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उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 20 Sep 2021
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उत्तराखंड Switch to English

कानपुर और आगरा मेट्रो की प्रथम प्रोटोटाइप ट्रेन का अनावरण

चर्चा में क्यों?

18 सितंबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर और आगरा मेट्रो की प्रथम प्रोटोटाइप ट्रेन का जनपद गोरखपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अनावरण किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया तथा ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत इस मेट्रो ट्रेन का निर्माण पूर्णतया देश में ही किया गया है।
  • उन्होंने कहा कि बड़ोदरा के उपक्रम द्वारा कोविड काल की प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद इस प्रथम प्रोटोटाइप ट्रेन को समय से पहले उपलब्ध कराया गया है।
  • आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के चार शहरों- लखनऊ, गाज़ियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में मेट्रो ट्रेन का सफल संचालन किया जा रहा है। कानपुर और आगरा में मेट्रो का कार्य पूरा हो चुका है। इसके साथ ही पाँच अन्य प्रमुख शहरों- गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ और झाँसी में मेट्रो के लिये DPR तैयार है या अंतिम चरण में है।
  • उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के अनुसार कानपुर की मेट्रो ट्रेनों में ‘रीजेनरेटिव ब्रेकिंग’ का फीचर होगा, जिसकी मदद से ट्रेन में लगने वाले ब्रेक्स के माध्यम से 45 प्रतिशत तक ऊर्जा को रीजेनरेट करके फिर से सिस्टम में इस्तेमाल कर लिया जाएगा।
  • वायु प्रदूषण को कम करने के लिये इन ट्रेनों में अत्याधुनिक ‘प्रॉपल्शन सिस्टम’ मौज़ूद होगा। इन ट्रेन में कार्बनडाईऑक्साइड सेंसर आधारित एयर कंडीशनिंग सिस्टम होगा जो ट्रेन में मौज़ूद यात्रियों की संख्या के हिसाब से चलेगा और ऊर्जा की बचत करेगा।
  • ऑटोमेटिक ट्रेन ऑपरेशन को ध्यान में रखते हुए ये ट्रेनें संचारित आधारित ट्रेन नियंत्रण प्रणाली से चलेंगी। कानपुर मेट्रो ट्रेन की यात्री क्षमता 974 यात्रियों की होगी।
  • इन ट्रेन की डिज़ाइन स्पीड 90 किमी./घंटा और ऑपरेशन स्पीड 80 किमी./घंटा तक होगी। ट्रेन के पहले और आखिरी कोच में दिव्यांगजन की ह्वीलचेयर के लिये अलग से स्थान होगा। ह्वीलचेयर के स्थान के पास ‘लॉन्ग स्टॉप रिक्वेस्ट बटन’ होगा, जिसे दबाकर दिव्यांगजन ट्रेन ऑपरेटर को अधिक देर तक दरवाज़ा खुला रखने के लिये सूचित कर सकते हैं।
  • कानपुर की मेट्रो ट्रेन थर्ड रेल यानी पटरियों के समानांतर चलने वाली तीसरी रेल से ऊर्जा प्राप्त करेंगी, इसलिये इसमें खंभों और तारों के सेटअप की आवश्यकता नहीं होगी और बुनियादी ढाँचा बेहतर एवं सुंदर दिखाई देगा।
  • इन ट्रेनों को अत्याधुनिक फायर और क्रैश सेफ्टी के मानकों के आधार पर डिज़ाइन किया गया है। हर ट्रेन में सीसीटीवी कैमरे होंगे, जिनका वीडियो फीड सीधे ट्रेन ऑपरेटर और सेंटर सिक्योरिटी रूम में पहुँचेगा।
  • इंफोटेंमेंट के लिये हर ट्रेन में एलसीडी स्क्रीन या पैनल्स भी होंगे। टॉक बैक बटन को दबाकर यात्री आपात स्थिति में ट्रेन ऑपरेटर से बात कर सकेंगे। यात्री की लोकेशन और सीसीटीवी की फुटेज सीधे ट्रेन ऑपरेटर के पास मौज़ूद मॉनीटर पर दिखाई देगी।

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उत्तर प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में आरोग्य वाटिका

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के सभी स्कूल कॉलेजों में आरोग्य वाटिकाएँ बनाने की घोषणा की गई है।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि आरोग्यवाटिका नवभारत टाइम्स द्वारा प्रारंभ एक विशिष्ट हेल्थ कॉर्नर है, जिसके तहत शहर के विभिन्न पार्कों में उच्च औषधीय गुणवत्ता वाली एवं प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली वनस्पति प्रजातियों को लगाया जाएगा, ताकि आमजन अपने आस-पास उपलब्ध पादपों से होने वाले स्वास्थ्य लाभों से परिचित हो सकें।
  • सरकार की घोषणा के अनुसार, शिक्षण संस्थाओं में आरोग्यवाटिका बनाए जाने का उद्देश्य औषधीय वनस्पतियों एवं उनके प्रयोग की प्राचीन भारतीय परंपराओं के संबंध में विद्यार्थियों को जागरूक करना है।
  • सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर सबट्रापिकल हॉर्टीकल्चर, लखनऊ के वैज्ञानिक आर.ए. राम के अनुसार, जन सामान्य भी किचन गार्डन और टैरेस गार्डन में घर पर ही औषधीय पौधे उगा सकते हैं तथा इससे उत्पन्न कचरे को खाद में बदला जा सकता है।

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