राजस्थान
राजस्थान में खुशी शाला कार्यक्रम
- 13 Nov 2025
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चर्चा में क्यों?
राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (RSCERT) ने कक्षा 1-5 तक के विद्यार्थियों के लिये एक अग्रणी मानसिक स्वास्थ्य एवं कल्याण पहल खुशी शाला शुरू की है।
- राजस्थान प्राथमिक शिक्षा में इस प्रकार का कार्यक्रम शुरू करने वाला भारत का पहला राज्य है।
मुख्य बिंदु
- उद्देश्य:
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवा विद्यार्थियों को सफलता और असफलता दोनों का सामना करने का तरीका सिखाकर उनके मानसिक स्वास्थ्य को सशक्त बनाना है।
- यह बच्चों को असफलताओं से विचलित हुए बिना अपनी सीखने की यात्रा निरंतर जारी रखने हेतु प्रेरित करता है।
- मुख्य घटक:
- माइंडफुलनेस व्यायाम: शरीर और मन के बीच संबंध के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिये गतिविधियाँ।
- करुणा विकास: विद्यार्थियों में करुणा और सहानुभूति का पोषण करने के लिये विशेष गतिविधियाँ।
- आत्म-खोज मार्गदर्शन: विद्यार्थियों को उनके व्यक्तिगत मूल्य पहचानने और उनके अनुसार महत्त्वपूर्ण चीज़ों को आगे बढ़ाने में मदद करना।
- पायलट परियोजना (2024):
- वर्ष 2024 में सिरोही और बांसवाड़ा ज़िलों में प्रत्येक में 30-30 स्कूलों में आयोजित की गई; विद्यार्थियों में परिवर्तन का अवलोकन करने हेतु 120 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया।
- शिक्षक प्रशिक्षण:
- पायलट प्रोजेक्ट के पश्चात 165 शिक्षकों को राज्य संसाधन समूह बनाने हेतु प्रशिक्षित किया गया।
- ये शिक्षक अब ज़िला स्तर पर अन्य शिक्षकों को प्रशिक्षण दे रहे हैं।
- दिसंबर 2025 तक, विभाग का लक्ष्य प्रत्येक ज़िले में 40 प्रशिक्षित शिक्षक और राज्य में लगभग 12,000 शिक्षकों को प्रशिक्षित करना है।
- इसके अतिरिक्त प्रत्येक पंचायत में कम-से-कम एक प्रशिक्षित शिक्षक सुनिश्चित करना है।
- पायलट प्रोजेक्ट के पश्चात 165 शिक्षकों को राज्य संसाधन समूह बनाने हेतु प्रशिक्षित किया गया।
- शिक्षक पुस्तिकाएँ:
- कक्षा 1–5 के लिये विशेष पुस्तिकाएँ, क्षमतालय फाउंडेशन और अमेरिका स्थित गैर-लाभकारी संगठन ब्रियो के सहयोग से विकसित की गई हैं।
- ये पुस्तिकाएँ मास्टर प्रशिक्षकों के लिये मुद्रित की गई हैं।
- दिसंबर से सभी प्राथमिक स्कूल शिक्षकों के लिये इन पुस्तिकाओं का मोबाइल-अनुकूल संस्करण उपलब्ध हो जाएगा।