राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स
भारती पहल
- 03 Sep 2025
- 23 min read
चर्चा में क्यों?
कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने भारती (BHARATI) पहल शुरू की है, जो कृषि-तकनीक और कृषि-खाद्य स्टार्टअप्स को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
मुख्य बिंदु
- उद्देश्य और दृष्टिकोण:
- भारती (BHARATI), जो भारत के कृषि प्रौद्योगिकी, लचीलापन, उन्नति और निर्यात सक्षमता के लिये इनक्यूबेशन केंद्र का संक्षिप्त रूप है, का उद्देश्य कृषि-खाद्य तथा कृषि-तकनीक क्षेत्रों के 100 स्टार्टअप्स को सशक्त बनाना है।
- इस पहल का उद्देश्य नवाचार में तेज़ी लाना और नए निर्यात अवसर सृजित करना है, जिससे वर्ष 2030 तक अनुसूचित उत्पादों के लिये कृषि-खाद्य निर्यात को 50 बिलियन डॉलर तक पहुँचाने के भारत के लक्ष्य का समर्थन मिलेगा।
- प्रथम पायलट समूह:
- पहला समूह, जो सितंबर 2025 में शुरू होगा, 100 स्टार्टअप्स पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिनमें उच्च मूल्य वाले कृषि-खाद्य उत्पादकों से लेकर प्रौद्योगिकी-संचालित सेवा प्रदाता और नवप्रवर्तक शामिल होंगे।
- एआई-आधारित गुणवत्ता नियंत्रण, ब्लॉकचेन ट्रेसेबिलिटी, IoT-सक्षम कोल्ड चेन और एग्री-फिनटेक जैसी उन्नत तकनीकों पर काम करने वाले स्टार्टअप्स शामिल किये जाएंगे।
- नवाचार के लिये प्रमुख क्षेत्र:
- भारती पहल उच्च मूल्य वाले कृषि-खाद्य श्रेणियों जैसे GI-टैग उत्पाद, जैविक खाद्य पदार्थ, सुपरफूड, नवीन प्रसंस्कृत कृषि-खाद्य पदार्थ, पशुधन उत्पाद और आयुष उत्पादों को लक्षित करेगी।
- यह पहल पैकेजिंग, स्थिरता और समुद्री खाद्य प्रोटोकॉल को संबोधित करने वाले अभिनव समाधानों को भी प्रोत्साहित करेगी।
- निर्यात संबंधी चुनौतियों का समाधान:
- यह पहल उत्पाद विकास, गुणवत्ता आश्वासन, शीघ्र नष्ट होने वाले उत्पादों, अपव्यय और रसद से संबंधित प्रमुख निर्यात चुनौतियों के समाधान पर ध्यान केंद्रित करेगी।
- सहयोगात्मक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देकर यह वैश्विक कृषि-खाद्य बाज़ार में भारत की प्रतिस्पर्द्धात्मकता बढ़ाने के लिये लागत प्रभावी समाधान प्रदान करेगी।
- सहयोगात्मक पारिस्थितिकी तंत्र और साझेदारी:
- यह पहल राज्य कृषि बोर्डों, कृषि विश्वविद्यालयों, IIT और NIT जैसे प्रमुख संस्थानों तथा उद्योग निकायों के साथ मिलकर स्टार्टअप्स को आकर्षित करने एवं समर्थन देने के लिये काम करेगी।
- पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत करने के लिये मौजूदा त्वरणक (Existing accelerators) का भी लाभ उठाया जाएगा।
- स्टार्टअप्स को समर्थन:
- एक राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान हितधारकों को शामिल करेगा और समाधान-उन्मुख स्टार्टअप्स को आकर्षित करेगा।
- स्टार्टअप्स को तीन महीने के त्वरण कार्यक्रम से गुजरना होगा, जिसमें उत्पाद विकास, निर्यात तत्परता, विनियामक अनुपालन और बाज़ार पहुँच पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- सरकारी पहलों के साथ संरेखण:
- यह पहल भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत, वोकल फॉर लोकल, डिजिटल इंडिया और स्टार्ट-अप इंडिया पहलों के साथ संरेखित है।
APEDA की स्थापना APEDA अधिनियम, 1985 के तहत की गई थी और इसे अल्कोहलिक तथा गैर-अल्कोहलिक पेय पदार्थ, मांस एवं मांस उत्पाद, पुष्पकृषि उत्पाद आदि जैसे उत्पादों के निर्यात संवर्द्धन व विकास की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।