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बिहार जैव ईंधन उत्पादन संवर्द्धन (संशोधन) नीति, 2025

  • 14 Jun 2025
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

बिहार सरकार ने निजी क्षेत्र की अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिये अपनी जैव ईंधन उत्पादन संवर्द्धन नीति 2023 को संशोधित करते हुए बिहार जैव ईंधन उत्पादन संवर्द्धन (संशोधन) नीति, 2025 प्रस्तुत की है।

  • संशोधित नीति का उद्देश्य जैव ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि करना तथा नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों की दिशा में राज्य की प्रगति में तेज़ी लाना है।

मुख्य बिंदु

  • बिहार जैव ईंधन उत्पादन संवर्द्धन नीति, 2023 के बारे में:
    • बिहार सरकार ने अपनी पिछली इथेनॉल उत्पादन संवर्द्धन नीति, 2021 को विस्तार देते हुए बिहार जैव ईंधन उत्पादन संवर्द्धन नीति, 2023 का शुभारंभ किया, ताकि इथेनॉल से आगे बढ़कर संपीड़ित जैव-गैस (CBG)/जैव-CNG इकाइयों को भी सम्मिलित किया जा सके। 
    • यह नीति कृषि अवशेषों, पशुओं के गोबर तथा अपशिष्ट का उपयोग करते हुए जैव ईंधन के उत्पादन को बढ़ावा देती है, जिसका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, रोज़गार सृजन करना तथा राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति, 2018 के साथ संरेखण स्थापित करना है।
  • उद्देश्य:
    • इस नीति का उद्देश्य राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति, 2018 के तहत सभी अनुमत फीडस्टॉक्स से 100% ईंधन-ग्रेड इथेनॉल और CBG/बायो-CNG का उत्पादन संभव बनाना है तथा बिहार में इन जैव ईंधनों हेतु ग्रीनफील्ड स्टैंडअलोन इकाइयों को बढ़ावा देना है।
  • कवरेज:
    • नीति में वे इकाइयाँ शामिल हैं जो:
      • 100% ईंधन-ग्रेड इथेनॉल (एकल या दोहरी फीड) का उत्पादन करती हैं।
      • संपीड़ित जैव-गैस (CBG)/जैव-CNG का उत्पादन करती हैं।
  • प्रोत्साहन:
    • यह नीति संयंत्र और मशीनरी लागत का 15% या 5 करोड़ रुपए (जो भी कम हो) की पूंजी सब्सिडी प्रदान करती है।
    • SC, ST, EBC, महिलाएँ, विकलांग, युद्ध विधवाएँ, एसिड अटैक पीड़ित तथा तीसरे लिंग के उद्यमियों के लिये यह सब्सिडी 15.75% या 5.25 करोड़ रुपए (जो भी कम हो) निर्धारित की गई है।
  • बिहार जैव ईंधन उत्पादन संवर्द्धन (संशोधन) नीति, 2025 में प्रमुख परिवर्तन
    • भूमि पट्टा: अब BIADA-प्रबंधित औद्योगिक भूमि का 25% हिस्सा CBG इकाइयों को पट्टे पर दिया जा सकता है। यह पट्टा 75,000 रुपए प्रति एकड़ वार्षिक दर पर 30 वर्षों के लिये होगा।
    • तिथि विस्तार: CBG इकाइयों हेतु चरण-1 मंज़ूरी की अंतिम तिथि एकल खिड़की मंज़ूरी पोर्टल के माध्यम से 31 मार्च, 2027 तक बढ़ाई गई है।
      • CBG परियोजनाओं हेतु वित्तीय स्वीकृति की समय-सीमा 31 मार्च, 2028 तक बढ़ा दी गई है। यह विस्तार निजी निवेशकों तथा तेल विपणन कंपनियों (OMCs) पर लागू होगा।

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