मध्य प्रदेश Switch to English
कुनो राष्ट्रीय उद्यान
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान (KNP) में एक आठ वर्ष की नामीबियाई मादा चीता की मृत्यु हो गई।
मुख्य बिंदु
- कुनो राष्ट्रीय उद्यान:
- मध्य प्रदेश के श्योपुर और मुरैना ज़िलों में स्थित कुनो राष्ट्रीय उद्यान को वर्ष 1981 में वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था तथा इसकी पारिस्थितिकीय महत्त्व को देखते हुए वर्ष 2018 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा प्रदान किया गया।
- यह राष्ट्रीय उद्यान चंबल नदी की प्रमुख सहायक नदी कुनो के नाम पर रखा गया है और यहाँ मुख्यतः शुष्क पतझड़ वन पाए जाते हैं। यह विंध्य पर्वतमाला में स्थित है।
- कुनो राष्ट्रीय उद्यान को प्रोजेक्ट चीता’ के अंतर्गत नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों का निवास स्थान है।
- जुलाई 2025 तक कुनो में 26 स्थानांतरित अफ्रीकी चीते तथा भारत में जन्मे 17 शावक हैं।
- प्राणी जगत: तेंदुआ, धारीदार लकड़बग्घा, भारतीय भेड़िया, काला हिरण, सांभर हिरण तथा घड़ियाल (कुनो नदी)।
- वनस्पति जगत: यहाँ के प्रमुख वृक्ष प्रजातियाँ हैं- करधाई, खैर और सालै।
प्रोजेक्ट चीता:
- परियोजना का पहला चरण वर्ष 2022 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य देश में वर्ष 1952 में विलुप्त घोषित किये गए चीतों की आबादी को बहाल करना है।
- इसमें दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से चीतों को कुनो राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरित करना शामिल है।
- यह परियोजना NTCA द्वारा मध्य प्रदेश वन विभाग और भारतीय वन्यजीव संस्थान (Wildlife Institute of India- WII) के सहयोग से कार्यान्वित की जा रही है।
- परियोजना के दूसरे चरण के अंतर्गत भारत समान आवासों के कारण केन्या से चीते मंगाने पर विचार कर रहा है।
- चीतों को कुनो राष्ट्रीय उद्यान और गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य (मध्य प्रदेश) में स्थानांतरित किया जाएगा।