झारखंड
झारखंड में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय
- 25 Jul 2025
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चर्चा में क्यों?
केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर के दौरान झारखंड में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (EMRS) की प्रगति पर प्रकाश डाला।
मुख्य बिंदु
- जून 2025 तक, झारखंड में 51 EMRS कार्यरत हैं, जिनमें 2024-25 शैक्षणिक वर्ष के लिये 7550 छात्र नामांकित हैं।
- व्यय विभाग ने जनवरी 2023 में EMRS के लिये देश भर में 38,480 शिक्षण और गैर-शिक्षण पदों के सृजन को मंजूरी दी।
- झारखंड को कुल 91 EMRS आवंटित किये गये हैं, जिनमें से 68 EMRS योजना के तहत और 23 भारत के संविधान के अनुच्छेद 275(1) के तहत आवंटित किये गये हैं।
- भारतीय संविधान का अनुच्छेद 275(1) अनुसूचित जनजातियों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिये प्रत्येक वर्ष भारत की संचित निधि से अनुदान सहायता की गारंटी देता है।
एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (EMRS)
- EMRS पूरे भारत में भारतीय आदिवासियों (ST–अनुसूचित जनजातियों) के लिये आदर्श आवासीय विद्यालय बनाने की एक योजना है। इसकी शुरुआत वर्ष 1997-98 में हुई थी। इसका नोडल मंत्रालय जनजातीय कार्य मंत्रालय है।
- इन विद्यालयों का विकास दूरस्थ एवं जनजातीय बहुल क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति (ST) के विद्यार्थियों को कक्षा 6 से 12 तक निःशुल्क, गुणवत्तापूर्ण आवासीय शिक्षा प्रदान करने के लिये किया जा रहा है, जिसमें शैक्षणिक के साथ-साथ समग्र विकास पर भी ध्यान दिया जाएगा।
- EMR स्कूल सामान्यतः CBSE पाठ्यक्रम का पालन करते हैं।
- इस योजना का उद्देश्य जवाहर नवोदय विद्यालयों और केंद्रीय विद्यालयों की तरह स्कूलों का निर्माण करना है, जिसमें स्थानीय कला और संस्कृति के संरक्षण के लिये अत्याधुनिक सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, साथ ही खेल तथा कौशल विकास में प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।
- EMRS योजना को वित्त वर्ष 2018-19 में नया रूप दिया गया था।
- संसद के 2023 के बजट सत्र के दौरान, वित्त मंत्री ने घोषणा की कि EMRS में कर्मचारियों की भर्ती की ज़िम्मेदारी राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा सोसायटी (NESTS) को हस्तांतरित की गई।
- NESTS को अब देश भर में 400 से अधिक एकलव्य स्कूलों में 38,000 पदों पर स्टाफ की नियुक्ति का कार्य सौंपा गया है।
- भर्ती के केंद्रीकरण का उद्देश्य EMRS प्रणाली में शिक्षकों की गंभीर कमी को दूर करना तथा राज्यों में भर्ती नियमों को मानकीकृत करना था।
नोट
- राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा सोसायटी (NESTS), जनजातीय कार्य मंत्रालय (MoTA) के तहत स्थापित एक स्वायत्त संगठन है।
- इसका उद्देश्य एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (EMRS) के शिक्षकों और छात्रों के लिये प्रशिक्षण तथा क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करना है।
जनजातीय शिक्षा के लिये अन्य पहल:
- जनजातीय क्षेत्रों में व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र
- पात्र अनुसूचित जनजाति के छात्रों को प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति
- पात्र अनुसूचित जनजाति के छात्रों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति
- अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिये राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति योजना
- उच्च शिक्षा के लिये राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना (उच्चतम श्रेणी): जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा चिह्नित किसी भी संस्थान में डिग्री और स्नातकोत्तर स्तर पर अध्ययन हेतु