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उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 09 Aug 2025
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क्षमता निर्माण आयोग की नई अध्यक्ष

चर्चा में क्यों?

श्रीमती एस. राधा चौहान ने नई दिल्ली में क्षमता निर्माण आयोग के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया। उन्होंने श्री आदिल जैनुल भाई का स्थान लिया, जो अप्रैल 2021 से इस पद पर थे। 

मुख्य बिंदु 

क्षमता निर्माण आयोग के बारे में: 

  • क्षमता निर्माण आयोग (CBC) पूर्ण कार्यकारी प्राधिकार वाला एक स्वायत्त निकाय है, जो अप्रैल 2021 से कार्यरत है।
  • यह एक तीन सदस्यीय आयोग है, जिसे एक सचिव की अध्यक्षता वाले आंतरिक सचिवालय द्वारा सहायता प्रदान की जाती है। 
  • आयोग के सदस्य निजी क्षेत्र, शिक्षा जगत, सार्वजनिक क्षेत्र और नागरिक समाज जैसी विविध पृष्ठभूमियों से नियुक्त किये जाते हैं।
  • आयोग का दायित्व भारत की नागरिक सेवाओं के परिदृश्य में मानकीकरण और सामंजस्य को आगे बढ़ाना है।
  • नागरिक सेवाओं के क्षमता निर्माण सुधारों के संरक्षक के रूप में यह आयोग मिशन कर्मयोगी के संस्थागत ढाँचे में केंद्रीय भूमिका निभाता है।

मिशन कर्मयोगी

  • मिशन कर्मयोगी को भारत सरकार द्वारा सितंबर 2020 में राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता निर्माण कार्यक्रम (NPCSCB) के रूप में लॉन्च किया गया था। 
  • इसका उद्देश्य भारतीय सिविल सेवकों को अधिक रचनात्मक, सक्रिय, पेशेवर, ऊर्जावान, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी सक्षम बनाकर भविष्य के लिये तैयार करना है।


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11वाँ राष्ट्रीय हथकरघा दिवस

चर्चा में क्यों?

7 अगस्त 2025 को वस्त्र मंत्रालय ने भारत के हथकरघा क्षेत्र का उत्सव मनाते हुए 11वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस (NHD) का आयोजन किया, जिसका विषय था- “वीविंग इनोवेशन इन्टू ट्रडिशन”

  • 11वें NHD के अवसर पर भारत मंडपम में भारत के राष्ट्रपति ने वर्ष 2024 के लिये प्रतिष्ठित 5 संत कबीर हथकरघा पुरस्कार तथा 19 राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार प्रदान किये।

मुख्य बिंदु 

  • राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के बारे में:
  • 7 अगस्त 2015 को स्थापित NHD, 7 अगस्त 1905 से प्रारंभ हुए स्वदेशी आंदोलन की ऐतिहासिक स्मृति में मनाया जाता है, जिसने स्वदेशी हथकरघा बुनाई उद्योगों को प्रोत्साहन दिया। 
  • NHD भारतीय हथकरघा के पीछे के कुशल शिल्प कौशल और रचनात्मकता का उत्सव मनाता है तथा एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के रूप में उनके महत्त्व को मान्यता देता है। 
  • राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम (NHDC) के साथ साझेदारी में मंत्रालय ने एक्सक्लूसिव हैंडलूम एक्सपो और "हाट ऑन व्हील्स" मोबाइल रिटेल पहल भी शुरू की। 
  • राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के उपलक्ष्य में 1 से 7 अगस्त 2025 तक एक सप्ताह तक चलने वाले कार्यक्रम के रूप में वस्त्र मंत्रालय द्वारा "अपने बुनकरों को जानें अभियान 2025" भी शुरू किया गया।
  • हथकरघा पुरस्कार 
  • इन पुरस्कारों का उद्देश्य हथकरघा उद्योग में उत्कृष्टता को सम्मानित करना तथा ऐसे व्यक्तियों और संगठनों को मान्यता देना है जिन्होंने शिल्प कौशल, नवाचार तथा विकास में योगदान के मानक स्थापित किये हैं।
  • पुरस्कारों की श्रेणियाँ:

आयाम 

संत कबीर हथकरघा पुरस्कार

राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार

उद्देश्य

क्षेत्र के विकास और परंपरा में महत्त्वपूर्ण योगदान के लिये उत्कृष्ट हथकरघा बुनकरों को सम्मानित किया जाता है।

असाधारण शिल्प कौशल, समर्पण और नवाचार के लिये बुनकरों का सम्मान किया जाता है।

पात्रता

उत्कृष्ट हथकरघा बुनकर; इसमें राष्ट्रीय/राज्य पुरस्कार विजेता, योग्यता प्रमाण-पत्र धारक या असाधारण योगदानकर्त्ता शामिल हो सकते हैं।

अनुकरणीय शिल्प कौशल, नवाचार और समर्पण वाले बुनकर।

नकद राशि 

3.5 लाख रुपए

2 लाख रुपए

हथकरघा क्षेत्र

  • परिचय: 
    • हथकरघा क्षेत्र भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक विरासत का आधार बना हुआ है, जो 35 लाख से अधिक लोगों को रोज़गार प्रदान करता है जिसमें 70% महिलाएँ हैं।
  • वैश्विक उपस्थिति: 
    • भारत विश्व का एकमात्र प्रमुख देश है जो व्यावसायिक स्तर पर हथकरघा कपड़ों का उत्पादन करता है और यह वैश्विक हस्त-बुने कपड़ों के उत्पादन का लगभग 95% हिस्सा है।
    • भारत के हथकरघा निर्यात की वैश्विक बाज़ारों में मजबूत मांग बनी हुई है, जो 20 से अधिक देशों तक पहुँच रही है। 
      • वित्त वर्ष 2024-25 में संयुक्त राज्य अमेरिका सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य रहा, जहाँ 331.56 करोड़ रुपए के हथकरघा उत्पादों का निर्यात किया गया।
  • प्रमुख योजनाएँ:
    • राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम (NHDP): आत्मनिर्भर और प्रतिस्पर्द्धी इकाइयों का गठन करके मान्यता प्राप्त समूहों के भीतर तथा बाहर हथकरघा बुनकरों के सतत् विकास को बढ़ावा देना।
    • कच्चा माल आपूर्ति योजना (RMSS): सस्ती कीमतों पर गुणवत्ता वाले धागे की उपलब्धता सुनिश्चित करके हथकरघा बुनकरों को समर्थन देना।
    • मुद्रा ऋण: बुनकरों को बैंकों के माध्यम से 6% की कम ब्याज दर पर सब्सिडी युक्त ऋण प्रदान करना।


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WHO–IRCH अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला

चर्चा में क्यों?

आयुष मंत्रालय के भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी फार्माकोपिया आयोग (PCIM&H) ने गाज़ियाबाद स्थित अपने मुख्यालय में “हर्बल औषधियों की सुरक्षा और विनियमन” (कार्य समूह-1) तथा “हर्बल औषधियों की प्रभावकारिता तथा इच्छित उपयोग” (कार्य समूह-3) पर WHO–हर्बल औषधियों के लिये अंतर्राष्ट्रीय नियामक सहयोग (IRCH) कार्यशालाओं के उद्घाटन सत्र की मेज़बानी की। 

  • कार्य समूह 1 और 3 के लिये अग्रणी देश के रूप में भारत, WHO–IRCH मंच के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय नियामक सहयोग को मज़बूत करने के लिये प्रतिबद्ध है।

मुख्य बिंदु

  • कार्यशाला के बारे में: 
    • आयुष मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित यह वैश्विक तकनीकी कार्यशाला 6 से 8 अगस्त 2025 तक आयोजित हुई, जिसमें WHO के सदस्य देशों, नियामक प्राधिकरणों, शिक्षाविदों, अनुसंधान निकायों और हर्बल औषधि उद्योग के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
    • इसका उद्देश्य नियामक अभिसरण, गुणवत्ता आश्वासन और स्वास्थ्य देखभाल की पारंपरिक प्रणालियों में हर्बल औषधियों की नैदानिक प्रासंगिकता जैसे प्रमुख पहलुओं पर विचार-विमर्श करना था।
    • एजेंडा में हर्बल औषधि मानकीकरण तकनीकों जैसे फार्माकोग्नोस्टिक, रासायनिक और तत्त्व विश्लेषण में व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्र शामिल थे।
    • अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों को नैदानिक, शैक्षणिक और विनिर्माण पद्धतियों का प्रत्यक्ष अनुभव देने के लिये प्रमुख आयुष संस्थानों का दौरा भी कराया गया।
    • कार्यशालाओं में WHO–IRCH के अंतर्गत कई देशों के प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें पोलैंड, नेपाल, भूटान, ब्रुनेई दारुस्सलाम, जापान, इंडोनेशिया, श्रीलंका, पैराग्वे आदि शामिल हैं।

भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी के लिये फार्माकोपिया आयोग (PCIM&H)

  • PCIM&H, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक अधीनस्थ कार्यालय है।
  • फार्माकोपिया और फार्मूलरी का विकास तथा भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी प्रणालियों के लिये केंद्रीय औषधि परीक्षण सह अपीलीय प्रयोगशाला के रूप में कार्य करना इसके प्रमुख कार्यक्षेत्र हैं।

हर्बल औषधियों के लिये अंतर्राष्ट्रीय नियामक सहयोग (IRCH)

  • IRCH की स्थापना वर्ष 2006 में हुई थी। यह हर्बल औषधियों के विनियमन के लिये ज़िम्मेदार नियामक प्राधिकरणों का एक वैश्विक नेटवर्क है।
  • मिशन:
    • WHO की सिफारिशों में सहायता हेतु सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान और सहयोग
    • हर्बल औषधियों के सुरक्षित उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़ाना तथा स्वास्थ्य एवं कल्याण में इनके योगदान को प्रोत्साहित करना।


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