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राजस्थान

राज्य में अब 19 ज़िलों में कुल 44 अधिसूचित वेटलैंड की सूची जारी

  • 20 Jul 2023
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

19 जुलाई, 2023 को राजस्थान वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शिखर अग्रवाल ने बताया कि पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा वेटलैंड्स के संरक्षण एवं एकीकृत प्रबंधन के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्य के 19 ज़िलों में कुल 44 अधिसूचित वेटलैंड्स की सूची जारी की गई है, जिसके अंतर्गत राज्य के बारां ज़िले मे सर्वाधिक 12 वेटलैंड्स होंगे।  

प्रमुख बिंदु  

  • राज्य के 19 ज़िलों के 44 वेटलैंड्स से राज्य में पारिस्थितिकीय तंत्र सुदृढ़ होगा एवं वन्यजीवों के लिये बेहतर खाद्य श्रृंखला उपलब्ध हो सकेगी। पृथ्वी की किडनी के रूप में पहचाने जाने वाले वेटलैंड्स प्राकृतिक संतुलन को बनाये रखने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण एवं जल संचयन व शुद्धिकरण में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। 
  • पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार राज्य में अब कुल 44 अधिसूचित आर्द्रभूमि (वेटलैंड्स) क्षेत्र होंगे, जिनके अंतर्गत बारां ज़िले में वेटलैंड्स एकलेरा सागर, कोटरापार तालाब, बेथाली डैम, हिंगलोत डैम, उतावली डैम, सेहरोल डैम, गरड़ा तालाब, नियाना तलाई, नाहरगढ़, तेजा जी की तलाई, पुष्कर तालाब, ल्हासी डैम शामिल हैं।
  • बीकानेर ज़िला अंतर्गत देवी कुंड सागर एवं सूरसागर, बूंदी ज़िला के अंतर्गत नवल सागर लेक, चित्तौडगढ़ ज़िले में मंगलवाड़ तालाब, किशन कारेरी, बड़वई लेक, गंभीरी डैम, डूंगरपुर ज़िले में साबेला तालाब, जोधपुर ज़िला अंतर्गत कायलाना व सूरपुरा, कोटा के अंतर्गत पक्षी विहार कैनवास, किशोर सागर, हनोतिया, नागौर ज़िले में डीडवाना (खाल्दा), पाली ज़िले में लखोटिया तालाब एवं लोरडिया तालाब, राजसमंद ज़िला के अंतर्गत राज्यावास एवं राघव सागर वेटलैंड्स शामिल हैं।
  • इनके अलावा सीकर ज़िले में रेवासा, टोंक ज़िले में बुद्धसागर, बीसलपुर, चंदलाई, मोतीसागर, गलवानिया, टोरडी सागर, उदयपुर ज़िले में मेनार तालाब वेटलैंड कॉम्प्लेक्स, भीलवाड़ा ज़िले में चावंडिया, प्रतापगढ़ ज़िले में केसरियावाड़, सिरोही ज़िले में लाखेराव तालाब, अजमेर ज़िले में बड़ा तालाब, जालौर ज़िले में रनखार, झालावाड़ ज़िले में बड़बेला तालाब शामिल है। 
  • अधिसूचना के अनुसार आर्द्रभूमि क्षेत्र एवं आस पास के क्षेत्र में किसी भी प्रकार के अतिक्रमण पर रोक रहेगी तथा किसी भी प्रकार का नया उद्योग स्थापित करने एवं मौजूदा उद्योगों के विस्तार पर प्रतिबंध रहेगा।  
  • साथ ही ठोस, खतरनाक व ई-अपशिष्ट पदार्थों के संग्रहण एवं निष्कासन पर प्रतिबंध रहेगा। मछलियों एवं माइग्रेटरी पक्षियों को आमजन द्वारा दिये जाने वाले खाद्य पदार्थों पर प्रतिबंध रहेगा। वाणिज्यिक खनन, पत्थर उत्खनन के साथ क्रशिंग इकाइयों पर भी प्रतिबंध रहेगा। किसी भी प्रकार के शिकार पर प्रभावी रोक रहेगी।  
  • आर्द्रभूमि के क्षेत्र एवं क्षमता को कम करने वाली गतिविधियों सहित प्रदूषण उत्सर्जन करने वाली समस्त वाणिज्यिक गतिविधियाँ प्रतिबंधित रहेंगी। साथ ही किसी भी प्रकार की भूजल निकासी प्रतिबंधित होगी।
  • अधिसूचना के अनुसार वेटलैंड्स क्षेत्र में मछली पालन, नावों का संचालन, डिसिल्टिंग, अस्थायी निर्माण, विशेष उद्देश्य के लिये पानी की निकासी की जा सकेगी।  
  • क्या होते है वेटलैंड (आर्द्रभूमि): 
    • ‘किडनी ऑफ द लैंडस्केप’एवं बायोलॉजिकल सुपरमार्केट’के नाम से पहचानी जाने वाली ऐसी नम एवं दलदली भूमि, जो वर्ष भर आंशिक रूप से या पूर्णत: जल से भरी रहती है।  
    • वेटलैंड्स वो पारिस्थितिकीय तंत्र हैं, जो बाढ़ के दौरान जल के आधिक्य का अवशोषण कर लेते हैं, जिससे कि मानवीय आवास वाले क्षेत्र जलमग्न होने से बच जाते हैं।  
    • इसके अलावा ‘कार्बन अवशोषण’व ‘भू-जल स्तर’मे वृद्धि जैसी महत्त्वपूर्ण भूमिकाओं का निर्वहन कर वेटलैंड्स पर्यावरण संरक्षण में अहम् योगदान देते हैं।

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