उत्तर प्रदेश
वाराणसी: रेलवे ट्रेक के बीच सौर पैनल लगाने वाला भारत का पहला शहर
- 19 Aug 2025
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चर्चा में क्यों?
वाराणसी भारत का पहला शहर बन गया है, जहाँ रेलवे ट्रैक के बीच पोर्टेबल सोलर पैनल स्थापित किये गये हैं, जो सतत् ऊर्जा को बढ़ावा देते हैं।
- बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (BLW) में संचालित यह पायलट परियोजना भारतीय रेलवे के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और नेट-जीरो उत्सर्जन हासिल करने के लक्ष्य का समर्थन करती है।
मुख्य बिंदु
- परिचय:
- इस स्थापना में 70 मीटर लंबाई के रेलवे ट्रैक पर फैली सौर पैनल प्रणाली शामिल है, जिसमें 15 kWp क्षमता के 28 पैनल लगे हैं, जो प्रतिदिन प्रति किमी 880 यूनिट बिजली उत्पन्न करते हैं और प्रति किमी 220 kWp का ऊर्जा घनत्व प्रदान करते हैं।
- पैनल डिज़ाइन:
- सौर पैनल हटाने योग्य हैं, जिससे रखरखाव और मौसमी अनुकूलन आसान होता है।
- इन्हें स्वदेशी रूप से डिज़ाइन की गई स्थापना प्रक्रिया के साथ स्लीपरों पर लगाया गया है, ताकि रेल यातायात को बाधित किये बिना सुरक्षित और मज़बूत स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।
- रबर माउंटिंग पैड गुजरती ट्रेनों से होने वाले कंपन को कम करते हैं, इपॉक्सी चिपकाने वाला पदार्थ पैनलों को सुरक्षित रखता है तथा पटरियों के बीच की जगह अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता को समाप्त कर देती है।
- पर्यावरणीय एवं परिचालन प्रभाव:
- ऊर्जा उत्पादन क्षमता: इस योजना से प्रति किमी प्रतिवर्ष लगभग 3.21 लाख यूनिट बिजली उत्पादन की संभावना है।
- भारतीय रेलवे नेटवर्क: 1.2 लाख किमी लंबाई वाले रेलवे ट्रैक पर इस तकनीक को व्यापक रूप से लागू किया जा सकता है, विशेषकर यार्ड लाइन्स पर।
- BLW परिसरों में पहले से स्थापित रूफटॉप सौर विद्युत संयंत्रों के साथ ये पैनल भारतीय रेलवे की नवीकरणीय ऊर्जा प्रतिबद्धता को और मज़बूत करते हैं।