उत्तर प्रदेश
CIL और UPRVUNL के बीच समझौता
- 14 May 2025
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चर्चा में क्यों?
कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) और उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (UPRVUNL) ने प्रदेश में सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करने हेतु समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये हैं।
मुख्य बिंदु
- समझौता ज्ञापन के बारे में:
- यह समझौता CIL की हरित ऊर्जा क्षेत्र में रणनीतिक पहल का हिस्सा है और उत्तर प्रदेश की तेज़ी से बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने की दिशा में एक मज़बूत कदम है।
- यह एक गैर-बाध्यकारी (Non-binding) समझौता है, जो उत्तर प्रदेश के भीतर 500 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करने के उद्देश्य से किया गया है।
- सौर ऊर्जा
- सौर ऊर्जा, जिसे सूर्य से प्राप्त ऊर्जा के रूप में जाना जाता है, एक स्वच्छ और अक्षय ऊर्जा स्रोत है। यह सौर प्रौद्योगिकी के माध्यम से उपयोग की जाती है, जो मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है:
- सौर तापीय: इसमें सूर्य की ऊष्मा का उपयोग पानी को गर्म करने के लिये किया जाता है।
- सौर फोटोवोल्टिक (पीवी): इसमें सूर्य की किरणों को विद्युत ऊर्जा में बदलने के लिये फोटोवोल्टिक प्रभाव का उपयोग किया जाता है।
- सौर ऊर्जा का उपयोग:
- सौर प्रौद्योगिकियाँ मापनीय और लचीली होती हैं, जो पूरे शहर को सौर फार्मों के माध्यम से बिजली प्रदान कर सकती हैं।
- विकेंद्रीकृत प्रणालियों के द्वारा दूरदराज़ क्षेत्रों में भी बिजली की आपूर्ति की जा सकती है।
- छतों पर सौर पैनल लगाकर घरों और वाणिज्यिक भवनों को ऊर्जा प्रदान की जा सकती है।
- उदाहरण: कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा एक ऐसा उदाहरण है जहाँ सौर ऊर्जा का प्रभावी उपयोग किया जा रहा है।
- सौर ऊर्जा, जिसे सूर्य से प्राप्त ऊर्जा के रूप में जाना जाता है, एक स्वच्छ और अक्षय ऊर्जा स्रोत है। यह सौर प्रौद्योगिकी के माध्यम से उपयोग की जाती है, जो मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है:
- सौर ऊर्जा के महत्त्व:
- जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता में कमी।
- कार्बन उत्सर्जन को कम करना।
- वायु गुणवत्ता में सुधार।
- ऊर्जा तक पहुँच और सुरक्षा को बढ़ावा देना।
कोल इंडिया लिमिटेड (CIL)
- परिचय: CIL भारत में एक सरकारी स्वामित्व वाली कोयला खनन कंपनी है, जो देश में कोयला संसाधनों के उत्पादन और प्रबंधन के लिये ज़िम्मेदार है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1975 में की गई थी, जो विश्व की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक खनन कंपनी है।
- संगठनात्मक संरचना: CIL को 'महारत्न' सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ECL), भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (BCCL) जैसी 8 सहायक कंपनियों के माध्यम से कार्य करती है।
- महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (MCL) CIL की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक सहायक कंपनी है।
- सामरिक महत्त्व: भारत की स्थापित विद्युत क्षमता का आधे से अधिक हिस्सा कोयला आधारित है, जिसमें CIL देश के कुल कोयला उत्पादन का लगभग 78% आपूर्ति करता है।
- भारत की प्राथमिक वाणिज्यिक ऊर्जा आवश्यकताओं में भी कोयले का योगदान 40% है।
- खनन क्षमता: आठ भारतीय राज्यों में CIL 84 खनन क्षेत्रों में कार्य करती है तथा कुल 313 सक्रिय खदानों का प्रबंधन करती है।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (UPRVUNL)
- यह राज्य सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाला एक तापीय विद्युत उत्पादन उपक्रम है, जो प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित पाँच ताप विद्युत ग्रहों का संचालन करता है।
- इसका गठन 25 अगस्त 1980 को कंपनी अधिनियम, 1956 के अंतर्गत किया गया था, ताकि राज्य में नवीन ताप विद्युत परियोजनाओं का निर्माण किया जा सके।
- निगम द्वारा निर्मित प्रथम परियोजना ऊँचाहार ताप विद्युत ग्रह (2x210 मेगावाट) थी, जिसे 13 फरवरी 1992 को एन.टी.पी.सी. को हस्तांतरित कर दिया गया।
- बाद में, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत सुधार अधिनियम 1999 तथा उत्तर प्रदेश स्थानांतरण योजना 2000 के अंतर्गत उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद का पुनर्गठन कर इसे तीन सार्वजनिक उपक्रमों में बाँटा गया—
- उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (विद्युत उत्पादन हेतु)
- उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (विद्युत वितरण हेतु)
- उत्तर प्रदेश पावर ट्रान्समिशन कारपोरेशन लिमिटेड (विद्युत पारेषण हेतु)।