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अंटार्कटिका दिवस

  • 04 Dec 2025
  • 20 min read

चर्चा में क्यों?

भारत ने 1 दिसंबर, 2025 को अंटार्कटिका दिवस मनाया और साथ ही राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं महासागर अनुसंधान केंद्र (NCPOR), गोवा की 25वीं वर्षगाँठ का उत्सव भी मनाया, जिसने ध्रुवीय तथा महासागरीय अन्वेषण में देश के अग्रणी संस्थान के रूप में इसकी भूमिका की पुष्टि की।

मुख्य बिंदु

अंटार्कटिका दिवस

  • संधि पर हस्ताक्षर (1959): अंटार्कटिका संधि पर 1 दिसंबर, 1959 को 12 देशों द्वारा हस्ताक्षर किये गए थे, जिसके तहत पृथ्वी के लगभग 10% क्षेत्र का उपयोग पूरी मानवता के लाभ के लिये विशेष रूप से शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिये किया जाना था।
  • ऐतिहासिक पहल: यह संधि पहला परमाणु-हथियार नियंत्रण समझौता बन गई तथा पहली ऐसी संस्थान बन गई है, जो राष्ट्रीय अधिकार क्षेत्र से बाहर अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में मानव गतिविधियों का नियंत्रण करती है।
  • अंटार्कटिक संधि शिखर सम्मेलन (2009): वर्ष 2009 में 50वीं वर्षगाँठ शिखर सम्मेलन में अंटार्कटिक संधि के तहत शांतिपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के पाँच दशकों का उत्सव मनाया गया।
  • अंटार्कटिका दिवस का निर्माण (2010): 50 वर्ष के समारोहों से प्रेरित होकर, फाउंडेशन फॉर द गुड गवर्नेंस ऑफ इंटरनेशनल स्पेसेस (आवर स्पेसेस) ने वर्ष 2010 में अंटार्कटिका दिवस की शुरुआत की
  • उद्देश्य: अंटार्कटिका दिवस का उद्देश्य संधि के बारे में वैश्विक जागरूकता प्रचारित करना तथा इसे मानव सभ्यता में शांति और सहयोग के एक उपलब्धि के रूप में मनाना है।
  • भारत की भूमिका: भारत वर्ष 1983 से एक परामर्शदात्री पक्ष रहा है, जिससे उसे मतदान का अधिकार मिला है और अनुसंधान केंद्रों को संचालित करने तथा अंटार्कटिका के वैज्ञानिक तथा पर्यावरणीय शासन में योगदान करने की क्षमता मिली है।

राष्ट्रीय ध्रुवीय और महासागरीय अनुसंधान केंद्र (NCPOR)

  • स्थापना: 
  • भूमिका: 
    • गोवा में स्थित यह केंद्र बहु-विषयक ध्रुवीय और दक्षिणी महासागर अनुसंधान का नेतृत्व करता है तथा इसमें पीएच.डी. अध्ययन हेतु मान्यता प्राप्त अनुसंधान सुविधाएँ उपलब्ध हैं। यह भारत के डीप ओशन मिशन में भी मुख्य भूमिका निभाता है, जिससे ध्रुवीय विज्ञान को रणनीतिक राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ जोड़ा जाता है।
  • अनुसंधान केंद्र: NCPOR ने भारत के स्थायी अनुसंधान केंद्रों की स्थापना की है: दक्षिण गंगोत्री, मैत्री, भारती (अंटार्कटिका) और हिमाद्री (आर्कटिक), साथ ही हिमालयी अनुसंधान केंद्र हिमांश भी संचालित करता है।
  • भविष्य की पहल: वित्त मंत्रालय ने मैत्री-II, एक नया पूर्वी अंटार्कटिका अनुसंधान केंद्र, जो NCPOR द्वारा संचालित होगा, को अनुमोदित किया है।
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