मध्य प्रदेश
पीएम गतिशक्ति योजना के तहत रेलवे अवसंरचना परियोजनाएँ
- 04 Jun 2025
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चर्चा में क्यों?
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में दो प्रमुख रेलवे बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनकी संयुक्त अनुमानित लागत 3,399 करोड़ रुपए है।
मुख्य बिंदु
- रेलवे परियोजनाओं के बारे में:
- इन परियोजनाओं की कुल लंबाई लगभग 176 किमी. होगी, जो महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के चार ज़िलों में फैली होंगी।
- इनका कार्य वित्तीय वर्ष 2029-30 तक पूरा होना निर्धारित है।
- इन परियोजनाओं का उद्देश्य कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना, यात्रियों और माल के आवागमन को सुचारू बनाना तथा क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना है।
- ये परियोजनाएँ "न्यू इंडिया" की परिकल्पना के अनुरूप हैं, जो क्षेत्रीय विकास को प्रोत्साहित करके और रोज़गार बढ़ाकर स्थानीय समुदायों को आत्मनिर्भर नाने का लक्ष्य रखती हैं।
- गाँवों और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव:
- विस्तारित रेलवे क्षमता से 784 गाँवों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जिससे लगभग 19.74 लाख लोगों की आबादी सीधे तौर पर प्रभावित होगी।
- ये गलियारे कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, जिप्सम, फ्लाई ऐश, कंटेनर, कृषि उपज और पेट्रोलियम उत्पादों जैसी प्रमुख वस्तुओं के परिवहन के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।
- इस पहल से कुशल और अकुशल दोनों प्रकार के रोज़गार के अवसर सृजित होंगे जिससे ग्रामीण आजीविका में योगदान मिलेगा।
- माल ढुलाई क्षमता और आर्थिक लाभ:
- इन परियोजनाओं से प्रति वर्ष 18.40 मिलियन टन (MTPA) अतिरिक्त माल ढुलाई का भार संभालने का अनुमान है।
- उन्नत माल ढुलाई से आपूर्ति शृंखला को अनुकूलित करने, रसद लागत को कम करने और क्षेत्र में आर्थिक विकास को गति देने में मदद मिलेगी।
- पर्यावरणीय प्रभाव:
- नई रेल लाइनों से तेल आयात में 20 करोड़ लीटर की कमी आने की उम्मीद है।
- इससे CO₂ उत्सर्जन में भी 99 करोड़ किलोग्राम की कमी आएगी, जो 4 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।
- यह टिकाऊ बुनियादी ढाँचे और कम कार्बन अर्थव्यवस्था के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान
- परिचय:
- अक्तूबर 2021 में शुरू किया गया PM गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान 100 लाख करोड़ रुपए की एक परिवर्तनकारी पहल है, जिसका उद्देश्य अगले पाँच वर्षों में भारत के बुनियादी ढाँचे में क्रांतिकारी बदलाव लाना है।
- इसे BISAG-N (भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग एवं भू-सूचना विज्ञान संस्थान) द्वारा डिजिटल मास्टर प्लानिंग टूल के रूप में विकसित किया गया है।
- इसे गतिशील भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) प्लेटफॉर्म पर तैयार किया गया है, जिसमें सभी मंत्रालयों/विभागों की विशिष्ट कार्य योजनाओं के आँकड़ों को एक व्यापक डाटा बेस में शामिल किया गया है।
- इस योजना का उद्देश्य परियोजनाओं को तेज़ी से पूरा करना, समयसीमा को कम करना तथा अंतरमंत्रालयी बाधाओं को दूर करके भारत की वैश्विक स्पर्द्धा को बढ़ाना है।
- PM गतिशक्ति का विज़न एक विश्वस्तरीय बुनियादी ढाँचा विकसित करना है, जो जीवन को आसान बनाए, आर्थिक विकास को बढ़ावा दे और भारतीय व्यवसायों को अधिक प्रतिस्पर्द्धी बनाए।
- प्रमुख विशेषताएँ:
- डिजिटल एकीकरण : इसे एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसे 16 मंत्रालयों के प्रयासों को एकीकृत करने के लिये डिज़ाइन किया गया है, ताकि सभी क्षेत्रों में निर्बाध बुनियादी अवसंरचना परियोजना और कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सके।
- बहु-क्षेत्रीय सहयोग : इसमें सागरमाला परियोजना, भारतमाला परियोजना,अंतर्देशीय जलमार्ग, शुष्क बंदरगाह और उड़ान सहित कई प्रमुख कार्यक्रमों से बुनियादी अवसंरचनात्मक पहलों को शामिल किया गया है।
- आर्थिक क्षेत्र : आर्थिक उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिये टेक्सटाइल क्लस्टर, फार्मास्युटिकल हब, रक्षा गलियारे और कृषि क्षेत्र जैसे प्रमुख आर्थिक क्षेत्रों को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
- प्रौद्योगिकी का उपयोग: BiSAG-N द्वारा विकसित उन्नत स्थानिक नियोजन उपकरण और इसरो सैटेलाइट मानचित्रण, नियोजन और प्रबंधन के लिये डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।
आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA)
- इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं और यह सार्वजनिक क्षेत्र के निवेश के लिये प्राथमिकताएँ निर्धारित करती है।
- यह एक एकीकृत आर्थिक नीति ढाँचा विकसित करने के लिये आर्थिक प्रवृत्ति की निरंतर समीक्षा करती है तथा विदेशी निवेश सहित आर्थिक क्षेत्र में नीतियों एवं गतिविधियों की देखरेख करती है, जिसके लिये उच्च स्तरीय निर्णय लेने की आवश्यकता होती है।