ध्यान दें:





State PCS Current Affairs


मध्य प्रदेश

स्माइल-बी पर राष्ट्रीय कार्यशाला

  • 15 Jul 2025
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय (MoSJE) ने इंदौर में एक राष्ट्रीय कार्यशाला एवं अभिविन्यास कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें भिक्षावृत्ति में संलिप्त व्यक्तियों के व्यापक पुनर्वास के उद्देश्य से स्माइल-बी उप-योजना पर ध्यान केंद्रित किया गया।

मुख्य बिंदु

स्माइल-बी के बारे में:

  • यह SMILE पहल की एक उप-योजना है, जिसका उद्देश्य भीख माँगने में संलिप्त व्यक्तियों को सम्मानजनक एवं स्थायी समर्थन के साथ समाज की मुख्यधारा में पुनः शामिल करके 'भिक्षावृत्ति मुक्त भारत' का निर्माण करना है।
  • दिसंबर 2024 तक यह योजना 81 शहरों/कस्बों में लागू की जा चुकी है, जिनमें प्रमुख तीर्थस्थल, ऐतिहासिक स्थल एवं पर्यटन स्थल शामिल हैं।
  • अगले चरण में इसका विस्तार 50 अतिरिक्त शहरों तक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
  • अप्रैल 2025 तक भारत में 9,958 व्यक्तियों की पहचान भीख माँगने में संलिप्त के रूप में की गई है, जिनमें से विभिन्न योजना हस्तक्षेपों के माध्यम से 970 व्यक्तियों का सफलतापूर्वक पुनर्वास किया गया है।

राष्ट्रीय कार्यशाला और अभिविन्यास कार्यक्रम के बारे में:

  • इस कार्यक्रम में भीख माँगने में संलिप्त व्यक्तियों के लिये बचाव कार्य, प्राथमिक पुनर्वास और आजीविका पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया।
  • कार्यशाला में राज्य नोडल अधिकारियों, शहरी स्थानीय निकाय (ULB) के प्रतिनिधियों, गैर सरकारी संगठनों तथा नागरिक समाज समूहों सहित विविध प्रतिभागियों ने भाग लिया।
  • प्रतिभागियों ने SMILE-B योजना के कार्यान्वयन में आने वाली चुनौतियों और अपनाई गई श्रेष्ठ प्रथाओं पर केंद्रित विचार-विमर्श किया।

SMILE योजना के बारे में

  • अक्तूबर 2023 में प्रारंभ की गई SMILE योजना (Support for Marginalized Individuals for Livelihood and Enterprise) का उद्देश्य 'भिक्षावृत्ति मुक्त भारत' का निर्माण करना है।
  • पुनर्वास रणनीति: इस योजना के अंतर्गत:
    • पहचान, पहुँच और पुनर्वास के लिये स्थानीय निकायों के साथ समन्वय किया जाता है।
    • फोटो/वीडियो दस्तावेज़ीकरण के माध्यम से सहानुभूतिपूर्ण जुड़ाव और व्यक्तिगत प्रोफाइलिंग की जाती है।
    • ज़िला प्रशासन, गैर सरकारी संगठन, स्वयं सहायता समूह तथा मंदिर ट्रस्ट जैसे संस्थान परामर्श, शिक्षा तथा पुनः एकीकरण सहायता जैसी सेवाएँ प्रदान करते हैं।

भिक्षावृत्ति 

  • भिक्षावृत्ति में विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से भीख माँगना शामिल होता है, जैसे गाना, वस्तुएँ बेचना या शारीरिक विकृतियाँ प्रदर्शित करना
  • स्थिति:
    • जनगणना 2011 के अनुसार, भारत में 4.13 लाख भिखारी हैं, जिनमें सर्वाधिक संख्या उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में है।
    • सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना (SECC) 2011 के अनुसार, 6.62 लाख ग्रामीण परिवार अपनी आजीविका के लिये भीख माँगने पर निर्भर हैं।
  • संवैधानिक आधार:
    • अवारागर्दी (जिसमें भिक्षावृत्ति शामिल है) समवर्ती सूची (सूची-III, प्रविष्टि 15) के अंतर्गत आती है, जहाँ केंद्र और राज्य, दोनों को कानून बनाने का अधिकार है।
  • केंद्रीय कानून का अभाव:
    • भारत में भीख माँगने से संबंधित कोई एक समान केंद्रीय कानून नहीं है।
    • वर्तमान में बॉम्बे भिक्षावृत्ति निवारण अधिनियम, 1959 प्रमुख कानून के रूप में लागू है, जो भीख माँगने को अपराध घोषित करता है और भिखारियों की व्यापक परिभाषा प्रस्तुत करता है।

close
Share Page
images-2
images-2