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स्टेट पी.सी.एस.

  • 11 Mar 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

नई वाहन स्क्रैप पॉलिसी को कैबिनेट की मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

10 मार्च, 2023 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के परिवहन विभाग की नई वाहन स्क्रैप पॉलिसी के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई है।

प्रमुख बिंदु

  • प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि पुराने वाहनों के संचालन से होने वाले वायु प्रदूषण पर रोक लगाने के लिये वाहन स्क्रैपिंग नीति लागू की गई है।
  • इसके तहत कार्रवाई करने पर उत्तर प्रदेश को केंद्र सरकार से 300 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे। तीन बिंदुओं पर कार्रवाई करने पर पहली किस्त के रूप में 50 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे।
  • इसके तहत प्रदेश सरकार को पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा में 15 वर्ष या उससे अधिक पुराने सरकारी वाहनों की स्क्रैपिंग एवं उनकी अपेक्षित संख्या उपलब्ध कराए जाने, निक्षेप प्रमाणपत्र के सापेक्ष क्रय किये गए वाहनों को कर में छूट प्रदान किये जाने और पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा में स्क्रैप किये जाने वाले वाहन पर लंबित बकाया कर में एकमुश्त छूट प्रदान किये जाने की कार्रवाई करनी है।
  • प्रदेश में पुराने एवं निष्प्रयोज्य हो चुके व्यावसायिक एवं गैर-व्यावसायिक वाहनों पर देय बकाया करों में छूट के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई है, जिसके अंतर्गत वर्ष 2003 से पूर्व राज्य में रजिस्ट्रीकृत सभी श्रेणियों के वाहनों पर बकाया करों में 75 फीसदी तक छूट दी जाएगी।
  • नई वाहन स्क्रैप पॉलिसी के तहत यह छूट अधिसूचना जारी किये जाने की तिथि से एक वर्ष के लिये मान्य होगी। यह छूट वाहन स्वामी को वाहन पर छूट के बाद देय धनराशि को एकमुश्त जमा करने पर ही प्राप्त होगी।
  • कैबिनेट से मंज़ूर किये गए प्रस्ताव में उत्तर प्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम, 1997 की धारा चार के अधीन गैर-व्यावसायिक एवं व्यावसायिक वाहनों पर देय बकाया कर में छूट के लिये अलग-अलग श्रेणी बनाई गई है, जिसके तहत वर्ष 2003 में या इसके बाद और वर्ष 2008 से पूर्व राज्य में रजिस्ट्रीकृत सभी श्रेणियों के वाहनों पर 50 फीसदी की छूट होगी।
  • इसी तरह वर्ष 2008 में या इसके बाद और 2013 में या इसके पूर्व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पड़ने वाले राज्य के ज़िलों में रजिस्ट्रीकृत सभी श्रेणियों के डीज़ल चालित वाहनों पर भी 50 फीसदी की छूट होगी।
  • रजिस्ट्रीकृत यान स्क्रैपिंग सुविधा केंद्र में स्क्रैप कराने वाले वाहनों पर लगाए गए जुर्माने में शत-प्रतिशत छूट होगी, लेकिन यह वाहनों पर जुर्माने की छूट देय सभी बकाया करों पर अनुमन्य होगी।

उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश की पहली खेल नीति-2023

चर्चा में क्यों?

10 मार्च, 2023 को उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने प्रदेश में खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने तथा खेल संस्कृति विकसित करने हेतु राज्य की पहली खेल नीति-2023 को हरी झंडी दे दी।

प्रमुख बिंदु

  • नई खेल नीति में खिलाड़ियों की शारीरिक दक्षता से लेकर उनकी ट्रेनिंग तक का खास ख्याल रखा गया है। इसके साथ ही नए राज्य भारतीय खेल प्राधिकरण की तर्ज़ पर ‘राज्य खेल प्राधिकरण’का गठन भी किया जाएगा तथा निजी अकादमियों और स्कूल-कॉलेजों को खेलों से जोड़ा जाएगा।
  • इसके अलावा इस नीति के तहत हर विद्यालय में 40 मिनट का समय खेल, शारीरिक शिक्षा या योग के लिये निर्धारित किया जाएगा। राज्य में पीपीपी के तहत अलग-अलग खेलों के 14 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तैयार किये जाएंगे तथा राज्य में पाँच हाई परफारमेंस सेंटर स्थापित किये जाएंगे।
  • प्रदेश के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि नई नीति में विभिन्न खेल एसोसिएशंस व खेल अकादमियों को आर्थिक मदद की जाएगी। आर्थिक रूप से कमज़ोर अकादमियों और खेल एसोसिएशन को इसका फायदा मिलेगा।
  • सरकार से मिलने वाली वित्तीय सहायता से ये एसोसिएशन और अकादमियाँ अवस्थापना तथा ट्रेनिंग सुविधाओं में वृद्धि कर सकेंगी। राज्य सरकार पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के माध्यम से राज्य में खेलों की सहायता के साथ-साथ खेल अवस्थापना सुविधाओं के विकास में भी सहयोग करेगी।
  • नई खेल नीति के तहत गठित किया जाने वाला ‘राज्य खेल प्राधिकरण’भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) की तर्ज़ पर काम करेगा। इसके तहत विभिन्न खेलों की स्किल को अपग्रेड किया जाएगा तथा प्रशिक्षण, कैंप, प्रशिक्षकों आदि का संचालन किया जाएगा।
  • खेल नीति के लागू हो जाने से देश एवं राज्य के खिलाड़ी खेल में शिक्षा एवं प्रशिक्षण हासिल करेंगे तथा खेलों में रोज़गार के अवसर बढ़ाए जाएंगे। खेल विश्वविद्यालय की स्थापना से राज्य में योग्य प्रबंधकों, प्रशासकों और संचालनकर्मियों का एक पूल तैयार करने में मदद मिलेगी।
  • खेल विश्वविद्यालय में खेलों से संबंधित विभिन्न पाठ्यक्रमों के ज़रिये इस क्षेत्र में रोज़गार बढ़ेंगे। खेल विभाग राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों को उत्तर प्रदेश में लाने के लिये खेल संघों के साथ मिलकर काम करेगा। इससे बड़ी संख्या में कर्मियों की भर्ती होगी तथा सेवा प्रदाताओं में वृद्धि होगी।
  • राज्य में खेलों के लिये 10 करोड़ रुपए से एक ‘राज्य खेल विकास कोष’बनाया जाएगा, जिससे राज्य के श्रेष्ठ खिलाड़ियों को खासा फायदा मिलेगा। उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर के उपकरण खरीदने में आसानी होगी तथा विदेशों में ट्रेनिंग और प्रदर्शन का मौका मिलेगा। इसके अलावा खिलाड़ियों को विदेशी प्रशिक्षक, फिजियोलॉजिस्ट, मनोवैज्ञानिक आदि उपलब्ध होंगे।
  • उत्तर प्रदेश सरकार खिलाड़ियों की आर्थिक मदद भी करेगी। खेल नीति के अनुसार, हर पंजीकृत खिलाड़ी का पाँच लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा कराया जाएगा। एकलव्य क्रीड़ा कोष से ट्रेनिंग करने या प्रतियोगिता के दौरान खिलाड़ियों को लगने वाली चोट के इलाज के लिये भी प्रदेश सरकार ही धन उपलब्ध कराएगी।
  • खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण के लिये उनकी स्किल पावर के अनुरूप उन्हें तैयार किया जाएगा। इसके लिये खिलाड़ियों को तीन श्रेणियों में रखा गया है -
    • पहली श्रेणी में ग्रास रूट (ज़मीनी स्तर) के खिलाड़ी होंगे। इन्हें शुरुआती स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
    • दूसरी श्रेणी डेवलपमेंट की होगी, जिसमें प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को खोजकर उन्हें भविष्य के खिलाड़ी के तौर पर विकसित करने के लिये एक्शन प्लान बनाकर प्रशिक्षित किया जाएगा।
    • तीसरी श्रेणी में एलीट क्लास के खिलाड़ी आएंगे। ये वो स्थापित खिलाड़ी होंगे, जो विभिन्न खेलों में राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन के लिये प्रेरित किया जाएगा।
  • कैबिनेट मीटिंग में खेल नीति के अलावा भी मंत्रिपरिषद से खेलों से जुड़े कुछ और प्रस्तावों को भी मंज़ूरी मिली है। इनमें खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के आयोजन के लिये विभिन्न कमेटियों को एक्टिवेट करने से जुड़े प्रस्ताव पर सहमति जताई गई है।
  • इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में स्टेडियम, ओपेन जिम निर्माण, संचालन प्रबंधन के लिये नीति बनाने का निर्णय लिया गया है, ताकि नई पीढ़ी को सुविधाएँ दी जाएँ और होनहार खिलाड़ी गाँव से निकलें तथा प्रदेश का नाम रोशन करें।

बिहार Switch to English

अररिया में बनेगा बिहार का दूसरा चिड़ियाघर

चर्चा में क्यों?

10 मार्च, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार के अररिया जिले के रानीगंज प्रखंड में राज्य के दूसरे चिड़ियाघर को बनाने का मास्टर प्लान केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सेंट्रल जू आथॉरिटी) को भेजा जाएगा। इसके लिये पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग तैयारी कर रहा हैं।

प्रमुख बिंदु

  • ज्ञातव्य है कि राज्य के दूसरे चिड़ियाघर को बनाने के मास्टर प्लान को अगस्त 2020 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्टेट वाइल्ड लाइफ की बैठक के दौरान अपनी मंज़ूरी दी थी।
  • स्टेट वाइल्ड लाइफ की बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा मंज़ूरी मिलने के बाद यह प्रस्ताव सेंट्रल जू आथॉरिटी को भेजा गया था। इसके बाद से विभाग और सेंट्रल जू आथॉरिटी के बीच लगातार बातचीत जारी है। आथॉरिटी ने प्रस्ताव के बारे में जिन सवालों की जानकारी मांगी थी, उनके जवाब की तैयारी विभाग ने कर ली है।
  • जानकारी के अनुसार अररिया ज़िले के रानीगंज में प्रस्तावित चिड़ियाघर का इलाका करीब 289 एकड़ में फैला हुआ है। यह स्थान नेपाल और पश्चिम बंगाल के नज़दीक है। ऐसे में वहाँ विभिन्न प्रकार के पक्षी आते रहते हैं।
  • प्रस्तावित चिड़ियाघर के इलाके में तालाबों की बहुतायत होने से हर साल के अक्टूबर और मार्च महीने में प्रवासी पक्षी देखे जाते हैं। इस स्थान की आबोहवा शेर, बाघ, तेंदुआ, गैंडा, जिराफ, हिरण सहित अन्य जानवरों के लिये अनुकूल रहने की संभावना है। इस कारण विभाग ने इसे चिड़ियाघर के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है।

राजस्थान Switch to English

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को राष्ट्रीय स्तर पर मिला सम्मान

चर्चा में क्यों?

10 मार्च, 2023 को राजस्थान के जयपुर में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की स्कॉच अवॉर्ड डिजिटल सेरेमनी में प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिला है, जिसके अंतर्गत विभाग को दो पुरस्कार मिले।

प्रमुख बिंदु

  • राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने ये सम्मान प्राप्त किये।
  • शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने बताया कि सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा चलाई गई योजनाएँ राज्य में ही नहीं, बल्कि देशभर में सराही जा रही हैं। अपनी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से राजस्थान देश में मॉडल स्टेट बनकर उभरा है।
  • उन्होंने बताया कि विभाग को अपने नवाचारों के लिये स्कॉच अवॉर्ड टीम द्वारा डिजिटल सर्टिफिकेट एवं साइटेशन प्रदान किया गया।
  • डॉ. समित शर्मा ने बताया कि विभाग की तीन महत्त्वपूर्ण योजनाओं को ये पुरस्कार मिले। पालनहार योजना को गोल्ड अवॉर्ड, उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति को सिल्वर अवॉर्ड तथा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना को सिल्वर अवॉर्ड से नवाजा गया।
  • विभाग द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर तकनीकी नवाचारों के माध्यम से योजनाओं का फायदा लाभार्थियों को पहुँचाने के लिये सुविधाओं का सरलीकरण व डिजिटलीकरण का कार्य किया जा रहा है।
  • योजनाओं में ये हुए नवाचार -
    • उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में जनाधार डाटाबेस से विद्यार्थी का जाति प्रमाण-पत्र, मूल निवास प्रमाण-पत्र एवं आय प्रमाण स्वत: प्राप्त हो जाता है। कक्षा 10 एवं 12वीं की अंकतालिका सीधे ही आरबीएसई एवं सीबीएसई से ई-वॉल्ट सर्विस के माध्यम से प्राप्त की जा रही है। अन्य बोर्ड की अंकतालिकाएँ डिजीलॉकर उपलब्धता के आधार पर प्राप्त की जाती हैं।
    • अनुसूचित जाति, उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति सुनिश्चित करने हेतु पोर्टल पर फ्रीशिप कार्ड (विद्यार्थी को छात्रवृत्ति दिये जाने की सुनिश्चितता) का प्रावधान किया गया है।
    • पालनहार योजना में भी पेंशन योजना की तर्ज़ पर केंद्रीयकृत प्रणाली के माध्यम से निदेशालय स्तर से ही बिल बनाकर सिंगल ट्रेजरी के माध्यम से भुगतान किया जाएगा, जिससे पालनहार योजना से जुड़े बच्चों को समय पर सहायता राशि का भुगतान सुनिश्चित हो सकेगा। इसके लिये मानक संचालन प्रक्रिया जारी की जा चुकी है।
  • शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने बताया कि विभाग की तीन अन्य योजनाओं कोरोना सहायता योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना तथा मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना को ऑडर ऑफ मेरिट सर्टिफिकेशन देकर सम्मानित किया गया है।


राजस्थान Switch to English

पालनहार योजना के अंतर्गत मिलने वाली सहायता राशि में वृद्धि

चर्चा में क्यों?

10 मार्च, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पालनहार योजना के अंतर्गत अनाथ श्रेणी के अतिरिक्त अन्य श्रेणी के लाभार्थियों को दी जाने वाली सहायता राशि में वृद्धि के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से प्रदेश के 6.5 लाख से अधिक बच्चे लाभान्वित होंगे।

प्रमुख बिंदु

  • प्रस्ताव के अनुसार, अनाथ श्रेणी के अतिरिक्त अन्य श्रेणी के 0 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिये प्रतिमाह मिलने वाली 500 रुपए की सहायता राशि को बढ़ाकर 750 रुपए तथा 6 से 18 वर्ष आयु वर्ग को मिलने वाली 1000 रुपए की सहायता राशि को बढ़ाकर 1500 रुपए कर दिया गया है।
  • सहायता राशि में यह वृद्धि 1 जुलाई, 2023 से प्रभावी होगी। इसके क्रियान्वयन से राज्य सरकार पर लगभग 411 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा।
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा बजट 2023-24 में की गई घोषणा के संबंध में इस प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई है।
  • राज्य सरकार द्वारा संचालित पालनहार योजना के अंतर्गत अनाथ श्रेणी के बच्चों को 1500 एवं 2500 रुपए की सहायता राशि दी जा रही है। इससे अब अन्य श्रेणी के बच्चों को भी अधिक सहायता राशि का लाभ मिलेगा।
  • उल्लेखनीय है कि इस योजना में 18 वर्ष तक के अनाथ बच्चों, निराश्रित पेंशन की पात्र अथवा पुनर्विवाहित विधवा माता, तलाकशुदा/परित्यक्ता माता एवं नाता जाने वाली माता के बच्चों, विशेष योग्यजन, एच.आई.वी. अथवा कुष्ठ रोग से पीड़ित एवं मृत्युदंड/आजीवन कारावास प्राप्त माता/पिता के बच्चों को आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक विकास के लिये राज्य सरकार द्वारा मासिक आर्थिक सहायता दी जाती है।

राजस्थान Switch to English

पुनर्नियोजित सेवानिवृत्त कार्मिकों के पारिश्रमिक में बढ़ोतरी

चर्चा में क्यों?

10 मार्च, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सेवानिवृत्त कार्मिकों के सेवा में पुनर्नियोजित होने पर मिलने वाले मासिक समेकित पारिश्रमिक की दरों में वृद्धि के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है।

प्रमुख बिंदु

  • उक्त प्रस्ताव के अनुसार, राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम-2017 की पे-मैट्रिक्स के पे-लेवल के प्रथम सैल की 50 प्रतिशत राशि तथा उस पर विद्यमान महँगाई-भत्ते 38 प्रतिशत की राशि को जोड़कर 100 के गुणक में समेकित पारिश्रमिक राशि निर्धारित की गई है।
  • इससे मासिक समेकित पारिश्रमिक राशि की दरें लगभग दोगुनी हो गई हैं।
  • मुख्यमंत्री के इस निर्णय से पुनर्नियोजित सेवानिवृत्त कार्मिकों को बढ़ी हुई मासिक समेकित पारिश्रमिक राशि मिल सकेगी। इससे एक तरफ उनकी आय में वृद्धि होगी, वहीं राज्य सरकार को भी सेवानिवृत्त कार्मिक सुगमता से उपलब्ध हो सकेंगे।
  • उल्लेखनीय है कि लगभग 5 वर्षों बाद पुनर्नियोजित सेवानिवृत्त कार्मिकों की समेकित पारिश्रमिक राशि में बढ़ोतरी की गई है।

मध्य प्रदेश Switch to English

मड़ीखेड़ा जल विद्युत गृह ने सर्वाधिक बिजली उत्पादन का बनाया रिकॉर्ड

चर्चा में क्यों?

9 मार्च, 2023 को शिवपुरी ज़िले में स्थित मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के 60 मेगावाट स्थापित क्षमता के मड़ीखेड़ा जल विद्युत गृह ने 166.30 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन कर अपनी स्थापना के बाद अभी तक का सर्वाधिक बिजली उत्पादन करने का रिकॉर्ड बनाया है।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि इससे पूर्व मड़ीखेड़ा जल विद्युत गृह द्वारा वित्तीय वर्ष 2011-12 में 165.86 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन किया गया था।
  • मड़ीखेड़ा जल विद्युत गृह में 20-20 मेगावाट स्थापित क्षमता की तीन इकाइयाँ हैं। इसकी प्रथम इकाई 28 अगस्त, 2006, द्वितीय इकाई 9 सितंबर, 2006 और तृतीय इकाई 19 अगस्त, 2007 को क्रियाशील हुई थी।
  • यह जल विद्युत गृह शिवपुरी ज़िले में काली सिंध नदी पर बना है। कंपनी के वार्षिक समारोह में वर्ष 2020 और वर्ष 2021 में मड़ीखेड़ा जल विद्युत गृह को सर्वश्रेष्ठ जल विद्युत गृह का अवॉर्ड प्राप्त हो चुका है।

हरियाणा Switch to English

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में करनाल में राज्यस्तरीय सम्मान समारोह

चर्चा में क्यों?

10 मार्च, 2023 को हरियाणा जनसंपर्क, सूचना एवं भाषा विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य के करनाल ज़िले में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में राज्यस्तरीय सम्मान समारोह  का आयोजन किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने बताया कि कार्यक्रम में 40 महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने पर सम्मानित किया गया है, जबकि राष्ट्रीय बालिका दिवस अवॉर्डों के लिये बालिका उत्थान हेतु 62 अवॉर्ड दिये गए।
  • कार्यक्रम में पहला सुषमा स्वराज अवॉर्ड दिया गया, जिसमें पाँच लाख रुपए की राशि दी गई। इसके अलावा इंदिरा गांधी महिला शक्ति अवॉर्ड के तहत 1.50 लाख रुपए की राशि दी गई।
  • राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने बताया कि महिला दिवस समारोह में कल्पना चावला शौर्य अवॉर्ड, लाइफ टाइम अचीवर्स अवॉर्ड, एएनएम/नर्सिज/महिला एमपीडब्ल्यू को पुरस्कार, स्पोर्ट्स वूमेन अवॉर्ड, सरकारी कर्मचारी, सामाजिक कार्यकर्त्ता अवॉर्ड, महिला इंटरप्रेन्योर अवॉर्ड, स्त्री शक्ति अवॉर्ड, बेस्ट आंगनवाड़ी वर्कर्स को पुरस्कार दिये गए।
  • उल्लेखनीय है कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह में हरियाणा में शिक्षा, सांस्कृतिक, सेना, गायन, कला,  चिकित्सा, समाज कल्याण, जागृति जागरण, सशक्तीकरण, खेल, पर्वतारोहण, उड़ान समेत विभिन्न क्षेत्रों में प्रदेश का नाम रोशन करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया जाता है।
  • राज्यस्तरीय कार्यक्रम में प्रदेशभर से हज़ारों महिलाएँ शामिल हुई, जिनमें आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं सहित स्वयं सहायता समूहों की महिलाएँ भी शामिल हैं। समारोह में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किये गए उत्पादों की विशाल प्रदर्शनी भी लगाई गई।

हरियाणा Switch to English

वित्त वर्ष 2023-24 के बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन हेतु मुख्यमंत्री की प्रशासनिक सचिवों के साथ अहम बैठक

चर्चा में क्यों?

9 मार्च, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन के लिये रूपरेखा तय करने हेतु चंडीगढ़ में प्रशासनिक सचिवों के साथ अहम बैठक की, जिसमें अधिकारियों को निर्देश दिये गए कि 1 अप्रैल, 2023 से ही नई योजनाओं को समयबद्ध तरीके से क्रियान्वित करें, ताकि आमजन को त्वरित लाभ मिल सके।

प्रमुख बिंदु

  • बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अपशिष्ट जल को शुद्ध करके उसे पुन: उपयोग में लाना महत्त्वपूर्ण परियोजना है, इसलिये ट्रीटेड वेस्ट वॉटर का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करें। पावर प्लांट में भी ट्रीटेड वेस्ट वॉटर का उपयोग सुनिश्चित करने के लिये प्लान बनाएँ।
  • जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में 100 किलोमीटर सीवर पाईपलाईन बिछाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसे इसी वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा।
  • बिजली विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पीएम-कुसुम योजना के तहत किसानों को सौर ऊर्जा पंप लगाने के लिये प्रोत्साहित करने और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करने के मामले में हरियाणा देशभर में अग्रणी राज्य है। इसके अलावा इस वर्ष 70 हज़ार सोलर पंप लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
  • बैठक में बताया गया कि म्हारा गाँव-जगमग गाँव योजना के तहत 5694 गाँवों को 24 घंटे बिजली दी जा रही है। शेष गाँवों को भी जल्द इस योजना के तहत लाया जाएगा। यमुनानगर ज़िले में 800 मेगावॉट पावर प्लांट की प्रारंभिक प्रक्रियाओं को पूरा कर लिया गया है। इस वर्ष में कार्य आरंभ हो जाएगा।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि आमजन को सुरक्षित, आरामदेय व किफायती परिवहन सेवाएँ मुहैया करवाने के उद्देश्य से हरियाणा रोडवेज के बेड़े में बसों की संख्या को बढ़ाकर 5300 किया गया है।
  • उन्होंने बताया कि हरियाणा रोडवेज की बसों में वरिष्ठ नागरिकों को किराए में 50 प्रतिशत छूट के लिये आयु को 65 वर्ष से घटाकर 60 वर्ष करने का निर्णय लिया है। इसे 1 अप्रैल से लागू करना सुनिश्चित करें।
  • अधिकारियों ने बताया कि ई-टिकटिंग प्रणाली सभी ज़िलों में लागू की जा चुकी है। इसके अलावा, 6 बस पोर्ट स्थापित करने का कार्य तेज़ी से चल रहा है।
  • मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन खालों को बने 20 साल से ज़्यादा हो गए हैं, उनका डाटा एकत्र कर, उनके रखरखाव व मरम्मत के लिये एक व्यापक कार्य योजना तैयार की जाए। इसके लिये विशेष टास्क फोर्स बनाई जाए।
  • उन्होंने बताया कि बरसात के मौसम से पहले भू-जल रिचार्जिंग के लिये रिचार्जिंग बोरवेल बनाना सुनिश्चित किया जाए। सरकार ने इस वर्ष के लिये लगभग 2 हज़ार रिचार्जिंग बोरवेल बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

झारखंड Switch to English

सोलर सिटी बनने की ओर जमशेदपुर

चर्चा में क्यों?

10 मार्च, 2023 को झारखंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (जेरेडा) के अधिकारियों ने बताया कि जमशेदपुर शहर सौर ऊर्जा की ओर बढ़ रहा है। अभी वहाँ 37 मेगावाट का सौर ऊर्जा प्लांट प्रस्तावित है, जिसमें 2.2 मेगावाट का सौर ऊर्जा प्लांट सोनारी एयरपोर्ट में चालू हो चुका है।

प्रमुख बिंदु

  • जेरेडा के अधिकारियों ने बताया कि जमशेदपुर शहर के अलावा अन्य जगहों पर टाटा स्टील और टाटा पावर द्वारा सौर ऊर्जा प्लांट लगाया जा रहा है।
  • विदित है कि टाटा स्टील स्थित जलाशयों में 9.8 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लगाया जा रहा है।
  • टाटा स्टील परिसर में 9.8 मेगावाट का प्लांट, डोमजोरी में 15 मेगावाट का सोलर प्लांट टाटा पावर द्वारा, टाटा मोटर्स में 3 मेगावाट का रूपटॉफ प्लांट, टाटा स्टील में ही 5 मेगावाट रूफटॉफ प्लांट, टाटा ब्लूस्कोप में 1.2 मेगावाट का रूफटॉप प्लांट, एयरपोर्ट में 2.2 मेगावाट का प्लांट लगाया जा रहा है।
  • राज्य के पूर्वी सिंहभूम ज़िले में 250 मेगावाट बिजली की खपत है। 37 मेगावाट के सौर ऊर्जा के उत्पादन से टाटा स्टील अपनी कॉलोनी में बिजली दे सकता है। इससे काफी हद तक पारंपरिक बिजली स्रोतों पर निर्भरता कम होगी।
  • जेरेडा द्वारा वहाँ इसकी संभावना देखी जा रही है कि कहाँ-कहाँ सौर ऊर्जा का प्लांट लग सकता है, चाहे वह रुफटॉप के रूप में हो या फ्लोटिंग प्लांट हो।

छत्तीसगढ़ Switch to English

ग्राम सोंड्रा में मिली पांडुवंशी काल की बुद्ध प्रतिमा

चर्चा में क्यों?

10 मार्च, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार रायपुर-बिलासपुर मार्ग में स्थित ग्राम सोंड्रा में गृह निर्माण के लिये किये जा रहे उत्खनन कार्य के दौरान पांडुवंशी काल की प्राचीन बुद्ध प्रतिमा सहित अन्य पुरातात्त्विक प्रतिमाएँ प्राप्त हुई हैं।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि ग्राम सोंड्रा में दिलेंद्र बंछोर द्वारा व्यक्तिगत आवास परिसर में गृह निर्माण हेतु किये जाने वाले उत्खनन कार्य के दौरान भूमि की सतह से लगभग 3 फीट की गहराई से बुद्ध की प्रतिमा प्राप्त हुई है।
  • इस संबंध में जानकारी मिलते ही पुरातत्त्व विभाग की टीम (डॉ. पी.सी. पारख, डॉ. वृषोत्तम साहू तथा डॉ. राजीव मिंज) के द्वारा स्थल निरीक्षण किया गया।
  • पुरातत्त्व एवं अभिलेखागार विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रायपुर से बिलासपुर मुख्य मार्ग में 16 किमी. की दूरी पर सांकरा से 2 किमी. पश्चिम दिशा में ग्राम सोंड्रा स्थित है। उक्त स्थल से खारुन नदी लगभग 3 किमी. पश्चिम दिशा पर स्थित है। प्रतिमा प्राप्ति स्थल ग्राम के सबसे ऊंचाई वाले भाग पर स्थित है और यहाँ प्राचीन टीला होने के साक्ष्य दिखाई देते हैं।
  • अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय बलुआ पत्थर में निर्मित इस प्रतिमा की चौड़ाई 74X ऊँचाई 87X मोटाई 40 सेंटीमीटर है।
  • बुद्ध की इस विशाल प्रस्तर प्रतिमा के माथे पर ऊर्णा (तिलक चिह्न) का अंकन इसे अनोखा रूप प्रदान करती है और इस आधार पर इसके ध्यानी बुद्ध होने की संभावना अधिक प्रतीत होती है। बुद्ध की यह आवक्ष प्रतिमा अपूर्ण है, जिस पर छेनी के चिह्न साफ दिखाई दे रहे हैं।
  • त्रि-स्तरीय निर्माण तकनीक में बनी बुद्ध प्रतिमा का यह ऊपरी भाग है। इस तकनीक का प्रयोग बलुआ पत्थर की विशाल प्रतिमाओं के निर्माण हेतु किया जाता था, जिसमें किसी प्रतिमा को तीन प्रस्तर खंडों में योजना के अनुरूप स्तरों में निर्मित कर लंबवत स्थापित किया जाता था। इस तकनीक की बनी बुद्ध प्रतिमा के उदाहरण छत्तीसगढ़ के सिरपुर व राजिम और बिहार के बोधगया में देखे जा सकते हैं।
  • अधिकारियों ने बताया कि स्थल निरीक्षण करने पर यहाँ अन्य प्रतिमाओं के होने की भी जानकारी प्राप्त हुई है, जो कि निकट ही में स्थित मंदिर में तथा मंदिर के बगल में बने चबूतरे पर स्थापित हैं।
  • प्रतिमाओं में भूमिस्पर्श मुद्रा में बुद्ध, उपासक, अज्ञात स्थानक प्रतिमा, योगिक ध्यानी मुद्रा में बुद्ध, ललितासन मुद्रा तारा, स्थानक बोधिसत्त्व के साथ ही 4 शिवलिंग, 4 खंडित पायदार सिलबट्टे, 1 प्रणाल युक्त प्रतिमा पीठ, कुछ खंडित प्रतिमाएँ व स्थापत्य खंड प्राप्त हुए हैं। उक्त स्थल का पुरावशेष पांडुवंशी काल का (6वीं से 9वीं शताब्दी ई.) प्रतीत हो रहा है।


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मठपुरैना शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को मिला राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र

चर्चा में क्यों?

10 मार्च, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीज़ों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने वाले रायपुर के मठपुरैना शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS – National Quality Assurance Standard) प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने विगत दिसंबर माह में इस यूपीएचसी (Urban Primary Health Centre) का निरीक्षण कर मरीज़ों के लिये उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण किया था। टीम ने इस संबंध में मरीज़ों से भी फीडबैक लिया था। स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम के मूल्यांकन में मठपुरैना शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 93 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए।
  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने मठपुरैना यूपीएचसी के निरीक्षण के दौरान ड्रेसिंग रूम व इमरजेंसी, टीकाकरण, संचारी रोग, आउटरीच, फॉर्मेसी, लैब, सामान्य प्रशासन, गैर-संचारी रोग, परिवार नियोजन, नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य, मातृत्व स्वास्थ्य और जनरल क्लिनिक जैसी सेवाओं का मूल्यांकन किया था।
  • उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का आठ मानकों पर परीक्षण किया जाता है।
  • इनमें उपलब्ध सेवाएँ, मरीज़ों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किये जाते हैं।

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