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मध्य प्रदेश

भोजपुर मंदिर में स्वच्छता अभियान

  • 13 Aug 2025
  • 16 min read

चर्चा में क्यों?

10 अगस्त, 2025 को मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड ने राष्ट्रीय गौरव और पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी का संदेश फैलाते हुए संभावित यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल भोजपुर मंदिर (भोजेश्वर महादेव मंदिर) में एक सफल स्वच्छता अभियान का आयोजन किया। 

  • यह कार्यक्रम "आज़ादी का उत्सव, स्वच्छता के संग" थीम पर आयोजित किया गया, जिसमें लोगों को स्वच्छता के साथ आज़ादी का उत्सव मनाने के लिये प्रोत्साहित किया गया।

मुख्य बिंदु

अभियान के बारे में: 

  • पर्यावरण जागरूकता: प्रतिभागियों ने पर्यावरण-अनुकूल अपशिष्ट निपटान, विशेषकर फूलों और प्रसाद के निपटान, स्वच्छता को बढ़ावा देने तथा विरासत के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित किया।
  • आध्यात्मिक जागरूकता: भगवद्गीता से कर्म योग की शिक्षाएँ साझा की गईं, जिसमें सामाजिक, पर्यावरणीय और आध्यात्मिक चेतना का सम्मिश्रण था।

भोजेश्वर महादेव मंदिर 

  • अवस्थिति: भोजपुर, ज़िला रायसेन, मध्य प्रदेश
  • ऐतिहासिक महत्त्व: 11वीं शताब्दी में परमार वंश के राजा भोज द्वारा निर्मित, भगवान शिव को समर्पित। वर्ष 2024 में इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी सूची में शामिल किया गया।
  • वास्तुकला:
    • शैली: भूमिजा, शिखर पर द्रविड़ प्रभाव।
    • भूमिजा शैली की यह वास्तुकला बाद में उदयेश्वर और बीजामंडल जैसे मंदिरों को भी प्रभावित करती है।
  • उल्लेखनीय विशेषताएँ:
    • लिंगम: विशाल आकार का (2.3 मीटर ऊँचा और 5.4 मीटर परिधि)।
    • शिखर: ऊँचा, जटिल नक्काशी और उभारों से युक्त।
    • अपूर्ण संरचना: अधूरा मंडप और छत।
  • अद्वितीय तत्व:
    • समीपवर्ती चट्टानों पर उकेरे गए रेखाचित्र, जो इच्छित मंदिर के संरचना को दर्शाते हैं।
    • स्थल के चारों ओर नक्काशीदार चिनाई ब्लॉक और मिट्टी के रैंप।
  • मंदिर की विशिष्टता:
    • विशाल आकार, जटिल नक्काशी और विशाल लिंगम परमार वंश की स्थापत्य प्रतिभा को प्रदर्शित करते हैं।
    • राजा भोज और परमार वंश के धार्मिक, सांस्कृतिक संरक्षण तथा स्थापत्य दृष्टिकोण का परिचायक।
    • भोजेश्वर मंदिर आकार और भव्यता की दृष्टि से चोल वंश के बृहदेश्वर मंदिर (तंजावुर) के समकक्ष है।
    • यदि यह पूर्ण हो गया होता, तो भोजेश्वर का शिखर 100 मीटर की ऊँचाई के साथ बृहदेश्वर के 59.82 मीटर ऊँचे शिखर से अधिक ऊँचा होता।

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