मध्य प्रदेश Switch to English
सड़क सुरक्षा ऐप 'संजय' लॉन्च
चर्चा में क्यों?
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने “डेटा-ड्रिवन हाइपरलोकल इंटरवेंशंस’’ (DDHI) कार्यशाला को संबोधित करते हुए ज़ोर देकर कहा कि किसी भी जल्दबाज़ी या आपात स्थिति में भी सड़क सुरक्षा नियमों का उल्लंघन उचित नहीं ठहराया जा सकता और नागरिकों से आग्रह किया कि सुरक्षा को “एक आदत, न कि अपवाद’’ (A habit, not an exception) बनाएँ।
- कार्यक्रम के दौरान उन्होंने सड़क सुरक्षा प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने के लिये 'संजय' ऐप का भी उद्घाटन किया। इस कार्यशाला का मुख्य फोकस सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिये स्थानीय स्तर पर डेटा-आधारित समाधानों पर था।
मुख्य बिंदु
- सड़क सुरक्षा ऐप: उन्नत सड़क सुरक्षा ऐप 'संजय' सड़क सुरक्षा प्रबंधन को आधुनिक बनाने के लिये डिज़ाइन किया गया है। यह वास्तविक समय में ट्रैफिक अपडेट प्रदान करता है, सड़क की स्थिति की निगरानी करता है और उपयोगकर्त्ताओं को दुर्घटना-प्रवण क्षेत्रों के संबंध में सचेत करता है।
- यह अधिकारियों को भी ट्रैफिक डेटा ट्रैक और विश्लेषण करने की सुविधा प्रदान करता है, ताकि सूचित निर्णय लिये जा सकें और समग्र सड़क सुरक्षा रणनीतियों में सुधार किया जा सके।
- प्रकाशन: इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने “रोड सेफ्टी एजुकेशन सिस्टम” नामक पुस्तक और “रोड सेफ्टी” पर IIT मद्रास द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट भी जारी की, जो शिक्षा और डेटा-आधारित हस्तक्षेपों के माध्यम से सड़क सुरक्षा सुधार के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
- थीम: मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि कार्यशाला की थीम ‘हर मोड़ पर सुरक्षित’ (Every turn safe) को पूरे मध्य प्रदेश में एक संस्कृति के रूप में स्थापित किया जाना चाहिये।
- सहयोग: कार्यशाला के दौरान सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री राकेश सिंह ने दो अलग-अलग समझौता ज्ञापन (MoU) पर भी हस्ताक्षर किये:
- IIT मद्रास के साथ MoU: यह सहयोग सड़क सुरक्षा चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने के लिये डेटा-आधारित रणनीतियों के विकास पर केंद्रित है।
- SaveLIFE फाउंडेशन के साथ MoU: यह साझेदारी सड़क सुरक्षा पर सामुदायिक भागीदारी और जागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से है।
राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स Switch to English
भारत-दक्षिण कोरिया नौसैनिक द्विपक्षीय अभ्यास (IN–RoKN)
चर्चा में क्यों?
भारत-दक्षिण कोरिया द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास (IN-RoKN) का पहला संस्करण 13 अक्तूबर, 2025 को दक्षिण कोरिया के बु्सान नेवल बेस में शुरू हुआ, जो भारतीय नौसेना (IN) और कोरिया गणराज्य नौसेना (RoKN) के बीच बढ़ती रणनीतिक साझेदारी में एक मील का पत्थर है।
मुख्य बिंदु
- परिचय: पहला IN-RoKN अभ्यास दो अलग-अलग चरणों- हार्बर फेज़ और सी फेज़ में आयोजित किया गया है, जिसका उद्देश्य दोनों समुद्री सेनाओं के बीच अंतर-संचालनीयता (इंटरऑपरेबिलिटी), आपसी समझ और विश्वास को बढ़ाना है।
- हार्बर फेज़: इस चरण में, दोनों देशों के नौसैनिक अधिकारी क्रॉस-डेक विज़िट, पेशेवर अनुभवों का आदान-प्रदान, सर्वोत्तम प्रथाओं का साझाकरण, खेलकूद गतिविधियों और क्रॉस-ट्रेनिंग सत्रों में शामिल होंगे। INS सह्याद्रि के कमांडिंग ऑफिसर भी वरिष्ठ RoKN अधिकारियों और स्थानीय गण्यमान्य व्यक्तियों से शिष्टाचार करेंगे।
- सी फेज़: समुद्री चरण में INS सह्याद्रि और ROKS Gyeongnam के बीच जटिल संयुक्त अभ्यास एवं संचालन संबंधी अभ्यास होंगे, जिनका उद्देश्य सामरिक समन्वय और परिचालन सहयोग को सुदृढ़ करना है।
- INS सह्याद्रि: INS सह्याद्रि एक स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित शिवालिक-क्लास स्टील्थ फ्रिगेट है। इसे वर्ष 2012 में कमीशन किया गया और यह ईस्टर्न नेवल कमांड के ईस्टर्न फ्लीट के अधीन सेवाएँ प्रदान करता है, जिसका मुख्यालय विशाखापट्टनम में स्थित है।
- यह भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’ (Self-Reliant India) पहल और उसकी स्वदेशी शिपबिल्डिंग क्षमताओं का प्रतीक है।
- रणनीतिक महत्त्व: जैसे-जैसे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र का भू-राजनीतिक महत्त्व बढ़ रहा है, भारत और कोरिया गणराज्य ने साझा हितों, आपसी सम्मान और सामान्य मूल्यों पर आधारित सुदृढ़ समुद्री साझेदारी विकसित करने की अपनी प्रतिबद्धता की दोबारा पुष्टि की है।
राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स Switch to English
विश्व खाद्य दिवस 2025
चर्चा में क्यों?
विश्व खाद्य दिवस प्रतिवर्ष 16 अक्तूबर को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य खाद्य सुरक्षा, पोषण और संधारणीय कृषि के संबंध में जागरूकता बढ़ाना है।
मुख्य बिंदु
- परिचय: विश्व खाद्य दिवस संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा 16 अक्तूबर, 1945 को स्थापित खाद्य और कृषि संगठन (FAO) की स्थापना की स्मृति में मनाया जाता है।
- विश्व खाद्य दिवस 1979 में FAO की 20वीं महासभा के दौरान अस्तित्व में आया और 1984 में इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकृति प्रदान की।
- भोजन का अधिकार 1948 के सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणा-पत्र (Universal Declaration of Human Rights) द्वारा मान्यता प्राप्त है।
- थीम: वर्ष 2025 के लिये थीम है "बेहतर भोजन और बेहतर भविष्य साथ-साथ", जो एग्रीफूड सिस्टम को बदलने में वैश्विक सहयोग की शक्ति को उजागर करती है।
- भारत की स्थिति: पिछले दशक में भारत का अन्न उत्पादन लगभग 90 मिलियन मीट्रिक टन बढ़ा है, जो दृढ़ कृषि विकास को दर्शाता है।
- फल और सब्ज़ियों का उत्पादन भी महत्त्वपूर्ण रूप से बढ़ा है तथा इसी अवधि में यह 64 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक हो गया।
- भारत अब दूध और बाजरे (मिलेट्स) के उत्पादन में विश्व में प्रथम स्थान पर है, जबकि मछली, फल और सब्ज़ियों के उत्पादन में दूसरा स्थान रखता है। वर्ष 2014 के बाद से शहद और अंडे का उत्पादन दोगुना हो गया है।
- भारत की पहलें: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, पीएम पोषण (POSHAN) योजना, अंत्योदय अन्न योजना, राइस फोर्टिफिकेशन और प्राइस स्टेबिलाइज़ेशन फंड (PSF) जैसी प्रमुख पहलें भारत की खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ कर रही हैं।