उत्तराखंड
उत्तराखंड में रणनीतिक सलाहकार समिति
- 07 Jun 2025
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चर्चा में क्यों?
उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) ने नवाचार और प्रभावी कार्यान्वयन पर एक रणनीतिक सलाहकार समिति के गठन को मंज़ूरी दे दी है।
- इसके अलावा, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सामाजिक विकास, कौशल निर्माण और तकनीकी नवाचार को आगे बढ़ाने के लिये तीन प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किये।
मुख्य बिंदु
- रणनीतिक सलाहकार समिति: शासन नवाचार और प्रभावी कार्यक्रम कार्यान्वयन को बढ़ावा देने के लिये मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में।
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टाटा ट्रस्ट के साथ त्रिपक्षीय समझौता: जल प्रबंधन, पोषण, टेलीमेडिसिन, ग्रामीण आजीविका और हरित ऊर्जा पर केंद्रित 10 वर्षीय साझेदारी।
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नैसकॉम के साथ कौशल विकास समझौता: उत्तराखंड को एक तकनीकी कौशल केंद्र के रूप में स्थापित करेगा, जिसमें AI, डाटा विज्ञान, साइबर सुरक्षा और पायथन में पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए जाएंगे।
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वाधवानी फाउंडेशन के साथ समझौता: सरकारी कॉलेजों में 1.2 लाख छात्रों के लिये AI-संचालित व्यक्तित्व विकास और कौशल प्रशिक्षण को एकीकृत करना।
राज्यपाल
- परिचय
- राज्यपाल भारत में किसी राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है, जो राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रपति के समान भूमिका निभाता है।
- उनका पद भारतीय संविधान के अनुच्छेद 153 से 162 के अंतर्गत परिभाषित है और वे दोहरी क्षमता में कार्य करते हैं:
- संवैधानिक प्रमुख के रूप में, राज्य की मंत्रिपरिषद की सलाह से बँधे हुए।
- संघ और राज्य सरकार के बीच एक कड़ी के रूप में, भारत के संघीय ढाँचे के भीतर समन्वय सुनिश्चित करना।
- नियुक्ति एवं कार्यकाल:
- भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त।
- 5 वर्ष का कार्यकाल होता है, हालाँकि त्यागपत्र या बर्खास्तगी से इसे कम किया जा सकता है।
- वह भारतीय नागरिक होना चाहिये, कम-से-कम 35 वर्ष का होना चाहिये तथा किसी लाभ के पद पर नहीं होना चाहिये।
- शक्तियाँ एवं जिम्मेदारियाँ:
- कार्यकारी, विधायी और विवेकाधीन शक्तियाँ रखता है।
- राज्य शासन, कानून निर्माण और आपातकालीन प्रावधानों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- राज्य में संवैधानिक विफलता की स्थिति में अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करता है।