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उत्तराखंड

उत्तराखंड की पहली योग नीति

  • 23 Jun 2025
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण में 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राज्य की पहली योग नीति का शुभारंभ किया। 

  • साथ ही गढ़वाल और कुमाऊँ क्षेत्रों में 'आध्यात्मिक आर्थिक क्षेत्र' (Spiritual Economic Zones) के निर्माण की भी घोषणा की गई।

मुख्य बिंदु

  • योग नीति के बारे में: 
    • इसका उद्देश्य उत्तराखंड को योग और कल्याण की वैश्विक राजधानी के रूप में विकसित करना है।
    • यह नीति 'हर घर योग, हर व्यक्ति को स्वास्थ्य' की अवधारणा को बढ़ावा देती है, जिसमें केंद्र सरकार का सहयोग प्राप्त है।
  • वित्तीय प्रावधान: 
    • इस नीति के तहत योग और ध्यान केंद्रों की स्थापना के लिये अधिकतम 20 लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जाएगी।
    • योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा से संबंधित अनुसंधान गतिविधियों को अधिकतम 10 लाख रुपए तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा।
  • कार्यान्वयन लक्ष्य: 
    • मार्च 2026 तक राज्य के सभी आयुष स्वास्थ्य और वेलनेस केंद्रों पर योग सेवाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी।
    • वर्ष 2030 तक राज्य में पाँच नए योग केंद्र विकसित किये जाएंगे।
  • आध्यात्मिक आर्थिक क्षेत्र: 
    • इन क्षेत्रों को आयुर्वेद, योग और आध्यात्मिक पर्यटन के लिये अंतर्राष्ट्रीय केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
    • इन क्षेत्रों के माध्यम से राज्य में नए रोज़गार के अवसर सृजित होंगे।
    • यह पहल स्थानीय स्तर पर आजीविका के अवसर उपलब्ध कराकर पहाड़ी क्षेत्रों से पलायन को रोकने में सहायक सिद्ध होगी।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के बारे में: 
    • शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण के लिये योग के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने तथा इसके अभ्यास के माध्यम से वैश्विक सद्भाव और शांति को बढ़ावा देने के लिये पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।
  • उद्गम और संयुक्त राष्ट्र की घोषणा: 
    • इसका प्रस्ताव भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र (2014) में रखा गया था, जिसके परिणामस्वरूप 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (IDY) घोषित किया गया।
    • पहला योग दिवस वर्ष 2015 में मनाया गया था, जिसकी थीम थी: "Yoga for Harmony and Peace" (सामंजस्य और शांति के लिये योग)।
    • वर्ष 2025 का विषय है “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिये योग”।
  • 21 जून का महत्त्व: 
    • यह तिथि ग्रीष्म अयनांत (Summer Solstice) के साथ संयोग रखती है, जो उत्तरी गोलार्द्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है। योग परंपरा में यह दिन प्रकाश, ऊर्जा तथा आध्यात्मिक जागरण का प्रतीक माना जाता है।
  • वैश्विक मान्यता: 
    • यूनेस्को ने वर्ष 2016 में योग को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता दी।
    • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने योग को मानसिक और शारीरिक कल्याण और गैर-संक्रामक रोगों (NCDs) से निपटने के एक प्रभावी साधन के रूप में मान्यता दी है तथा इसे अपने वैश्विक कार्य योजना (2018–30) में शामिल किया है।
    • वर्ष 2015 में भारत के युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय ने योग को एक 'प्राथमिकता' खेल अनुशासन के रूप में वर्गीकृत किया।
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