बिहार
गोगाबील झील भारत का 94वाँ रामसर स्थल
- 04 Nov 2025
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चर्चा में क्यों?
भारत ने बिहार के कटिहार ज़िले में स्थित गोगाबील झील को रामसर स्थलों की सूची में शामिल कर लिया है, जिससे यह आधिकारिक तौर पर रामसर कन्वेंशन (1971) के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की 94वीं आर्द्रभूमि बन गई है। यह मान्यता आर्द्रभूमि संरक्षण में भारत के बढ़ते नेतृत्व और सतत् पारिस्थितिकी प्रबंधन के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
मुख्य बिंदु
- गोगाबील झील बिहार के कटिहार ज़िले में गंगा और महानंदा नदियों के मध्य स्थित एक गोमुख झील है।
- यह बिहार का पहला सामुदायिक रिज़र्व है और यह वर्षा ऋतु में दोनों नदियों से प्राकृतिक रूप से जुड़कर एक बाढ़ क्षेत्रीय जलभूमि (floodplain wetland) का काम करता है।
- गोगाबील अब बिहार का छठा रामसर स्थल है, जो गोकुल जलाशय और उदयपुर झील जैसे अन्य स्थलों में शामिल हो गया है।
- पारिस्थितिकीय महत्त्व:
- यह प्रवासी पक्षियों के लिये एक प्रमुख आवास और जलीय प्रजातियों के लिये प्रजनन स्थल के रूप में कार्य करता है।
- जलीय वनस्पतियों, मछलियों और आर्द्रभूमि पर निर्भर प्रजातियों सहित समृद्ध जैवविविधता का समर्थन करता है।
- गंगा के मैदानों में बाढ़ नियंत्रण, भूजल पुनर्भरण और जलवायु विनियमन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- भारत की वैश्विक स्थिति:
- 94 रामसर स्थलों के साथ, भारत विश्व स्तर पर यूनाइटेड किंगडम (176) और मैक्सिको (144) के बाद तीसरे स्थान पर और एशिया में पहले स्थान पर है।
- विगत 11 वर्षों में 67 से अधिक नई आर्द्रभूमियाँ जोड़ी गई हैं, जो 13.6 लाख हेक्टेयर से अधिक संरक्षित क्षेत्र को कवर करती हैं।
रामसर कन्वेंशन
- वर्ष 1971 में ईरान के रामसर में हस्ताक्षरित यह कन्वेंशन आर्द्रभूमि के संरक्षण और उपयोग के लिये एक अंतर-सरकारी संधि है।
- वर्तमान में इसके 172 सदस्य देश हैं तथा विश्व भर में 2,500 से अधिक नामित स्थल हैं।