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मध्य प्रदेश

मंत्रि-परिषद ने दी 17 हज़ार 971 करोड़ से अधिक लागत की जल प्रदाय योजना की स्वीकृति

  • 28 Sep 2022
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

27 सितंबर, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में मंत्रि-परिषद द्वारा जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन के लिये 17 हज़ार 971 करोड़ 95 लाख रुपए लागत की प्रस्तावित 23 नवीन समूह जल प्रदाय योजनाओं तथा एक पुनरीक्षित समूह जल प्रदाय योजना की प्रशासकीय स्वीकृति का अनुमोदन किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • मंत्रि-परिषद ने 10×40 मेगावाट महेश्वर जल विद्युत परियोजना, ज़िला खरगोन के संबंध में समन्वय में मुख्यमंत्री से प्राप्त निर्णयों का अनुसमर्थन किया।
  • महेश्वर जल विद्युत परियोजना से विद्युत क्रय हेतु तत्कालीन मध्य प्रदेश विद्युत मंडल (वर्तमान में एमपीपीएमसीएल) द्वारा क्रमश: 11 नवंबर, 1994 एवं 27 मई, 1996 को मेसर्स श्री महेश्वर हायडल पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसएमएचपीसीएल) के साथ निष्पादित विद्युत क्रय अनुबंध एवं इस अनुबंध के संशोधन को निरस्त किये जाने का निर्णय लिया गया।
  • मेसर्स एसएमएचपीसीएल एवं विद्युत मंडल (वर्तमान में एमपीपीएमसीएल) के मध्य परियोजना के पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना के कार्यों के संबंध में 24 फरवरी, 1997 को निष्पादित अनुबंध को निरस्त किया गया।
  • मेसर्स एसएमएचपीसीएल द्वारा महेश्वर परियोजना के वित्त पोषण हेतु जारी किये गए 400 करोड़ रुपए के ओएफसीडी हेतु पीएफसी द्वारा दी गई गारंटी के परिप्रेक्ष्य में अमेंडेटरी एंड रिस्टेटेड एग्रीमेंट के प्रावधानों के अनुसार राज्य शासन द्वारा पीएफसी के पक्ष में दी गई काउंटर गारंटी को निरस्त किया गया।
  • पीएफसी, मेसर्स एसएमएचपीसीएल इत्यादि के साथ 16 सितंबर, 2005 को निष्पादित अमेंडेटेरी एंड रिस्टेटेड एग्रीमेंट (ए. एंड आर. अनुबंध) को मेसर्स एसएमएचपीसीएल द्वारा किये गये डिफाल्ट्स के दृष्टिगत निरस्त किया।
  • मेसर्स एसएमएचपीसीएल के साथ 27 मई, 1996 को निष्पादित इंप्लीमेंटेशन एग्रीमेंट एवं उनके विद्युत देयकों का भुगतान सुनिश्चित करने हेतु राज्य शासन द्वारा प्रदान की गई गारंटी को निरस्त किया गया।
  • महेश्वर परियोजना के क्रियान्वयन में आ रही कठिनाईयों के निराकरण हेतु गठित टास्क फोर्स के अध्यक्ष द्वारा परियोजना के निराकरण हेतु सुझाए गए द्वितीय विकल्प यथा प्रकरण का निराकरण पीएफसी द्वारा एनसीएलटी में प्रस्तुत की गई आईबीसी पिटीशन में होने दिया जाये, को स्वीकार किये जाने का निर्णय लिया गया।
  • मंत्रि-परिषद ने ‘मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना’को और अधिक प्रभावी तथा व्यापक बनाने न्यूनतम परियोजना सीमा को एक लाख से कम कर 50 हज़ार रुपए किये जाने का निर्णय लिया।
    • योजना में अब हितग्राही को ब्याज अनुदान वार्षिक के स्थान पर त्रैमासिक आधार पर भुगतान किया जाएगा। विनिर्माण इकाई 50 लाख रुपए से अधिक होने अथवा सेवा/खुदरा व्यवसाय इकाई 25 लाख रुपए से अधिक होने पर भी योजना में परियोजनाएँ स्वीकार की जाएगी, जिसमें बैंक द्वारा प्रकरण स्वीकृति की दशा में हितग्राही को 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान का लाभ अधिकतम 50 लाख अथवा 25 लाख रुपए तक की ऋण राशि पर ही प्राप्त हो और ऋण गारंटी शुल्क की प्रतिपूर्ति भी यथानुपात आधार पर हो। बैंक द्वारा दिया गया पूरा ऋण कोलेटरल फ्री होना चाहिये।
    • मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना में अर्हता एवं वित्तीय सहायता के लिये आयु सीमा मूलत: 18 से 40 वर्ष रखी गई थी, जिसको संशोधित कर अब 18 वर्ष से 45 वर्ष करने के आदेश का अनुमोदन किया गया।
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