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न्यायमूर्ति सूर्यकांत 53वें मुख्य न्यायाधीश नियुक्त
- 31 Oct 2025
- 14 min read
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत को भारत का 53वाँ मुख्य न्यायाधीश (CJI) नियुक्त किया है।
मुख्य बिंदु
- परिचय:
- वे 24 नवंबर, 2025 को न्यायमूर्ति बी. आर. गवई के उत्तराधिकारी के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे और 10 फरवरी, 2027 तक लगभग 15 माह का कार्यकाल पूरा करेंगे।
- वह हरियाणा से भारत के पहले मुख्य न्यायाधीश होंगे।
- वह पहली पीढ़ी के वकील हैं, जो अपनी स्पष्ट टिप्पणियों, संतुलित निर्णयों और संवैधानिक नैतिकता पर ज़ोर देने के लिये जाने जाते हैं।
- उनके कार्यकाल में न्यायिक सुलभता, प्रशासनिक सुधार और संवैधानिक व्याख्या में स्थिरता पर विशेष ध्यान दिये जाने की संभावना है।
 
- महत्त्वपूर्ण निर्णय:
- अनुच्छेद 370: पाँच-सदस्यीय पीठ के सदस्य रहे, जिसने अनुच्छेद 370 के निरसन को वैध ठहराया।
- अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का अल्पसंख्यक दर्जा: इस संबंध में महत्त्वपूर्ण निर्णय देने वाली पीठ का हिस्सा रहे।
- चुनाव आयोग की निगरानी: वर्तमान में बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया की देखरेख करने वाली पीठ की अध्यक्षता कर रहे हैं।
 
- अनुच्छेद 370: पाँच-सदस्यीय पीठ के सदस्य रहे, जिसने अनुच्छेद 370 के निरसन को वैध ठहराया।
भारत के मुख्य न्यायाधीश:
- अनुच्छेद 124 (2) के तहत मुख्य न्यायाधीश सहित सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- वरिष्ठतम न्यायाधीश को सेवा की अवधि के आधार पर मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाता है ( यह परंपरा है, कोई कानूनी बाध्यता नहीं)।
- अर्हता: मुख्य न्यायाधीश के रूप में अर्हता प्राप्त करने के लिये व्यक्ति को
- भारत का नागरिक होना चाहिये,
- कम-से-कम 5 वर्ष उच्च न्यायालय के न्यायाधीश या
- 10 वर्ष अधिवक्ता के रूप में कार्य किया होना चाहिये,
- अथवा राष्ट्रपति की राय में एक प्रतिष्ठित विधिवेत्ता होना चाहिये।
 
- मुख्य न्यायाधीश को केवल संसद के दोनों सदनों में विशेष बहुमत से पारित प्रस्ताव के पश्चात् ही राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है।
 
             
     
                  
                 
  