मध्य प्रदेश Switch to English
फॉरेस्ट अलर्ट सिस्टम
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश पहला राज्य बन गया है जिसने AI आधारित रियल-टाइम फॉरेस्ट अलर्ट सिस्टम को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया है।
मुख्य बिंदु
- फॉरेस्ट अलर्ट सिस्टम के बारे में:
- यह Google Earth Engine, AI मॉडल और मल्टी-टेंपोरल सैटेलाइट डाटा पर आधारित प्रणाली है।
- मध्य प्रदेश ने यह तकनीक संवेदनशील वन प्रभागों जैसे शिवपुरी, गुना, विदिशा, बुरहानपुर और खंडवा ज़िलों में पायलट आधार पर लागू की है। भविष्य में इसे राज्य स्तर पर विस्तार देने की योजना है।
- यह प्रणाली वन अतिक्रमण, भूमि उपयोग परिवर्तन और वन क्षरण की समय पर पहचान कर सक्रिय वन प्रबंधन को संभव बनाएगी।
- विशेषताएँ
- Google Earth Engine से प्राप्त तीन अलग-अलग तिथियों के उपग्रह चित्रों का विश्लेषण किया जाएगा।
- बदलावों की पहचान के लिये सामान्यीकृत अंतर वनस्पति सूचकांक (NDVI), मृदा समायोजित वनस्पति सूचकांक (SAVI), संवर्द्धित वनस्पति सूचकांक (EVI), सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) जैसे इंडेक्स का उपयोग किया जाएगा।
- AI मॉडल द्वारा भूमि में हुए उल्लेखनीय बदलावों (जैसे फसल, निर्माण, कटाई) को चिह्नित कर पॉलीगॉन अलर्ट के रूप में दर्ज किया जाएगा।
- ऐप में GPS टैग की गई फोटो, वॉयस नोट्स, टिप्पणियाँ, जियोफेंसिंग, दूरी मापन जैसी सुविधाएँ होंगी।
- डैशबोर्ड पर तारीख, घनत्व और क्षेत्रफल जैसे फ़िल्टर भी उपलब्ध होंगे, जिससे विशिष्ट जानकारी प्राप्त करना संभव होगा।
- फील्ड कर्मचारी ऐप के माध्यम से तस्वीरें, GPS लोकेशन और वॉइस रिकॉर्डिंग अपलोड कर सकते हैं।
सतत् वन प्रबंधन के लिये भारत की पहलें
- सरकार द्वारा संचालित कार्यक्रम:
- ग्रीन इंडिया मिशन (GIM): इसके अंतर्गत वर्ष 2017 से वर्ष 2021 की अवधि में वन क्षेत्र में 0.56% की वृद्धि हुई।
- राष्ट्रीय कृषि वानिकी नीति (2014): इसके तहत प्राकृतिक वनों पर दबाव कम करने के लिये निजी कृषि भूमि पर वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करना शामिल है।
- भारत में वनों के बाहर वृक्ष कार्यक्रम: इसके तहत हरित आवरण को बढ़ावा देने के लिये निजी हितधारकों को शामिल करके गैर-वन भूमि पर वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करना शामिल है।
- प्रतिपूरक वनरोपण निधि (CAMPA): यह निधि उन स्थानों पर पुनः वनरोपण के लिये दी जाती है जहाँ वनों को औद्योगिक उपयोग के लिये उपयोग में लाया जाता है।
- कॉर्पोरेट एवं सामुदायिक प्रयास:
- CSR-संचालित वृक्षारोपण: इसके तहत ऑटोमोबाइल, सीमेंट और ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियाँ वृक्षारोपण करती हैं ।
- आजीविका के लिये कृषि वानिकी: किसान अतिरिक्त आय के लिये फसलों के साथ इमारती लकड़ी, फल और औषधीय पौधों को भी शामिल करते हैं।
- कार्बन क्रेडिट रणनीतियाँ: उद्योग, कार्बन क्रेडिट अर्जित करने के लिये वनरोपण में निवेश करते हैं।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता की आदर्श विशेषता इसकी युक्तिसंगत कार्रवाई करने की क्षमता है जिसमें एक विशिष्ट लक्ष्य प्राप्त किया जाता है। मशीन लर्निंग (ML), AI का ही एक प्रकार है।


मध्य प्रदेश Switch to English
28 वीं राष्ट्रीय फेडरेशन सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश ने 28वीं राष्ट्रीय फेडरेशन सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण पदक जीते।
मुख्य बिंदु
- राष्ट्रीय फेडरेशन सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप
- यह भारत की प्रमुख घरेलू एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में से एक है, जिसका आयोजन भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (AFI) द्वारा हर वर्ष किया जाता है।
- यह प्रतियोगिता ट्रैक एवं फील्ड इवेंट्स में देश के शीर्ष एथलीटों को एक साझा मंच प्रदान करती है और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिये चयन का आधार भी बनती है।
- इसका 28वाँ संस्करण 21 से 24 अप्रैल 2025 तक केरल के कोच्चि में आयोजित किया गया।
- इस इवेंट में 38 मेडल स्पर्द्धाएँ आयोजित की गईं।
- महत्त्व
- यह मध्य प्रदेश को राष्ट्रीय एथलेटिक्स मानचित्र पर स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगा।
- खिलाड़ियों की यह उपलब्धि युवा पीढ़ी के लिये प्रेरणा बनेगी।
प्रतियोगिता |
एथलीट |
उपलब्धि |
शॉट पुट |
समरजीत सिंह |
स्वर्ण पदक |
पोल वॉल्ट |
देव मीणा |
स्वर्ण पदक |
3000 मीटर स्टीपलचेज़ (महिला) |
मंजू यादव |
स्वर्ण पदक |
भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (AFI)
- परिचय: AFI की स्थापना, 1946 में भारत में एथलेटिक्स के लिये एक गैर-सरकारी, गैर-लाभकारी, स्वायत्त शीर्ष निकाय के रूप में की गई थी।
- यह विश्व एथलेटिक्स, एशियाई एथलेटिक्स एसोसिएशन (AAA) और भारतीय ओलंपिक संघ से संबद्ध है।
- उद्देश्य: एथलेटिक्स को लोकप्रिय बनाना, एथलीटों के प्रदर्शन में सुधार लाना और खेल को व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य बनाना।
- संरचना: AFI में 32 संबद्ध राज्य और संस्थागत इकाइयाँ शामिल हैं।
- कार्य: यह अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंटों के लिये टीमों का चयन करता है, राष्ट्रीय चैंपियनशिप की मेज़बानी करता है तथा एथलेटिक्स को आगे बढ़ाने के लिये प्रतियोगिताओं का उपयोग करता है। इसके अतिरिक्त, यह कोचिंग कार्यक्रमों, प्रतिभा-विकास शिविरों और जमीनी स्तर पर विकास पर ज़ोर देता है।

