-57 पर हुए।
  • इनमें सबसे खतरनाक एनएच-31 है। नवादा, बिहारशरीफ, पटना, बेगूसराय, खगड़िया, पूर्णिया व किशनगंज से होकर गुज़र रहे इस एनएच पर 644 सड़क दुर्घटनाएँ हुईं, जिनमें 520 की मौत हो गईं। बेगूसराय, मुजफ्फरपुर व गोपालगंज से होकर गुज़रने वाले एनएच-28 पर 515 हादसे हुए, जिनमें 443 लोगों की मौत हुई। बिहार में एनएच में कुल 3285 दुर्घटनाएँ हुईं।

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बिहार में बनेंगे नए ईको टूरिज्म स्पॉट

चर्चा में क्यों?

21 सितंबर, 2022 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विभागीय समीक्षा बैठक में प्रदेश में नए ईको टूरिज्म स्पॉट बनाने के लिये अधिकारियों को निर्देश दिये।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में नए ईको टूरिज्म स्पॉट बनाने का टास्क वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव को दिया है।
  • मुख्यमंत्री  ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बिहार में जो पर्यटन स्थल विकसित किये गए हैं, उनके अतिरिक्त अन्य स्थलों का चयन करें। साथ ही, उसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिये कार्य करें।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद राज्य का हरित आवरण क्षेत्र नौ प्रतिशत रह गया था। वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की शुरुआत की गई, जिसके तहत 24 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें 22 करोड़ पौधे लगाए गए। जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरुआत वर्ष 2019 में की गई। इसमें सभी ज़िलों में अधिक-से-अधिक पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है।
  • बड़ी संख्या में पौधारोपण किये जाने से राज्य का हरित आवरण क्षेत्र बढ़कर अब 15 प्रतिशत तक पहुँच गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का हरित आवरण क्षेत्र कम-से-कम 17 प्रतिशत तक करने के लिये तेज़ी से और पौधारोपण कराएँ।

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