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राजस्थान की प्री-प्राइमरी कक्षाओं में संस्कृत

  • 21 Aug 2025
  • 20 min read

चर्चा में क्यों?

राजस्थान सरकार राज्य के सरकारी स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाओं के लिये संस्कृत को एक विषय के रूप में शुरू करने जा रही है। यह देश में पहली बार होगा, जिसका उद्देश्य 3 से 5 वर्ष की आयु के बच्चों को इस प्राचीन भाषा से परिचित कराना है।

मुख्य बिंदु

  • पाठ्यक्रम विकास: 
    • प्री-प्राइमरी छात्रों के लिये विशेष रूप से तैयार की गई संस्कृत पुस्तकें राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (RSCERT) द्वारा विकसित की गई हैं और इन्हें NCERT तथा राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया है। 
    • ये पुस्तकें संस्कृत और हिंदी/अंग्रेज़ी दोनों माध्यम के सरकारी स्कूलों में उपयोग हेतु तैयार की गई हैं, जो इस पहल के समावेशी दृष्टिकोण को दर्शाती हैं। 
    • प्रत्येक पुस्तक में संस्कृत, हिंदी और अंग्रेज़ी में पढ़ाए गए शब्दों की सूची शामिल है, साथ ही बच्चों को अपनी मातृभाषा में शब्द लिखने का स्थान भी दिया गया है। 
    • सामग्री में रोज़मर्रा की वस्तुओं (संख्याएँ, पशु, पक्षी) के चित्र और उनके साथ संबंधित संस्कृत शब्द शामिल हैं।
  • राज्य का दीर्घकालिक दृष्टिकोण: राजस्थान में वर्तमान में 2,369 संस्कृत विद्यालय हैं। यह परियोजना तीन चरणों में शुरू होगी: 
    • चरण 1: 757 नए प्री-प्राइमरी संस्कृत विद्यालयों में संस्कृत की शुरुआत की जाएगी, जो एक महीने के भीतर खुलेंगे।
    • चरण 2 और 3: अगले वर्ष तक राजस्थान के 962 महात्मा गांधी अंग्रेज़ी माध्यम स्कूलों (MGEMS) और 660 पीएम-श्री स्कूलों में संस्कृत शुरू की जाएगी।
  • NEP के साथ संरेखण: 
    • पुस्तकें राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप हैं। इनमें अंक, सप्ताह के दिन, शरीर के अंग तथा नैतिक कहानियाँ जैसी अवधारणाएँ सम्मिलित की गई हैं।

संस्कृत भाषा

  • यह एक इंडो-आर्यन भाषा है और इसे सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक माना जाता है। 
  • इसे भारत की अधिकांश भाषाओं की जननी भी कहा जाता है।
  • इसकी उत्पत्ति लगभग 3,500 वर्ष पहले भारत में मानी जाती है और इसे अक्सर देववाणी (देवताओं की भाषा) कहा जाता है।
  • संस्कृत को दो भागों में विभाजित किया गया है:
    • वैदिक संस्कृत: संस्कृत का पुराना और अधिक प्राचीन रूप, जिसका प्रमाण ऋग्वेद, उपनिषदों तथा पुराणों में मिलता है।
    • लौकिक संस्कृत: संस्कृत का बाद का और अधिक मानकीकृत रूप, जो पाणिनि के व्याकरण पर आधारित है तथा साहित्य, दर्शन, विज्ञान तथा कला में प्रयुक्त होता है।

नोट

  • संस्कृत भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 आधिकारिक भाषाओं में से एक है।
  • इसे तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, ओडिया, मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगला के साथ 11 शास्त्रीय भाषाओं में शामिल किया गया है।
  • वर्ष 2010 में संस्कृत को उत्तराखंड की दूसरी आधिकारिक भाषा घोषित किया गया।
  • कर्नाटक के मत्तूर गाँव में सभी लोग संस्कृत भाषा में संवाद करते हैं।

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