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उत्तराखंड

जोशीमठ आपदा प्रभावितों को बसाने के लिये चार स्थान चिह्नित

  • 18 Jan 2023
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

17 जनवरी, 2023 को उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ आपदा प्रभावितों को पुनर्वासित करने के लिये चार स्थानों पर भूमि का चयन कर लिया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में लोगों को अच्छे घर बनाकर दिये जाने के प्रति विश्वास दिलाने के लिये पहले कोटी फार्म में स्थित उद्यान विभाग की भूमि पर तीन डेमोस्ट्रेशन भवन बनाए जाएंगे। इसमें वन, टू और थ्री बीएचके के प्री-फेब्रीकेटिड मॉडल भवन बनेंगे।
  • किसको कितने कमरों का घर दिया जाएगा, यह बाद में तय किया जाएग। हालाँकि इसके लिये लोगों की भवनों की नापझोख पहले ही कर ली गई है। इसके लिये सीबीआरआई रुड़की को 21 जनवरी तक मॉडल भवन बनाने को कहा गया है।
  • उन्होंने बताया कि आपदा प्रभावितों को बसाने के लिये पाँच स्थानों पर भूमि का चयन किया गया था। इनमें से जीएसआई की रिपोर्ट के आधार पर चार स्थानों को उपयुक्त पाया गया है। इनमें कोटी फार्म, एचआरडीआई की भूमि, पीपलकोटी और ढाक गांव में भूमि शामिल है।
  • डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि स्थानीय प्रशासन की ओर से लोगों से बात की जाएगी, यदि उन्हें यह भवन पसंद आते हैं तो उनके लिये और भवन बनाए जाएंगे। सीबीआरआई की ओर से निर्माण एजेंसियाँ पहले से तय हैं, उनकी दरें भी तय हैं। सीबीआरआई की ओर से इसके लिये 400 रुपए वर्गफुट रेट तय है। इन भवनों की लाइफ 25 से 30 साल होती है।
  • चिह्नित चार स्थान ये हैं-
    • कोटी फार्म: जोशीमठ से लगभग 12 किमी दूर कोटी फार्म के लिये औली से सड़क कटती है। यहाँ राजस्व की भूमि उपलब्ध है।
    • ढाक गांव: मलारी रोड पर स्थित ढाक गांव जोशीमठ से करीब 12 किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ राजस्व की भूमि उपलब्ध है।
    • पीपलकोटी: जोशीमठ से करीब 36 किमी दूर पीपलकोटी में भी सरकारी ज़मीन उलब्ध है।
    • एचआरडीआई की भूमि: जोशीमठ से करीब नौ किमी दूर जड़ी-बूटी शोध संस्थान
      (एचआरडीआई) की भूमि है। 
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