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भारतीय अर्थव्यवस्था

पीएम मित्र योजना एवं वस्त्र क्षेत्र

  • 18 Mar 2023
  • 11 min read

प्रिलिम्स के लिये:

पीएम मित्र योजना, वस्त्र क्षेत्र, सार्वजानिक-निजी भागीदारी (PPP), प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI), GDP, कृषि, IIP, SAFTA 

मेन्स के लिये:

भारत का कपड़ा क्षेत्र, क्षमता और चुनौतियाँ

चर्चा में क्यों? 

केंद्र ने पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (PM-MITRA) योजना के तहत नए टेक्सटाइल पार्क स्थापित करने के लिये तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में स्थानों का चयन किया है।

  • वर्ष 2026-27 तक पार्कों की स्थापना की जाएगी। परियोजना के लिये कुल परिव्यय 4,445 करोड़ रुपए है, हालाँकि वर्ष 2023-24 के बजट में प्रारंभिक आवंटन केवल 200 करोड़ रुपए है।

पीएम मित्र योजना:

  • परिचय: 
    • ‘पीएम मित्र’ पार्क को सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) मोड में एक ‘विशेष प्रयोजन वाहन’ (SPV) द्वारा विकसित किया जाएगा, जिसका स्वामित्त्व केंद्र और राज्य सरकार के पास होगा।
    • प्रत्येक ‘मित्र’ पार्क में एक इन्क्यूबेशन सेंटर, कॉमन प्रोसेसिंग हाउस और एक कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट तथा अन्य टेक्सटाइल संबंधी सुविधाएँ जैसे- डिज़ाइन सेंटर और टेस्टिंग सेंटर होंगे।
  • कार्यान्वयन: 
    • विशेष प्रयोजन वाहन: केंद्र और राज्य सरकार के स्वामित्त्व वाली एक SPV प्रत्येक पार्क के लिये स्थापित की जाएगी जो परियोजना के कार्यान्वयन की निगरानी करेगी।
    • विकास हेतु पूंजी सहायता: कपड़ा मंत्रालय SPV को प्रति पार्क 500 करोड़ रुपए तक की वित्तीय सहायता विकास हेतु पूंजी सहायता के रूप में प्रदान करेगा।
    • प्रतिस्पर्द्धी प्रोत्साहन सहायता (CIS): पीएम मित्र पार्क में इकाइयों को प्रति पार्क 300 करोड़ रुपए तक का CIS भी तेज़ी से कार्यान्वयन को प्रोत्साहित करने के लिये प्रदान किया जाएगा।
    • अन्य योजनाओं के साथ अभिसरण: मास्टर डेवलपर और निवेशक इकाइयों को अतिरिक्त प्रोत्साहन के लिये भारत सरकार की अन्य योजनाओं के साथ अभिसरण की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।

योजना का महत्त्व:

  • रसद लागत में कमी:
    • यह रसद लागत को कम करेगा और कपड़ा क्षेत्र की मूल्य शृंखला को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्द्धी बनने हेतु मज़बूत करेगा।
    • कपड़ा निर्यात को बढ़ावा देने के भारत के लक्ष्य में उच्च रसद लागत को एक प्रमुख बाधा माना जाता है।
    • रोज़गार सृजन: 
    • इन पार्कों में 70,000 करोड़ रुपए के निवेश से करीब 20 लाख लोगों के लिये रोज़गार सृजित होने की उम्मीद है।
    • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में वृद्धि: 
    • ये पार्क देश में ‘प्रत्यक्ष विदेशी निवेश’ (FDI) को आकर्षित करने हेतु महत्त्वपूर्ण हैं।
    • अप्रैल 2000 से सितंबर 2020 तक भारत के कपड़ा क्षेत्र को 20,468.62 करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ था, जो इस अवधि के दौरान कुल विदेशी निवेश प्रवाह का मात्र 0.69% है।
    • प्रतिस्पर्द्धात्मकता:
    • यह क्लस्टर-आधारित दृष्टिकोण क्षेत्र के बढ़ते अपव्यय और रसद लागत को कम करेगा और इस प्रकार देश के कपड़ा क्षेत्र की प्रतिस्पर्द्धात्मकता में सुधार करेगा।

भारत के वस्त्रोद्योग क्षेत्र का परिदृश्य:

  • अवस्था: 
    • कपड़ा क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है, जो कुल सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 2% से अधिक और विनिर्माण क्षेत्र के सकल घरेलू उत्पाद के 12% से अधिक के लिये उत्तरदायी है।
    • टेक्सटाइल सेक्टर में फाइबर से लेकर रेडीमेड गारमेंट्स तक एक विविध मूल्य शृंखला है।
  • क्षमता: 
    • यह क्षेत्र भारत में कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा रोज़गार प्रदाता है। 
      • यह अनुमानित 45 मिलियन लोगों को प्रत्यक्ष रूप से और अन्य 60 मिलियन लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से संबद्ध गतिविधियों के माध्यम से रोज़गार प्रदान करता है।
    • वस्त्र और परिधान में वैश्विक व्यापार के 4% हिस्से के साथ भारत विश्व में वस्त्र और परिधान का छठा सबसे बड़ा निर्यातक है।
    • वित्त वर्ष 2012 में भारत का वस्त्र और परिधान निर्यात (हस्तशिल्प सहित) 44.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का रहा, जो कि 41% की वृद्धि को दर्शाता है।
    • भारत के वस्त्र उद्योग में देश भर में संलग्न नियोजित कर्मचारियों की संख्या लगभग 4.5 करोड़ है जिनमें से हथकरघा श्रमिकों की संख्या 35.22 लाख है। 
  • चुनौतियाँ: 
    • उत्पादन में गिरावट: 
      • औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (Index of Industrial Production- IIP) के आकलन के अनुसार, वस्त्रों के उत्पादन में मार्च 2022 से लगातार गिरावट दर्ज की गई है।
      • सूचकांक मूल्य, जो कि मार्च 2022 में 118.5 था, अक्तूबर 2022 में गिरकर 102.3 हो गया है।
    • आयात में वृद्धि: 
      • अप्रैल से नवंबर 2022 की अवधि में वस्त्र आयात का मूल्य 433 बिलियन रुपए था, पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 313 अरब रुपए का था।
      • भारत ने वर्ष 2006 में दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार समझौते (South Asian Free Trade Agreement- SAFTA) के तहत बांग्लादेश से रेडीमेड वस्त्रों के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी, जिसके परिणामस्वरूप चीनी कपड़ों और धागों से बने परिधानों के आयात में वृद्धि हुई।
    • निर्यात में कमी: 
      • भारत का वस्त्र उद्योग आयातक देशों द्वारा लगाए जा रहे शुल्कों से होने वाले नुकसान से काफी प्रभावित होता है।
      • बांग्लादेश, श्रीलंका और अफ्रीका जैसे देशों को शुल्क-मुक्त पहुँच की सुविधा प्राप्त है तथा यह अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में भारत के वस्त्रों को तुलनात्मक रूप से कम प्रतिस्पर्द्धी बनाते हैं। 
    • विपरीत सीमा शुल्क संरचना: 
      • वस्त्र उद्योग में मानव निर्मित फाइबर (Man-Made Fibre- MMF) मूल्य शृंखला वर्तमान में विपरीत शुल्क संरचना की समस्या का सामना कर रही है, जिसका अर्थ है कि वस्त्र के घटकों पर लगने वाला सीमा शुल्क अंतिम उत्पाद पर लगने वाले शुल्क से अधिक होता है।
      • यह आमतौर पर सरकार द्वारा वापस कर दिया जाता है, इससे सरकार के राजस्व का बहिर्वाह होता है, लेकिन साथ ही यह व्यवसायों के लिये महत्त्वपूर्ण कार्यशील पूंजी प्रवाह को भी बाधित करता है।

वस्त्रोद्योग क्षेत्र से संबंधित पहल: 

आगे की राह 

  • व्यापार उपचार महानिदेशालय (Directorate General of Trade Remedies- DGTR ) ने इंडोनेशिया से आयातित VSF पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी (ADD) लगाने की सिफारिश की है। इस जाँच से पता चला है कि डंपिंग रोधी शुल्क हटाए जाने के बाद इंडोनेशिया से आयात बढ़ा है।
  • भारत वस्त्र उद्योग हेतु मेगा परिधान पार्क और सामान्य बुनियादी ढाँचा स्थापित करके इस क्षेत्र को संगठित कर सकता है। इसके अलावा अप्रचलित मशीनरी एवं प्रौद्योगिकी के आधुनिकीकरण पर ध्यान देना होगा।
  • भारत को वस्त्र क्षेत्र के लिये एक व्यापक ढाँचे की ज़रूरत है। इसके तैयार हो जाने के परिणामस्वरूप देश को मिशन मोड के रूप में संचालित करने की ज़रूरत है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)

  1. पिछले दशक में भारत-श्रीलंका व्यापार के मूल्य में सतत् वृद्धि हुई है।
  2. भारत और बांग्लादेश के बीच होने वाले व्यापार में "कपड़े और कपड़े से बनी चीज़ों" का व्यापार प्रमुख है।
  3. पिछले पाँच वर्षों में दक्षिण एशिया में भारत के व्यापार का सबसे बड़ा भागीदार नेपाल रहा है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 2 
(b) केवल 2
(c) केवल 3 
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)


प्रश्न. भारत में अत्यधिक विकेंद्रीकृत सूती वस्त्र उद्योग के लिये कारकों का विश्लेषण कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2013)

स्रोत: द हिंदू

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