उत्तर प्रदेश
वाराणसी में विकास परियोजनाएँ
- 14 Apr 2025
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चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री ने वाराणसी में 3,880 करोड़ रुपए से अधिक लागत वाली 44 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित विकास कार्य सम्मिलित हैं।
मुख्य बिंदु
- परियोजनाओं के बारे में:
- वाराणसी रिंग रोड और सारनाथ के बीच सड़क पुल, भिखारीपुर और मंडुआडीह पर फ्लाईओवर और वाराणसी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर NH-31 पर हाईवे अंडरपास रोड सुरंग की आधारशिला रखी।
- बिजली के बुनियादी ढाँचे में सुधार करते हुए, वाराणसी मंडल के जौनपुर, चंदौली और गाज़ीपुर ज़िलों में दो 400 KV (किलोवोल्ट) और एक 220 KV ट्रांसमिशन सबस्टेशन का उद्घाटन किया।
- पुस्तकालयों और आंगनवाड़ी केंद्रों को जोड़कर ग्रामीण शिक्षा में सुधार किया गया और स्मार्ट सिटी मिशन के तहत प्राथमिक विद्यालयों को उन्नत करने की नींव रखी गई।
- प्रधानमंत्री ने एकता मॉल के निर्माण की घोषणा की, जहाँ काशी में एक ही छत के नीचे पूरे भारत के विविध शिल्प और उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा।
- पशुपालन करने वाले परिवारों को 105 करोड़ से ज़्यादा का बोनस दिया गया, जिनमें ज़्यादातर महिलाएँ थीं। इन महिलाओं को अब "लखपति दीदी" के नाम से जाना जाता है।
- प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान वय वंदना कार्ड भी दिये, जिससे 70 साल से ज़्यादा उम्र के सभी लोगों को मुफ़्त स्वास्थ्य सेवा मिल सकेगी, चाहे उनकी आय कुछ भी हो।
- आयुष्मान भारत योजना के तहत उत्तर प्रदेश के कई परिवारों को मुफ़्त इलाज मिला है।
- उद्देश्य:
- यह परियोजनाएँ वाराणसी और आस-पास के पूर्वांचल क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को तीव्र करेंगी।
- इन परियोजनाओं का उद्देश्य वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे का सुधार करना है, इससे न केवल आम नागरिकों की जीवन गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहर को भी बढ़ावा मिलेगा।
वाराणसी
- परिचय
- यह उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख और ऐतिहासिक नगर है, जिसे काशी और बनारस के नाम से भी जाना जाता है।
- यह नगर गंगा नदी के तट पर स्थित है और हिंदू धर्म में इसे अत्यन्त पवित्र और महत्त्वपूर्ण तीर्थ स्थल माना जाता है।
- वाराणसी नाम का उद्गम यहाँ की दो स्थानीय नदियों वरुणा नदी एवं असि नदी के नाम से मिलकर बना है। ये नदियाँ गंगा नदी में क्रमशः उत्तर एवं दक्षिण से आकर मिलती हैं।
- यह बौद्ध और जैन धर्मों का भी प्रमुख तीर्थ स्थल है।
- गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश सारनाथ (बनारस) में दिया था।
- वाराणसी को हिंदू धर्म में "अविमुक्त क्षेत्र" के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है, जहाँ मरने से आत्मा को मुक्ति मिलती है।
- वाराणसी को "मंदिरों का शहर", "दीपों का शहर", "ज्ञान नगरी" जैसे विशेषणों से संबोधित किया जाता है।
- यह शहर हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का बनारस घराना का केंद्र है। यहाँ के प्रमुख संगीतज्ञों और कलाकारों में उस्ताद बिस्मिल्लाह खां, पंडित रवि शंकर और गिरिजा देवी शामिल हैं।
- शिक्षा और विश्वविद्यालय:
- वाराणसी में चार प्रमुख विश्वविद्यालय हैं: बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइयर टिबेटियन स्टडीज़ और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय।
- पर्यटन स्थल:
- काशी विश्वनाथ मंदिर
- भारत माता मंदिर
- सारनाथ
- अस्सी घाट