बिहार Switch to English
मखाना महोत्सव पटना में आयोजित
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिहार के एक दिवसीय दौरे के दौरान ज्ञान भवन, गांधी मैदान, पटना में आयोजित ‘मखाना महोत्सव 2025’ में भाग लिया।
- इस अवसर पर उन्होंने ‘मखाना: संस्कृति से समृद्धि’ शीर्षक से एक रिपोर्ट भी जारी की।
मुख्य बिंदु
- महोत्सव के बारे में:
- इस महोत्सव का उद्देश्य बिहार को मखाना उत्पादन में अग्रणी बनाना तथा पूरे भारत में इसके आर्थिक और सांस्कृतिक महत्त्व को बढ़ावा देना है।
- केंद्र सरकार ने मखाना उत्पादन, विपणन और निर्यात प्रतिस्पर्द्धात्मकता बढ़ाने के लिये आधुनिक मशीनरी, उन्नत किस्मों तथा प्रसंस्करण अवसंरचना के लिये 475 करोड़ रुपये से मखाना बोर्ड की स्थापना की है।
- NRCM दरभंगा में अनुसंधान से सशक्त इस पहल का उद्देश्य भारत के कृषि-निर्यात क्षेत्र में विविधता लाना, ग्रामीण रोज़गार सृजित करना तथा वैश्विक मूल्य शृंखलाओं के साथ एकीकरण के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि करना है।
- उत्पादन एवं निर्यात: बिहार वैश्विक मखाना उत्पादन का 90% से अधिक हिस्सा उत्पादित करता है, जहाँ कृषि क्षेत्र लगभग 3,000 हेक्टेयर से बढ़कर 35,000–40,000 हेक्टेयर हो गया है और निर्यात अब यूरोप, अमेरिका तथा पूर्वी एशिया के बाज़ारों तक पहुँच गया है।
- राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र (NRCM):
- दरभंगा स्थित NRCM भारत में मखाना अनुसंधान और नवाचार का प्रमुख संस्थान है।
- इसने उच्च उपज देने वाली मखाना और कांटे रहित सिंघाड़े की किस्में विकसित की हैं, तथा मखाना-सह-मछली पालन जैसी जल-कुशल एकीकृत कृषि प्रणालियाँ शुरू की हैं।
- किसानों, KVK, नाबार्ड और बिहार हॉर्टिकल्चर डेवलपमेंट सोसाइटी जैसी संस्थाओं को 15,824 किग्रा से अधिक उच्च उपज मखाना बीज वितरित किये हैं।
- मखाना प्रसंस्करण के लिये अनेक मशीनों को डिज़ाइन और व्यावसायीकृत किया गया है, जिनमें बीज धोने की मशीन, ग्रेडर, भूनने तथा पॉपिंग मशीन एवं पॉप्ड मखाना के लिये ग्रेडर शामिल हैं।
- NRCM ने हज़ारों किसानों और उद्यमियों को प्रशिक्षित किया है, जिससे बिहार, उत्तर प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ में ग्रामीण रोज़गार एवं स्थायी आजीविका को बढ़ावा मिला है।